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Thursday, 25 April, 2024
होमहेल्थकोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर की तुलना में 7 गुना तेज, 9 दिनों में 10 हजार से 1 लाख पहुंचे केस

कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर की तुलना में 7 गुना तेज, 9 दिनों में 10 हजार से 1 लाख पहुंचे केस

covid19bharat.org पर मौजूद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य बुलेटिन के डेटा से आंकड़े जुटाने के बाद दिप्रिंट की समीक्षा से पता चलता है कि 10 दिनों से भी कम समय में कोरोना मामले दस गुना बढ़ गए.

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नई दिल्ली: देशभर में चल रही कोरोना की तीसरी लहर के दौरान कोविड के दैनिक मामले सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना के केस जितनी जल्दी 10 हजार से 1 लाख तक पहुंचे हैं, ये महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक देखी गई मामलों में आने वाली सबसे ज्यादा तेजी है.

covid19bharat.org पर मौजूद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य बुलेटिन के डेटा से आंकड़े जुटाने के बाद दिप्रिंट की समीक्षा से पता चलता है कि 10 दिनों से भी कम समय में कोरोना मामले दस गुना बढ़ गए.

इसके अलावा दूसरी लहर की तुलना में सात गुना तेजी से और पहली लहर की तुलना में 11 गुना तेजी देखी गई है.

वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक, गुरुवार को भारत में 1,16,898 मामले सामने आए. इससे ठीक नौ दिन पहले यानी 29 दिसंबर को देश में 13,159 मामले दर्ज किए गए थे.

2020 में पहली लहर के दौरान, भारत ने 6 जून को 10 हजार मामलों को पार किया था. लेकिन उस लहर में देश ने एक लाख के दैनिक आंकड़े को बिल्कुल भी नहीं छुआ. 11 सितंबर को कोरोना के 97,655 मामलों के साथ पीक देखी गई. यह करीब एक लाख का आंकड़ा 98 दिनों में, या तीन महीने से थोड़े ज्यादा समय में देखने को मिला था.

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दूसरी लहर फरवरी 2021 में शुरू हुई और जिसमें ज्यादा तेजी देखी गई थी. 2 फरवरी को भारत में 11,001 मामले दर्ज किए गए थे, जो 63 दिन बाद 6 अप्रैल को बढ़कर 1,15,312 हो गए.

दूसरी लहर में, दैनिक कोविड के मामले 30 अप्रैल को 4 लाख पर पहुंच गए.

अब जब तीसरी लहर शुरू हो गई है तो इसमें बहुत कम समय में मामले बढ़ रहे हैं, पिछले एक सप्ताह में सक्रिय मामलों में, मौतों की संख्या में, ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में भी विस्फोट देखने को मिल रहा है.

31 दिसंबर को भारत में करीब 1.1 लाख एक्टिव केस थे. उनके पास अब तीन गुना से अधिक 3.7 लाख मामले हैं.

सक्रिय मामले स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर बोझ बढ़ा सकते है. अगर ठीक होने की तुलना में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, तो इसका मतलब है कि अस्पतालों में जाने वालों की संख्या अस्पताल से डिस्चार्ज होने वालों की तुलना में अधिक है.

महाराष्ट्र वर्तमान में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है, जिसमें पिछले एक सप्ताह में 90,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं, इसके बाद पश्चिम बंगाल (30,391), दिल्ली (27,088) और तमिलनाडु (15,358) हैं।

कर्नाटक (13,461), झारखंड (12,131) और गुजरात (11,384) में भी लहर का असर देखा जा रहा है.

हालांकि प्रतिशत के लिहाज से देखें तो उत्तर प्रदेश और बिहार, जो राज्य पिछले सप्ताह तक कम आंकड़े रिपोर्ट कर रहे थे, उनमें सबसे बड़ी छलांग देखी गई है.

बिहार में एक्टिव मामले 1000 प्रतिशत के उछाल के साथ 487 से 5,726 तक पहुंच गए हैं. उत्तर प्रदेश में 800 प्रतिशत के उछाल के साथ एक्टिव मामले 862 से 8,434 तक पहुंच गए हैं.

छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और मध्य प्रदेश में भी इस अवधि में सक्रिय मामलों में लगभग पांच गुना वृद्धि देखी गई है. इन सभी राज्यों ने कम से कम 2,000 सक्रिय मामले जोड़े हैं.

नोट: सभी डेटा 7 जनवरी, सुबह 10 बजे तक का है.

(इस खबर अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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