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Sunday, 22 December, 2024
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केंद्र सरकार किसी को भी राफेल घोटाले की जांच नहीं करने देगी: राहुल गांधी

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राहुल ने कहा, ‘सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को हटाकर पीएम ने संदेश दिया है कि राफेल के आस-पास जो भी आएगा, उसे मिटा दिया जाएगा.’

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि राफेल ‘घोटाले’ के दस्तावेज इकट्ठे करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक को ‘जबरन अवकाश’ पर भेजकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि रक्षा सौदे के सच के करीब जाने वाले हर व्यक्ति को ‘मिटा’ (वाइप्ड आउट) दिया जाएगा.

राहुल ने ट्वीट किया, ‘सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा राफेल घोटाले के दस्तावेज इकट्ठे कर रहे थे. उन्हें जबरन अवकाश पर भेज दिया गया. प्रधानमंत्री का संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि राफेल के आस-पास जो भी व्यक्ति आएगा, उसे हटा दिया जाएगा, मिटा दिया जाएगा.’

केंद्र द्वारा वर्मा को अवकाश पर और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत के आरोपों की जांच कर रहे दर्जनों अधिकारियों के स्थानांतरण करने के कुछ घंटों के बाद राजस्थान में उन्होंने राफेल सौदे पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा, ‘देश और संविधान खतरे में है.’

केंद्र ने सीबीआई के संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को निदेशक की जिम्मेदारियां निभाने को कहा है.

भाजपा पर बरसा विपक्ष

विपक्ष ने बुधवार को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को ‘हटाए’ जाने को लेकर हमला बोला. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट में कहा, ‘मोदी सरकार ने सीबीआई की आजादी में आखिरी कील ठोंक दी है. सीबीआई का व्यवस्थित विध्वंस और विघटन अब पूरा हो गया है. एक वक्त की शानदार जांच एजेंसी, जिसकी ईमानदारी, विश्वसनीयता और भरोसे को खत्म करने का काम प्रधानमंत्री ने किया है.’

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी सीबीआई निदेशक को बर्खास्त करने के लिए जो सीधे नहीं कर सकते, गुप्त रूप से और चुपके से करना चाहते हैं. मोदी सरकार और भाजपा द्वारा गंभीर आपराधिक मामलों की जांच में सीबीआई के निरंतर दुरुपोयग के माध्यम से बाधा डालने की आदत ही इस अव्यवस्था का सबसे बड़ा कारण है.’

उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री ने सीबीआई की इस गुप्त लूट के जरिए अपने बदनाम मोदी के गुजरात मॉडल का असली रंग प्रदर्शित किया है.’

सुरजेवाला ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या राफेल घोटाले में भ्रष्टाचार की जांच करने में उत्सुकता दिखाने के कारण सीबीआई निदेशक को ‘बर्खास्त’ किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘क्या यह अपनी गलती को छिपाने का प्रयास नहीं है? प्रधानमंत्री जवाब दीजिए.’

किस कानून के तहत हुई कार्रवाई

आम आदमी पार्टी सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस कदम को उठाने के लिए सरकार के अधिकार को लेकर सवाल उठाया.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेजने का क्या कारण है? किस कानून के तहत मोदी सरकार को यह अधिकार मिला कि वह लोकपाल अधिनियन के मुताबिक नियुक्त एक जांच एजेंसी के प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई शुरू करे? मोदी सरकार क्या छिपाने का प्रयास कर रही है?’

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने भी ट्विटर पर केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना की और इसे अवैध करार दिया.

उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार ने खुद से चुने अधिकारी की रक्षा करने के लिए सीबीआई चीफ को अवैध रूप से हटा दिया है, जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की जांच की जा रही है. भाजपा के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व के इस अधिकारी से सीधे संबंधों पर पर्दा डालने के लिए यह किया गया है.’

उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई पिंजरे में बंद एक तोता बनकर ना रह जाए, इसके लिए एजेंसी के चीफ को सरकारों की सनक से सुरक्षा देने के लिए दो साल का कार्यकाल दिया था. मोदी सरकार घबराहट में उठाए गए कदम से क्या छिपाने की कोशिश कर रही है.

मध्यरात्रि के एक चौंकाने वाले फैसले में केंद्र सरकार ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से प्रभार लेकर उनकी जगह एजेंसी के संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को निदेशक पद का प्रभार सौंप दिया.

‘सरकार भ्रष्ट लोगों को बचा रही है’

इस मसले पर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने बयान दिया ​है, ‘केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई के कामकाज में हस्तक्षेप और संस्था के दुरुपयोग के कारण पहले भी तबाही की स्थिति रही है और अब जो हो रहा है वह भी देश के लिए चिंता का विषय है. यह अच्छा है कि जिस मामले में पहले से केंद्र सरकार का हस्तक्षेप था, वह अब सुप्रीम कोर्ट के पास है.’

बिहार विधानसभा में ​नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ​ट्वीट किया, ‘करप्ट ब्रोकर्स आॅफ इंडिया (सीबीआई) को बचाने के लिए सेंट्रल बीजेपी इन्ट्र्यूडर (सीबीआई) ने वास्तव में सेंट्रल ब्यूरो आॅफ इनवेस्टीगेशन (सीबीआई) का चार्ज ले लिया है.’

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘सीबीआई के नरसंहारकर्ता ईडी के राजेश्वर को सस्पेंड करने वाले हैं ताकि वे पी चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट न फाइल कर सकें. यदि ऐसा हुआ तो मेरे पास भ्रष्ट लोगों के खिलाफ लड़ने का कोई कारण नहीं रहेगा. मेरी सरकार ही भ्रष्ट लोगों को बचा रही है. अगर ऐसा होता है तो मैंने भ्रष्टाचार के जितने भी केस फाइल किए हैं, सारे वापस ले लूंगा.’

डीएमके नेता एमके स्टालिन ने एक बयान में कहा, ‘नागेश्वर राव के खिलाफ कई शिकायतें सीबीआई को भेजी गईं थीं. ऐसी खबर है कि आलोक वर्मा उनके खिलाफ आरोपों की जांच करना चाह रहे थे.’

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ )

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