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Saturday, 20 April, 2024
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किसान क्रांति यात्रा : मांगों को लेकर ‘दिल्ली कूच’ की तैयारी

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किसानों के बीच फसल बीमा योजना को लेकर आक्रोश है. उनका कहना है कि इस योजना से उनको कोई लाभ नहीं मिल रहा है.

नई दिल्ली: अपनी कर्ज़ माफी और फसल बीमा समेत कई मांगों को लेकर किसानों का काफिला दिल्ली की तरफ कूच कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने एलान किया है कि वह किसान रैली को दिल्ली में घुसने नहीं देंगे. ऐसे में मंगलवार को दिल्ली की सीमा पर टकराव की स्थिति की पूरी गुंजाइश है.

किसान यात्रा को लेकर पूरा प्रशासन अलर्ट पर है. प्रशासन ने पूरी गंभीरता दिखते हुए तैयारियां पूरी कर ली है.

वही दिप्रिंट से बात करते हुए भारतीय किसान संगठन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम दिल्ली कूच करेंगे और अपनी मांगों को सरकार के सामने रखेंगे.

किसान यात्रा में हज़ारों किसानों के साथ सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर ट्रालियां भी हैं. इसी कारण किसानों की यात्रा शुरू होने के बाद जो लोग दिल्ली-मेरठ हाईवे पर यात्रा कर रहे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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दिप्रिंट से बात करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों की समस्याओं को गिनाया और कहा की किसानों को अपनी मांगों को लेकर बहुत आक्रोश है.

किसानों की प्रमुख मांगें

टिकैत ने कहा कि हमारी मुख्य मांगे है कि “ सरकार किसानों का पूर्ण रूप से कर्ज माफ करें. बिजली के बढ़ाए गए दाम वापस लिए जाए, किसानों के पेंशन और गन्ने का बकाया भुगतान जल्द से जल्द किया जाए.”

किसानों के बीच फसल बीमा योजना को लेकर आक्रोश है. उनका कहना है कि इस योजना से उनको कोई लाभ नहीं मिल रहा है.

इसके अलावा किसान आंदोलनकारी चाहते है कि किसानों के लिए न्यूनतम आय तय की जानी चाहिए. सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दी जानी चाहिए.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 10 साल से पुराने डीज़ल वाहनों पर लगी रोक से ट्रैक्टर और कृषि उपकरण को मुक्त करने की भी वे मांग कर रहे है.

किसानों ने साथ ही खेती में उपयोग होने वाली सभी वस्तुओं को जीएसटी से बाहर करने की मांग अहम की है.

किसान यात्रा 23 सितम्बर को हरिद्वार से शुरू हुई थी अब यह अपने आख़री पड़ाव पर है.

उम्मीद की जा रही है मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और पूर्वी उत्तरप्रदेश के किसान भारी संख्या में आज दिल्ली पहुंच जायेंगे.

हज़ारो कि संख्या में किसान साहिबाबाद पहुंच चुके है वो दिल्ली में दो अक्टूबर को सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखेंगे.

किसान नेता कहते है कि किसानों में इतना आक्रोश है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो आंदोलन की आग और फैल सकती है.

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