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Thursday, 21 November, 2024
होमशासनभारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों ने कहा हम है असली आईआरएस, ना कहें आईआरएस(आई - टी)

भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों ने कहा हम है असली आईआरएस, ना कहें आईआरएस(आई – टी)

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आई-टी विभाग के अधिकारियों से बनी आईआरएस एसोसिएशन ने सीबीडीटी को लिखा पत्र , कहा हम आईआरएस हैं न कि आईआरएस ( आई – टी )

नई दिल्ली: भारतीय राजस्व सेवा के अंदर अपना अपना दबदबा बनाने को लेकर एक लड़ाई छिड़ी है। यह सरकार के अंतर्गत आनेवाली सेवा है जिसका एक गुट “असली” आईआरएस होने का दावा कर रहा है।

आईआरएस की दो शाखाएं हैं – आईआरएस (आयकर) और आईआरएस (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) – जो स्वयं दो कानूनी संस्थाओं , क्रमशः केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और सीबीआइसी के अंतर्गत आते हैं।

“असली” आईआरएस होने का दावा करते हुए, आईआरएस असोसिएशन – जोकि मुख्यतः आयकर विभाग के अफसरों से बनी है – ने चार अलग अलग मंत्रालयों (वित्त मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और सीबीडीटी) को पत्र लिखकर मांग की है कि उन्हें आईआरएस (आई -टी ) के पदनाम से न बुलाकर आईआरएस कहा जाए क्योंकि उनका मानना है कि ऐसा न होने से इस सम्मानित सेवा की साख में कमी आती है।

वरीय आईआरएस अफसर जयंत मिश्रा ने दिप्रिंट को बताया – “हमारी सेवाओं का दायरा बहुत बड़ा है और हमारे सेवार्थियों की संख्या भी। हमारी सेवा के आगे “आई – टी” लिखने से इसकी साख कम होती है। आईआरएस आयकर से जुड़ा हुआ एक जाना माना ब्राण्ड नेम है।

डी आर आई द्वारा 3000 करोड़ के हीरा आयात घोटाले का पर्दाफाश किये जाने के बाद सीमा शुल्क विभाग के तीन आईआरएस अफसरों का तबादला कर दिया गया। इसका उदाहरण देते हुए मिश्रा कहते हैं कि ऐसी घटनाएं इस प्रतिष्ठित सेवा का नाम ख़राब कर रही हैं।

14 मई, 2018 को लिखे पत्रों में आईआरएस एसोसिएशन कहती है “यह देखा गया है कि कई सरकारी संचारों में इस सेवा को अक्सर भारतीय राजस्व सेवा (आयकर), आईआरएस (आईटी), या भारतीय आयकर सेवा के रूप में गलत तरीकों से संबोधित किया जाता आ रहा है। मुख्यतः यह इस सेवा को वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आनेवाली अन्य सेवाओं जैसे कि भारतीय राजस्व सेवा (सीमा एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क )से अलग दिखाने के लिए किया जाता है।

इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि ऐसे अंतरों की वजह से भ्रम की स्थिति तो पैदा होती ही है, सेवा का ब्रांड नेम भी ख़राब होता है। चिट्ठी में आगे है ” आईआरएस को अन्य सेवाओं जैसे आईआरएस ( सी एवं सीई ) या मिलते जुलते नामों वाली सेवाओं जैसे आईआरएसई एवं आईआरएस से अलग दिखाने के इन प्रयासों के फलस्वरूप गलत नामकरण एवं सेवा के नाम में विरूपण की समस्या आती है। ”

सीबीडीटी से इस संबंध में “स्पष्टीकरण” जारी करने की मांग करते हुए एसोसिएशन ने कहा, “भारतीय राजस्व सेवा, और इसका संक्षिप्त नाम आईआरएस, दोनों ही देश और विदेश में मान्यता प्राप्त ब्रांड हैं। हमारा अनुरोध है कि सारे आधिकारिक संचारों में इस सेवा का सही नाम बिगाड़े बिना प्रयोग में लाया जाए।

आईआरएस एसोसिएशन द्वारा इस मामले को सम्बद्ध अधिकारियों के समक्ष उठाये जाने के बावजूद इस संगठन का आधिकारिक ट्विट्टर हैंडल अब भी “आईआरएस (सीमा शुल्क और आई-टी) एसोसिएशन” है।

एक आईआरएस अधिकारी के अनुसार ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि एसोसिएशन आई-टी को अपने नाम से तब तक नहीं हटा सकता जब तक सरकार “स्पष्टीकरण जारी नहीं करती”।

Read in English : We are the real IRS, don’t call us ‘I-T’, say India’s taxmen

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