दीमापुर: नागालैंड के दीमापुर में कैट्स कलेक्शन में पत्थरों, मोतियों, सेक्विन और अन्य सुंदर-सुंदर चीजों से जड़े चमकदार सफेद गाउन से शोरूम भरा हुआ है. हलचल भरे बाजार क्षेत्र से दूर इस दुकान में कुछ सबसे खूबसूरत कपड़े हैं जो कई नागा दुल्हनें अपने शादी वाले दिन पहनने का सपना देखती हैं. हालांकि, बाहर से इस जगह की सुंदरता का लोगों को पता नहीं चलता है.
कैट्स के ब्राइडल गाउन की रेंज 10,000 रुपये से शुरू होती है तो फिर सबसे महंगे गाउन का क्या रेच होगा? अपने बड़े भाई केनीवोर के साथ स्टोर की चलाने वाली विज़ुओनुओ रियो ने सोच कर कहा, “स्काई इज़ द लिमिट.”
जब नागालैंड में शादी पर खर्च की बात आती है तो न सिर्फ गाउन पर बल्कि अन्य चीजों में भी पूरी दुनिया की तरह वास्तव में ‘स्काई’ ही ‘लिमिट’ होता है. हालांकि, पिछले एक दशक में, नागाओं द्वारा विवाह समारोह आयोजित करने के मामले में, विशेष रूप से राजधानी कोहिमा और दीमापुर के व्यापारिक केंद्र में, एक बड़ा बदलाव आया है. यदि हॉलीवुड के रोमकॉम्स ने अब तक भारतीय शादी के बहुत साधारण होने की छवि बनाई है तो, तो नागालैंड अपने विवाह स्थलों के शानदार सजावटों के जरिए इस तस्वीर को बदलने की कोशिश कर रहा है जो सभी को आश्चर्य में डालने वाला है.
राज्य के कुछ सबसे लोकप्रिय इवेंट डेकोरेटर्स – एडीएल वेडिंग, सीएम वेडिंग्स या फेवर्स – के इंस्टाग्राम पेजों पर एक नज़र डालने से पता चलता है कि नागालैंड में वेडिंग शो किस तरह से चलता है. यहां तक कि उनकी शानदार सजावट को देखकर पूर्वोत्तर के दूसरे राज्यों से भी लोग उनकी सर्विसेज के लिए संपर्क कर रहे हैं, हालांकि, उन्हें इनके आने-जाने का एक्स्ट्रा खर्च उठाना पड़ता है क्योंकि सैकड़ों किलोमीटर दूर सजावट के सामान को लाद के ले जाना आसान नहीं होता.
चाहे वह गार्डन-थीम हो या फॉरेस्ट-थीम वाली सजावट, या एक पियानोवादक को काम पर रखना या कलाकारों को शादी समारोह के दौरान लाइव पोर्ट्रेट पेंट करना, इन सभी कामों के लिए नागा समाज बाकी भारत के बजाय पश्चिम से प्रेरित नजर आता है.
एक बड़ी, सुंदर नागा शादी
भारत के अन्य हिस्सों में एक हिंदू, मुस्लिम या यहां तक कि कुछ ईसाई शादियों के विपरीत, जिसमें संगीत या अन्य रस्में दो-तीन दिनों तक चलती रहती हैं, एक नागा विवाह एक दिन का मामला है.
दिन की शुरुआत चर्च में मिलन समारोह के साथ होती है. समारोह – ब्राइडल मार्च, भजन और गीतों से भरा हुआ – एक या दो घंटे के भीतर समाप्त हो जाता है और जोड़े मेहमानों के साथ स्वागत समारोह के लिए एक अलग स्थान पर चले जाते हैं. हालांकि, ऐसी शादियां होती हैं जहां दोनों समारोह (एक-दूसरे से वादे की रस्म और स्वागत का आदान-प्रदान) दुल्हन के घर पर या एक अलग स्थान पर आयोजित किए जाते हैं.
विज़िटुओनूओ ने कहा,”बहुत से लोग बाद वाले विकल्प को ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि यह एक ही स्थान पर हो जाता है और सब लोग यहीं पर इकट्ठा हो जाते हैं. इसलिए यह अधिक सुविधाजनक है.” आगे उन्होंने कहा कि चर्च में जगह की कमी के कारण केवल करीबी परिवार और दोस्त ही चर्च समारोह में शामिल हो पाते हैं.
एक नागा विवाह एक दिन में संपन्न हो सकता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह बहुत सस्ता पड़ता है. हर कोई शादी के दिन को यादगार बनाना चाहता है. और इसके लिए अच्छे खासे पैसे खर्च करने पड़ते हैं. कुल खर्च का सबसे बड़ा हिस्सा सजावट पर ही खर्च होता है.
2016 से कैट कलेक्शन का संचालन करने वाली और शादी में सजावट की सर्विस भी देने वाली भाई-बहन की इस जोड़ी ने कहा कि लगभग 400 मेहमानों के लिए रिसेप्शन की जगह की सजावट में कम से कम करीब 10 लाख रुपये का खर्च आता है. केनीवोर ने कहा, “10 लाख रुपये शुरुआत होती है. सजावट के हिसाब से यह 5-10 करोड़ रुपये तक भी जा सकता है.”
एक अन्य वेडिंग डेकोरेटर, एडीएल वेडिंग्स की अबोली दीना येप्थोमी, 2008 से व्यवसाय में हैं और उन्होंने देखा कि राज्य में वेडिंग उद्योग कैसे बदल गया है. उन्होंने कहा कि जब शादी होगी तो इसमें पेशेवर मेकअप आर्टिस्ट, फोटोग्राफर और म्यूजिक बैंड शामिल होंगे.
उन्होंने कहा, “ब्राइडल एंट्री के लिए क्लाइंट प्रोफेशनल म्यूजिशियन या पियानोवादक को हायर करेंगे. फूड सेक्शन में… हम आमतौर पर नागा भोजन परोसते हैं और शाकाहारी विकल्पों के तौर पर हमारे पास भारतीय व्यंजन होता है. लेकिन अब, लोग अब मिठाइयों की बहुत बड़ी टेबल, ग्रेजिंग टेबल, कॉन्टिनेंटल टेबल और इंडियन स्टार्टर को भी पसंद करते हैं.”
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सुंदरता में आते बदलाव
राज्य में शादियां हमेशा से एक भव्य सामुदायिक आयोजन रही हैं जिसमें पूरा गांव शामिल होता है. नागालैंड में 150 साल पहले ईसाई धर्म की शुरुआत के साथ ही लोगों ने आदिवासी रीति-रिवाजों को अपने अनूठे तरीके से जीवित रखते हुए ‘व्हाइट वेडिंग’ की प्रथा को अपनाया. और जबकि चर्च का कार्यक्रम वही रहा है, इंटरनेट और सोशल मीडिया के आगमन के साथ, रिसेप्शन रचनात्मकता और भव्यता के दिखावे का एक जरिया बन गया और नागा लोग भी इसमें पीछे नहीं हैं.
कैट्स कलेक्शन के मालिक केनीवोर ने बताया कि क्यों नागा समाज उस एक को यादगार बनाना पसंद करता है. लोग शहरी स्थानों पर जाने के बावजूद गांव से जुड़े हुए हैं.
उन्होंने कहा कि नागालैंड में भीतरी हिस्सों में नागा शादियों में हमेशा भारी भीड़ होती है क्योंकि सभी रिश्तेदारों, दोस्तों और गांव के लोगों को आमंत्रित किया जाता है. पैसे के नागा जीवन में प्रवेश करने के साथ, शादियां किसी की हैसियत और सामाजित स्थिति को आंकने के लिए लिटमस टेस्ट बन गई हैं.
उन्होंने कहा, “शादी को रुतबे, प्रतिष्ठा और गर्व का प्रतीक भी माना जाता है. बड़ी, भव्य शादियां हैसियत की पहचान बन गई हैं.”
अपनी आर्थिक संपन्नता को दिखाने के लिए इससे बेहतर मौका हो ही क्या सकता है.
अबोली ने कहा, “सजावट में साल-दर-साल काफी सुधार हुआ है और यहां तक पहुंचने में एक दशक लग गया है. पहले शादियां बहुत साधारण होती थीं… आकार तब भी काफी बड़ा होता था लेकिन सजावट अब एक प्रतिस्पर्द्धा बन गई है.’
दीमापुर में, एक छोटी सी सड़क जो कि गड्ढों से अटी पड़ी है और समानांतर खुली नालियां बह रही हैं, मेठा कॉलोनी को जाती है. आस-पास के माहौल से बिल्कुल अहसास भी नहीं होता कि इस क्षेत्र में एक सुंदर सादगी भरे थीम वाला रिसेप्शन आयोजित किया जा रहा है. दुल्हन के घर को ओपन-एयर वेडिंग वेन्यू में तब्दील कर दिया गया था.
“शादी की थीम ब्लश एंड व्हाइट है. इसमें हल्के रंगों का प्रयोग किया गया है और सब कुछ बहुत ही प्राकृतिक है. आपको शायद ही कोई ड्रेप्स देखने को मिलेंगे. उन्होंने किसी भी पेड़ को नहीं काटा है, यह काफी सादगीपूर्ण और काफी कम सजावट वाला है.” पेस्ट्री शेफ पितो किबा, जो कार्यक्रम स्थल पर लगे भोजन की देखरेख कर रहे थे, उन्होंने एडीएल वेडिंग के इस सजावट के बारे में जानकारी दी.
ग्राहकों को सजावट के ढेर सारे विकल्प देने के लिए डेकोरेटर्स चीन और थाईलैंड से नकली फूल और फर्नीचर जैसी चीजों का आयात कर रहे हैं.
अबोली ने कहा, “पहले, हम स्टेज बनाने के लिए मोरंग (सामाजिक आयोजनों के लिए एक पारंपरिक नागा संरचना) का उपयोग करते थे. लेकिन पिछले 10-15 सालों में शादियों की जाने वाली सज्जा पर पश्चिमी दुनिया का ज्यादा असर दिखने लगा है. इंटरनेट तक पहुंच के साथ, सजावट काफी महंगी और बेहतरीन हो गई है.
स्टेज की स्टाइल में नए नए बदलावों के साथ साथ, उन्होंने टिप्पणी की कि गलियारे और मंच का डिज़ाइन काफी बड़ा हो गया है और इसमें फूल व लाइट्स जैसे तमाम सहायक उपकरणों का उपयोग किया जाता है.
अपना काम दो दोस्तों लोये तुंगो और असंगका इमचेन के साथ मिलकर शुरू करने वाले अबोली ने कहा, “हमें नहीं याद पड़ता कि 10-15 साल पहले रोशनी का उपयोग किया जाता था, लेकिन अब लाइट्स सजावट का हिस्सा बन गई हैं और लोग शाम को भी शादी करने लगे हैं, ताकि रोशनी का असर और बेहतर ढंग से दिखे.”
2013 से शादियों में सजावट का काम करने वाले सीएम वेडिंग्स की शुरुआत शादियों में किराये का सामान उपलब्ध कराने वाले के तौर पर हुई थी. लिकाती टक्कू ने कहा, “फिर उसने (मां तोखुली) देखा कि यह शादियों में प्रयोग की जाने वाली चीजें काफी फल-फूल रही हैं तो उसने आर्टिफिशियल फूलों को खरीदना शुरू कर दिया और फूलों की सजावट के साथ-साथ सामान्य रूप से सजावट की कला भी सीखी. धीरे-धीरे यह बढ़ता गया.”
उन्होंने कहा कि उनके ज्यादातर क्लाइंट शादियों में हल्के रंगों, ऑल-व्हाइट या ग्रीन-एंड-व्हाइट रंगों का प्रयोग किया जाना पसंद करते हैं.
उन्होंने कहा, “नागा शादियां ज्यादातर शांत तरीके से होती हैं. इनमें बहुत ज्यादा शोरगुल नहीं होता है.”
जरूरी चीजें
लचीलापन नागा शादियों की पहचान है. दीना ने कहा, “कोई ऐसा नियम नहीं है कि वैसा होना ही चाहिए, यह हमारी अपनी सुविधा पर निर्भर है.”
बहरहाल, हर शादी में कुछ जरूरी चीजें होती हैं, जैसे एक ‘चेयरमैन’ की मौजूदगी, जो रिसेप्शन के साथ-साथ चर्च में कार्यक्रम की मेजबानी करता है. इसके बाद अनिवार्य रूप से केक काटा जाता है, जो रिसेप्शन की शुरुआत का प्रतीक है. परिवार के सदस्यों और दोस्तों द्वारा स्पीच भी हो सकता है. उसके बाद, मेहमान नवविवाहितों को बधाई देने जाते हैं और फिर फूड सेक्शन की ओर बढ़ते हैं. नागा समाज में, पहला नृत्य (नवविवाहित द्वारा) किया जाना कोई जरूरी रिचुअल नहीं है.
लोगों के लिए अपने उपहार या कैश रखने के लिए एक छोटा सा रिसेप्शन बॉक्स रूम या काउंटर होता है. जोड़े द्वारा ‘वेडिंग फेवर’ देने का भी चलन है जो कि रिटर्न गिफ्ट की तरह होता है.
केनीवोर ने कहा, “हमारी जनजाति (अंगामी) में, हम इसे ‘मूडी’ कहते हैं, जो कि केले के पत्तों में बंधा हुआ पका मांस होता है, या यह कोई छोटा सा गिफ्ट भी हो सकता है.”
किलांग लोंगकुमेर, जो पिछले 20 वर्षों से एक चर्च मिनिस्टर के रूप में सेवाएं दे रहे हैं, उनका कहना है कि नागा समाज में लोगों द्वारा शादियों के आयोजन के तरीके में “जबरदस्त परिवर्तन” देखने को मिला है.
दीमापुर के नुक्मेन बैपटिस्ट चर्च के पादरी ने कहा, “लोगों का यह रवैया है कि वे जितना कमाते हैं उससे अधिक खर्च करने से गुरेज नहीं करते. इसलिए कई जोड़े शादी के बाद कर्ज में डूब जाते हैं. यही चलन मैं पिछले कुछ वर्षों में देख रहा हूं. बेशक, सभी एक जैसे नहीं होते. कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अमीर होते हैं, वे उसी के अनुसार कमाते और खर्च करते हैं. लेकिन कई ऐसे भी होते हैं जो अपनी क्षमता से अधिक खर्च कर देते हैं. कभी-कभी, वे अपने माता-पिता द्वारा जमा किए गए पैसे का भी उपयोग करते हैं.”
उन्होंने यह भी देखा कि शादी की औसत उम्र कुछ साल पहले की तुलना में बढ़ गई है.
नगालैंड ट्रेंड सेट कर रहा है
हो सकता है कि नागा देर से शादी कर रहे हों, कुछ लोग शादियों में फिजूलखर्ची करने की वजह से कर्ज़ में भी डूब जाते हैं. लेकिन लोगों के नए शौक की वजह से पूर्वोत्तर में वेडिंग इंडस्ट्री काफी फलफूर रही है.
कैट्स कलेक्शन के इस क्षेत्र में चार आउटलेट हैं, जिनमें से दो राज्य के बाहर मेघालय के शिलांग और तुरा में हैं. और यह पूर्वोत्तर में नए बाजारों की तलाश में है.
विस्तुओनों ने कहा, “अरुणाचल संभवतः अभी के लिए अच्छा है. मणिपुर और मिजोरम में मूल रूप से रेंटल (वेडिंग गाउन) सर्विस का चलन है, इसलिए यह हमारे लिए थोड़ा मुश्किल है.”
पिछले साल, उन्होंने ‘कैट्स कलेक्शन टॉप मॉडल’ का आयोजन किया जो कि अपने उत्पादों का प्रदर्शन करते हुए, अपने ब्राइडल गाउन के लिए एक मॉडल चुनने की प्रतियोगिता थी.
उन्होंने कहा,”मुझे विश्वास है कि यह पूर्वोत्तर में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में पहली बार है.”
पिछले 14 वर्षों में, ADL वेडिंग्स को पूर्वोत्तर के कई राज्यों और यहां तक कि बेंगलुरु सहित दक्षिण भारत से भी अपनी सेवाओं के लिए बुलाया गया है.
“अरुणाचल, मेघालय और असम में लोग नागा वेडिंग डेकोरेटर्स की तलाश करते हैं क्योंकि वे पश्चिमी लुक चाहते हैं जो उनके स्थानीय डेकोरेटर नहीं कर सकते. विषय, रंग, सेटिंग अलग हैं, ”अबोली ने कहा.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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