नोएडा: एक कॉर्पोरेट कंपनी में काम करने वाले सीए अनुज अग्रवाल हर रोज़ नोएडा के गौर सिटी-2 से आईटीओ आते हैं, इससे पहले कि वे आईटीओ पर आखिरी ट्रैफिक सिग्नल तक पहुंचे, नोएडा में छोटे और बार-बार आने वाले यू-टर्न उनके रास्ते में बाधा बनते हैं और शाम में घर लौटते समय उनका धैर्य जवाब दे जाता है. दो ट्रैफिक हॉटस्पॉट हैं जो खासतौर से लगभग हर रोज़ उनका दिन बर्बाद करते वो हैं — सेक्टर-15 और सेक्टर-16 मेट्रो स्टेशनों के नीचे वाले यू-टर्न.
नोएडा ट्रैफिक पुलिस और प्राधिकरण ने जाम से निजात पाने के लिए ट्रैफिक सिग्नल्स को हटाकर उनकी जगह यू-टर्न बना दिए हैं. एनसीआर शहर की हर मुख्य सड़क पर यात्रियों के इंतज़ार में यू-टर्न हैं, लेकिन इनकी संख्या से आम लोगों को परेशानी होने लगी है, लोग पतली गलियों का हवाला देते हुए इन घोड़े की नाल जैसे स्ट्रक्चर पर होने वाली दिक्कतों की शिकायत कर रहे हैं. इसके साथ ही, पीक समय के दौरान लेन में ड्राइविंग करने के नियम का पालन करने में कई यात्रियों को लगातार परेशानी होती है — दोपहिया वाहन लेन में बाईं ओर नहीं चल सकते, दाईं ओर नहीं चल सकते क्योंकि उन्हें हर कुछ सौ मीटर के बाद यू-टर्न का सामना करना पड़ता है. यू-टर्न के बढ़ने का मतलब यातायात उल्लंघन भी है, जिसके कारण यात्री गलत दिशा से टर्न लेते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है. इस तरह के उल्लंघन में शामिल लोग अक्सर लंबे यू-टर्न से बचते हैं जिससे उनकी यात्रा की दूरी बढ़ जाती है.
34-वर्षीय हिमांशु सिंह, जो द्वारका से नोएडा के सेक्टर-144 तक की यात्रा करते हैं, ने कहा, “नोएडा में जनसंख्या तेज़ी से बढ़ रही है. शायद सरकार ने भी इसकी तैयारी नहीं की थी. ट्रैफिक और भीड़ बढ़ने का यह सबसे बड़ा कारण है, जिसे यू-टर्न बनाने से नहीं बल्कि अच्छी योजना और विकास से हल किया जाना चाहिए था.”
यह भी पढ़ें: ग्रेनो भारतीय मिडिल क्लास के सपनों का कब्रिस्तान है, घर खरीद तो सकते हैं, लेकिन अपना नहीं बना सकते
यातायात का प्रबंधन
नोएडा प्राधिकरण यात्रियों के लिए यात्रा के समय को कम करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल्स की संख्या कम करने जा रहा है. इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस का बोझ भी कम करने का विचार है. अधिक यू-टर्न का मतलब है कि यातायात पुलिस द्वारा सिग्नल्स पर कम कर्मियों को तैनात किया जाएगा.
नोएडा ट्रैफिक सेल के वरिष्ठ प्रबंधक आर. के. शर्मा ने कहा, “किसी भी क्षेत्र में यू-टर्न की संख्या बढ़ाने से ट्रैफिक सिग्नल्स की संख्या कम हो जाती है, जिससे यातायात नियंत्रण में मदद मिलती है.”
अधिकारी भी चक्कर काट चुके हैं. उनका दावा है कि सेक्टर-62 और सेक्टर-37 से गोल चक्कर हटाने से यातायात सुचारू रूप से चल रहा है.
नोएडा ट्रैफिक पुलिस अक्सर नोएडा प्राधिकरण के पास इस प्रस्ताव के साथ पहुंचती है जब उन्हें पता चलता है कि सड़क के व्यस्त हिस्से पर बहुत ज्यादा जाम है और इसे यू-टर्न बनाकर कम किया जा सकता है.
नोएडा ट्रैफिक पुलिस इंस्पेक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “अधिकारी लोगों की सुविधा के लिए काम करते हैं, लेकिन कभी-कभी लोग खुद अपने लिए समस्याएं पैदा कर लेते हैं. सड़क पर ओवरटेक करना हमेशा से एक खतरा रहा है. यह हमारे लिए भी सिरदर्द है.”
इन यू-टर्न का निर्माण कर रहा नोएडा प्राधिकरण इस बात से सहमत है कि ये यातायात प्रबंधन में प्रभावी हैं.
शर्मा ने कहा, “यू-टर्न के कारण वाहनों को ट्रैफिक सिग्नल पर लंबे समय तक इंतज़ार नहीं करना पड़ता, जिससे पेट्रोल की बचत होती है और प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलती है.”
यू-टर्न ने कुछ व्यस्त सड़कों को सिग्नल से मुक्त कर दिया है, जिससे यात्रियों का समय बचता है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच तेज़ी से आवागमन की सुविधा के लिए एमपी-3 रोड (सिटी सेंटर-सेक्टर-71/72 चौराहे के माध्यम से ओखला बैराज) को दादरी-सूरजपुर-छलेरा (डीएससी) रोड के साथ सिग्नल-मुक्त कर दिया गया है.
यह भी पढ़ें: गुरुग्राम का एक सेक्टर ऐसा है जिसकी नोएडा के साथ कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है और वह है मिडिल-क्लास घर
यात्रियों के लिए पहेली
अप्रैल 2023 में सेक्टर-67 और सेक्टर-70 को जोड़ने वाली सड़क पर लगभग 1 करोड़ रुपये की लागत से यू-टर्न बनाने के नोएडा प्राधिकरण के फैसले ने ध्यान खींचा था.
सोशल मीडिया पर खबर आते ही लोगों ने प्राधिकरण पर तंज कसना शुरू कर दिया और पूछा कि यू-टर्न पर 1 करोड़ रुपये कैसे खर्च हो सकते हैं. एक्स पर एक यूज़र ने पूछा, “क्या यू-टर्न सोने से बना है?”
नोएडा सैमसंग, माइक्रोसॉफ्ट, एडोब, आर्म होल्डिंग्स, एचसीएल आदि जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों का हब है, जिसने न केवल शहर की अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है बल्कि सड़कों पर यातायात भी बढ़ाया है.
हिमांशु सिंह ने कहा, “हर चीज़ के अपने फायदे और नुकसान होते हैं. मैं सेक्टर-16 से सेक्टर-144 तक यात्रा करता हूं और मुझे ये यू-टर्न काफी सुविधाजनक और समय बचाने वाले लगते हैं. अब मुझे ट्रैफिक सिग्नल पर इंतज़ार नहीं करना पड़ता और यू-टर्न के लिए लंबा रास्ता भी नहीं अपनाना पड़ेगा.”
लेकिन पिछले 10 साल से नोएडा में ऑटो चला रहे 33-वर्षीय बृज मोहन का कहना है कि कभी-कभी यू-टर्न के कारण लंबा जाम लग जाता है और ट्रैफिक पुलिस के नहीं होने से यह और भी बदतर हो जाता है.
अधिकांश यू-टर्न दो तरफा होते हैं और जब यात्री आगे निकलने की कोशिश करते हैं, या जब एक ही समय में कई वाहन यू-टर्न लेने की कोशिश करते हैं, तो इन मोड़ों पर अव्यवस्था की स्थिति बनती है, जिससे जाम लग जाता है. यहां तक कि लड़ाई-झगड़े भी हो जाते हैं.
एनसीआर के विभिन्न शहरों से नोएडा जाने वाले कुछ यात्रियों ने दिप्रिंट को बताया कि जब तक सड़कें पक्की और चौड़ी नहीं होंगी, नए यू-टर्न बनाने से समस्याएं ही बढ़ेंगी.
अग्रवाल ने कहा, “पीक आवर्स के दौरान, ये यू-टर्न सीधे यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए बाधा पैदा करते हैं. जैसे ही इस खंड (सेक्टर-15 मेट्रो) पर वाहन तेज़ गति से चलते हैं, दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है.”
अक्टूबर 2023 में गौतमबुद्ध नगर यातायात पुलिस ने नोएडा प्राधिकरण से सेक्टर-78 में निंबस हाइड पार्क के पास एक यू-टर्न को फिर से डिज़ाइन करने का अनुरोध किया. यू-टर्न यातायात की भीड़ को कम करने के बजाय बढ़ा रहा था. निवासियों और यात्रियों ने इससे होने वाली समस्याओं के बारे में शिकायत की, जिसके बाद प्राधिकरण ने भीड़भाड़ कम करने के लिए आसपास की सड़कों के साथ-साथ यू-टर्न को चौड़ा करने की योजना बनाई.
मौजूदा यू-टर्न एक संकरी सड़क पर बनाया गया था. इससे बसों और ट्रकों के लिए इसका उपयोग करना मुश्किल हो गया, जिससे पीक आवर्स के दौरान ट्रैफिक जाम लगने लगा. सेक्टर-78 के निवासियों ने प्राधिकरण और ट्रैफिक पुलिस से शिकायत करने के अलावा एक्स पर भी यह मुद्दा उठाया.
अग्रवाल ने कहा, “शॉर्ट कट लेने के लिए वाहन इन यू-टर्न पर गलत साइड से आते हैं. इससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है.”
उन्होंने कहा, “बढ़ते यू-टर्न हमेशा ट्रैफिक जाम को नियंत्रित करने में सहायक नहीं होते हैं. मुझे लगता है कि यह नोएडा प्राधिकरण का सिर्फ एक बहाना है क्योंकि अगर सरकार यू-टर्न बढ़ा रही है, तो सड़कों को भी चौड़ा किया जाना चाहिए, जो यात्रियों के लिए सबसे बड़ी समस्या है.”
(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: उत्तर भारत में पहुंच बनाने का रास्ता — ग्रेनो में सद्गुरु करवाएंगे आदियोगी की विशाल प्रतिमा का निर्माण