scorecardresearch
Wednesday, 9 October, 2024
होमफीचरआज मोटिवेशनल स्पीकर, कल ट्रॉमा हीलर- निमिषा वर्मा को पता है रीइन्वेंशन की आर्ट

आज मोटिवेशनल स्पीकर, कल ट्रॉमा हीलर- निमिषा वर्मा को पता है रीइन्वेंशन की आर्ट

निमिषा वर्मा उन नए उद्यमियों की एक नस्ल का हिस्सा हैं, जिन्होंने हर साल एक नई पहचान अपनाकर अपना साम्राज्य खड़ा किया है.

Text Size:

स्व-घोषित ‘मेटाफिजिकल एनाटॉमी प्रेक्टिशनर’ 26 वर्षीय निमिषा वर्मा ने पिछले महीने इंस्टाग्राम पर एक अमीर महिलाओं के रिट्रीट की घोषणा की, जिस पर काफी तेज प्रतिक्रिया मिली. 40,000 रुपये की कीमत वाले तीन दिन के रिट्रीट को लेकर दावा किया गया है, “अपने अंदर झांक कर देखें और जिंदगी में पैसे की कमी को कम करें.” हैशटैग ‘स्कैमिशा’ रेडिट जैसे प्लेटफॉर्म पर पॉप-अप होने लगा.

लेकिन निमिषा से जुड़ा यह विवाद पहली बार नहीं है. अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर उन्होंने अपना परिचय एक कोच के रूप में लिखा है जो कि लोगों को ‘उनकी खुद की शक्ति तो पहचानने में मदद करती हैं.’ इन्स्टा पर उनके एक लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं. पिछले सात सालों में, 2015 से 2022 तक, उन्होंने हर दो महीने में खुद को नए सिरे से खोजा है, और इंटरनेट ट्रेंड्स के बारे में अनुमान लगाने और उसे भुनाने की पूरी कोशिश की है.

पहले, वह एक मॉडल थी, फिर एक ‘खानाबदोश कलाकार’, लेटर-राइटर, मोटीवेशनल स्पीकर और फिर ट्रॉमा हीलर. उन्होंने एक एनजीओ की स्थापना करने का भी दावा किया और कुछ समय के लिए उन्होंने ‘मीट्स एंड ग्रीट्स’ और ‘शेयरिंग सर्कल्स’ की मेजबानी की. अब, वह एक सेलिब्रिटी और होलिस्टिक इन्ट्यूटिव कोच हैं जो ग्राहकों के जीवन में ‘पैसे लाने’ में मदद करती हैं.

उनके पास सोशल मीडिया के रुझानों को पहचानने की कला है और एमबीए डिग्री वाली निमिषा काफी आसानी से इसे एक प्रॉफिट वाला बिजनेस बनाने की कला आती है. वह संभावित ग्राहकों को प्रोत्साहित करते हुए कहती हैं, “हमेशा याद रखें कि यह अपने आप में एक इन्वेस्टमेंट है न कि खर्च.”

खुद को एक पूर्ण हीलर के रूप में पेश करते हुए वह कहती हैं कि उनके पास नए जमाने के ट्रामा को हील करने की ताकत है. वह एक गर्भ से जुड़े ट्रॉमा को हील करती हैं, मनी ट्रामा को हील करती हैं और इसके अलावा पीरियड्स के दर्द को लेकर सलाह भी देती हैं. वह लोगों को अपनी तरफ और ज्यादा खींचने के लिए ‘इनर चाइल्ड ग्रोथ’ जैसे वाक्यों को इसमें जोड़ती हैं.

निमिषा ने एक प्रमोशनल वीडियो में कहा, “यदि आप अमीर होने से डरते हैं या आपको पैसे की परेशानी है या महीने के अंत तक आपके सारे पैसे खत्म हो जाते हैं, तो यह रिट्रीट आपके लिए है.” अगले कुछ दिनों में, वह रिट्रीट के बारे में और अधिक जानकारी देती हैं. एक काकाओ समारोह होगा. लोग इसमें आग के चारों ओर डांस करेंगे. इसमें डिवाइन के प्रति समर्पण व्यक्त करना और अपनी इच्छा को दोहराने के अलावा पूल के किनारे आराम करने जैसी एक्टिविटीज़ थीं.

इस प्रमोशन के जवाब में एक इन्स्टाग्राम इन्फ्लुएंसर ने कहा, “मैं वादा करता हूं कि अगर आप अमीर बनना चाहते हैं, तो आपको सही निवेश करना सीखना होगा.”

ऑनलाइन कहासुनी के बाद, वर्मा ने अपना पोस्ट हटा दिया लेकिन जल्द ही उन्होंने मार्च 2023 के लिए इसी तरह की एक और रिट्रीट की घोषणा की. इस बार उन्होंने कीमत 10,000 रुपये बढ़ा दी थी.

एक पेशेवर डिग्री की कमी उसे रोक नहीं पाती है. उन्होंने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में एक अमेरिकी स्पिरिचुअल इन्फ्लुएंसर टील स्वान का उदाहरण देते हुए कहा, “मेरे पास साइकॉलजी की डिग्री नहीं है, लेकिन मेरे कोर्सेज में भाग लेने वाले बहुत से लोगों के पास है.” वह इस तरह के अपडेट के साथ तर्क-वितर्क को अपने पक्ष में करने की कोशिश करती हैं.


यह भी पढ़ेंः पिछले 10 सालों से छापों, घोटालों और झूठ में फंसे AIIMS-ऋषिकेश को बाहर निकालने में जुटी एक महिला


क्या है बिजनेस मॉडल

निमिषा उद्यमियों की एक नई नस्ल का हिस्सा हैं, जिन्होंने हर साल एक नई पहचान अपनाकर अपना साम्राज्य खड़ा किया है.

उनकी प्रतिस्पर्द्धा लिंडसे लॉकेट जैसे नर्वस सिस्टम वर्कशॉप, मोटीवेशनल स्पीकर और जानकार ज्योतिषी हेइडी रोज़ रॉबिंस, और मेनिफेस्टेशन की जानकार महारथी लेसी फिलिप जैसे लोगों से है.

बता दें कि निमिषा के कोर्सेज सस्ते नहीं हैं. अपनी वेबसाइट पर दिए जाने वाले ‘रिक्लेम योर पावर’ कोर्स के तहत वह 600 डॉलर चार्ज करती हैं. संयोग से, ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म उडेमी एक कोर्स ऑफर करता है- ‘आपके गर्भ से जुड़े ट्रॉमा’ को मुफ्त में हील करें.

2021 में, उन्होंने 3,500 रुपये या 50 डॉलर में ‘मनी ट्रॉमा को दूर करने’ का मास्टर क्लास पेश किया. एक रेडिट यूज़र ने प्रमोशनल क्लिप को टैग किया, जिसमें निमिषा को “अत्यधिक समस्याग्रस्त व्यक्ति” कहा गया था.

वह केवल एक या दो स्लॉट उपलब्ध होने का ऐलान करके यह दिखाने की भी कोशिश करती हैं कि यह काफी महत्त्वपूर्ण है और ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं. ज्यादातर सेशन जूम पर होते हैं. इसके अलावा कम खर्चीला प्रि-रिकॉर्डेड सेशन भी उपलब्ध हैं. पहले से रिकॉर्ड किए गए ‘मनी माइंडसेट’ सेशन के लिए स्टैंडर्ड रेट 1111 रुपये है.

दिल्ली की रहने वाली एक पूर्व क्लाइंट जिन्होंने सोचा था कि निमिषा उन्हें ‘अपनी पावर को फिर से पाने’ में मदद करेंगी उनका कहना है कि उनकी घोषणाएं इस बात का आभास देती हैं कि उनके सेशन की काफी डिमांड है.

अपने अनुभव से निराश उस क्लाइंट ने आगे कहा, “उनकी वेबसाइट पर पर्याप्त जानकारी दिए बिना लिंक आपको तुरंत पेमेंट ऑप्शन पर लेकर चला जाता है. एक बार बुक करने के बाद कोई रिफंड भी नहीं मिलता है,” कभी-कभी ग्राहकों को वॉट्सऐप पर चैट करने का ऑप्शन दिया जाता है. “और वहां भी, बहुत डिटेल में चीजों को बताने के बजाय एक प्रि-रिकॉर्डेड ऑडियो नोट भेजा जाता है.

लेकिन हर असंतुष्ट क्लाइंट के बाद हमेशा एक नया फॉलोवर होता है जो अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहता है.

एक डिजिटल पहचान की फिर से पाना

एक समय था जब जयपुर की रहने वाली निमिषा वर्मा एक कॉल सेंटर में काम करती थीं और पेंटिंग बेचती थीं, कम से कम जो पॉपुपर फेसबुक पेज ‘ह्यूमन ऑफ बॉम्बे’ पर उन्होंने बताया है उसके मुताबिक. लेकिन वह एक समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ने के लिए पहला कदम था. एक पोस्ट में वह लिखती हैं कि 19 साल की उम्र में उन्होंने इतना पैसा बचा लिया था कि वह घर छोड़ सकें.

उन्होंने 2020 के एक साक्षात्कार में दिप्रिंट को बताया, “मैंने भारतीय शिक्षा प्रणाली को अस्वीकार कर दिया और मेरे माता-पिता इस बात से बहुत अचंभे में नहीं थे. कॉलेज शिक्षा पारंपरिक और पितृसत्तात्मक है. इसलिए, मैंने घर छोड़ दिया.”

उस समय, वह फीस के लिए लेटर लिखती थीं. उन्होंने कहा कि, “लोग इतने अकेले हैं और कोई उन्हें लेटर नहीं लिखता. मैं वह बदलना चाहती हूं. लेकिन मुझे भी जिंदा रहने के लिए पैसे चाहिए इसलिए इसलिए लेटर लिखने के लिए फीस लेने में कोई शर्म की बात नहीं है.”

उन्होंने कहा कि 2015 में, स्कूल खत्म होने के बाद वह एक मॉडल थीं. 2016 तक, वह Instagram पर बढ़ते कलाकारों के कम्युनिटी की सदस्य बन गईं. वह फोटोग्राफर, गायक और अपरंपरागत करियरिस्ट थीं जिसने कविताएं लिखीं और गाने गाए. जल्द ही, वर्मा ने ‘होम फॉर आर्टिस्ट्स’ नाम की एक गैर सरकारी संगठन की स्थापना की. 2017 तक, वह एक मोटीवेशनल स्पीकर बन चुकी थीं और यहां तक कि टेड टॉक पर भी आईं.

अगले साल, उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य की परेशानी से जूझ रहे लोगों के लिए काम करना शुरू कर दिया. क्लाइंट्स ने उनके ‘इनर शेयरिंग सर्किल’ का हिस्सा बनने के लिए उन्हें पैसे दिए, जहां उन्होंने अपनी पर्सनल जर्नी को शेयर किया या साइलेंस में बैठे रहे. निमिषा ने इसे ‘हार्ट एंड सोल’ का एजुकेशन कहा और उन्होंने कैफे और रेस्तरां में इस तरह की वर्कशॉप्स लीं.

इसके बाद उन्होंने ‘मीट्स एंड ग्रीट्स’ प्रोग्राम को आयोजित करना शुरू किया ताकि अपने प्रभाव को बढ़ा सकें और नेटवर्क को और बड़ा करने की लोगों की इच्छा को भुना सकें. अपने एक अवतार में, उसने खुद को ‘नूर’ के रूप में पेश किया और जून नाम की एक भावी बेटी को गोद लिया.

उन्होंने प्यार के साथ भी प्रयोग किया, और ‘खुद के व दूसरे अपनों के साथ पवित्र बंधन के दिव्य अस्तित्व’ के नए आयमों को अनुभव करने के लिए रिट्रीट का आयोजन किया. इसके बाद उन महिलाओं के लिए गर्भ से जुड़े सेशन का आयोजन किया जो मासिक धर्म के दर्द, जन्म से जुड़े ट्रॉमा इत्यादि को महसूस करती हैं. उन्होंने इसे ‘गर्भ क्रांति’ कहा.

लेकिन 2021 तक निमिषा एक ‘मेटीफिजीशियन’ बन चुकी थीं, और 2022 में, एक सेलिब्रिटी कोच के साथ साथ मनी और अन्य ट्रॉमा को दूर करने वाली बन चुकी थीं. इसके अलावा उन्होंने मैनिफेस्टेशन के बारे में भी बात करना शुरू कर दिया है, जो पिछले कुछ महीनों में चर्चा का विषय बन गया है.

बारीकी से उनका वीडियो देखने वाले उनके आलोचक उनके वीडियोज़ में विसंगतियों की बात को उजागर करते हैं. एक रेडिट यूज़र ने कहा, “जब 2017 में वह टेड टॉकर थीं तो 2022 में वह मनी ट्रॉमा हीलर कैसे बन सकती हैं, उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार किया कि वह बिजनेस के मामले में बहुत ही खराब थीं.”


यह भी पढ़ेंः बेरोज़गारी बनी पलायन का कारण – पंजाब के बाद अब हरियाणा के युवक भाग रहे हैं अमेरिका 


एक डिजिटल वन स्टॉप सेंटर

उनका इंस्टाग्राम अकाउंट उन लोगों के लिए वन-स्टॉप स्टोर जैसा है जो बच्चे के जन्म के बाद उपजे डिप्रेशन या विषाक्त संबंधों से मुक्ति पाना चाहते हैं, या जो अपने कॉस्मिक लवर्स को खोज रहे हैं.

दिल्ली स्थित डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी, द सोशियो स्टोरी की संस्थापक साक्षी त्यागी निमिषा के बड़े-बड़े वादों से हैरान नहीं हैं. वह कहती हैं कि इन्फ्लुएंसर ड्रिवेन कल्चर में यह काफी आम बात है.

त्यागी ने कहा, “इस बाजार में नकल और एक दूसरे कामों की चोरी बहुत ज्यादा होती है. आपको पेशेवर थेरेपिस्ट से ली गई बहुत सी सामग्री मिल जाएगी, जिसमें थोड़े बहुत बदलाव किए गए हैं ताकि इसे और अधिक प्रासंगिक और पर्सनलाइज़्ड बनाया जा सके.”

याद करते हुए वह कहती हैं कि कैसे एक फैशन ब्लॉगर ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से पीड़ित लोगों के लिए व्यक्तिगत थेरेपी सेशन की शुरुआत की थी. सिर्फ 1500 रुपये में सेशन में ‘सकारात्मक वाइब्स’ की गारंटी दी गई थी. लेकिन बाद में इस पर उन्हें लोगों की तरफ से इतनी तगड़ी प्रतिक्रिया मिली कि वह उसने तुरंत पीछे हट गईं.

“बहुत सारे इन्फ्लुएंसर लोग इन प्रोफेशनल्स के साथ अपने एक या दो थेरेपी सेशन के आधार पर एक पूरे कैंपेन की योजना बनाते हैं. चूंकि उनके इतने साले फॉलोवर्स हैं जो उन पर भरोसा करते हैं, इसलिए वे उन लोगों के साथ कुछ भी शुरू कर देते हैं.

निमिषा के लिए, गरीबी सहित सब कुछ मन की एक अवस्था है. वे व्यूवर्स से कहती हैं, “बोलो- मैं रिच हूं, मैं रिच हूं. रिच, रिच.”

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ेंः न काली, न केला, न सोला – अपमानजनक नामों के खिलाफ राजस्थान के गांवों में दलित लड़ रहे लड़ाई


 

share & View comments