scorecardresearch
Thursday, 19 December, 2024
होमफीचरविश्वनाथन आनंद से लेकर मैग्नस कार्लसन तक — भारत में अब ग्लोबल शतरंज लीग है, यह गेम-चेंजर है

विश्वनाथन आनंद से लेकर मैग्नस कार्लसन तक — भारत में अब ग्लोबल शतरंज लीग है, यह गेम-चेंजर है

शतरंज के महारथी रौनक सिधवानी इस सर्वश्रेष्ठ खेल को खेलने से डरते नहीं हैं. उनकी टीम में रूसी ग्रैंडमास्टर इयान नेपोमनियाचची हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: जब पहली भारतीय महिला शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हंपी 2002 में ग्रैंडमास्टर बनीं, तो उन्हें मालूम ही नहीं था कि भारत जैसे क्रिकेट प्रेमी देश में चैस की एक प्रमुख लीग मौजूद हो सकती है.

कबड्डी, खो-खो, हॉकी, बैडमिंटन, टेनिस और फुटबॉल के बाद अब बोर्ड और क्लॉक्स के खेल की भी नई खेल लीग होने जा रही है. टेक महिंद्रा और इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) की संयुक्त पहल ग्लोबल चेस लीग (जीसीएल) का पहला एडिशन 21 जून से 2 जुलाई तक दुबई में होगा.

पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन और विश्वनाथन आनंद सहित खिलाड़ियों के वर्चुअल अवतार अब मेटावर्स में फैंटेसी गेमिंग, खिलाड़ियों के लिए स्मार्ट कॉन्ट्रेक्ट — महामारी के दौरान बोर्ड गेम की भारी लोकप्रियता से सीख लेते हुए जीसीएल नए और युवा दर्शकों को आकर्षित करने की उम्मीद कर रहा है.

लीग के अध्यक्ष जगदीश मित्रा ने कहा, “डिजिटल डिवाइस पर फुटबॉल या क्रिकेट खेलना मैदान पर होने से काफी अलग है. एक अच्छा फुटबॉल खिलाड़ी एक महान प्लेस्टेशन/फीफा खिलाड़ी नहीं हो सकता है. शतरंज के मामले में ऐसा नहीं है.”

शतरंज लीग ने टेलीविजन और स्ट्रीमिंग दोनों के अधिकार हासिल कर लिए हैं और विभिन्न भाषाओं में इसकी कमेंट्री होगी. भारतीय स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना लीग के कमेंटेटरों में से एक होंगे.

मित्रा ने एक आभासी बातचीत में दिप्रिंट को बताया, “लीग को भारत में जियो (सिनेमा) पर स्ट्रीम किया जाएगा, यूरोप में यूरोस्पोर्ट पर प्रसारित किया जाएगा, ऑस्ट्रेलिया में फॉक्स स्पोर्ट्स, मध्य पूर्व में एमबीसी और विभिन्न एनबीसी चैनलों पर प्रसारित किया जाएगा. कुल मिलाकर, GCL को दुनिया भर के 200 प्रसारण चैनलों पर प्रसारित किया जाएगा.”


यह भी पढ़ें: रातों-रात मशहूर हुआ भोजपुरी में बात करने वाला यह कोरियाई लड़का, अब अरमान मलिक जैसा गायक बनने का है सपना


शतरंज लीग क्यों

वर्षों से टी20 क्रिकेट में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की विशाल सफलता के बाद, आधा दर्जन से अधिक खेलों को रीपैकेज करके लीग प्रारूप में प्रस्तुत किया गया है. शतरंज के तुरंत बाद, इंडियन सुपरक्रॉस रेसिंग लीग (आईएसआरएल) भी अक्टूबर में नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में शुरू होगी, इसके बाद मुंबई, पुणे और अहमदाबाद में इसके प्रोग्राम्स होंगे.

क्या लीग ही खेल के फलने-फूलने का एकमात्र तरीका है? अधिकतर ने कहा हैं और इसके कई कारण हो सकते हैं.

मित्रा ने समझाया, “एक लीग क्या करता है कि यह एक स्ट्रक्चर और फॉर्मेट सेट करता है. यह दर्शकों के लिए खेल को आकर्षक भी बनाता है. यह एक चक्र है. आपको शुरुआत में इन्वेस्ट करना होगा और अगर ये दर्शकों को बांधे रख पाएगा, तो खेल से बेहतर मनोरंजन का कोई साधन नहीं है क्योंकि आप भविष्यवाणी नहीं कर सकते कि आगे क्या होगा.”

शतरंज ओलंपियाड की पहली टॉर्च रिले में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिनी मैच खेलने वाली हंपी का कहना है कि इस खेल का “प्रचार” करना ज़रूरी है. वे स्वीकार करती हैं कि महिला शतरंज खिलाड़ी कम हैं और उम्मीद है कि लीग युवा महिलाओं को शतरंज खेलने के लिए प्रोत्साहित करेगी.

एक खिलाड़ी के रूप में स्थान के चुनाव से उनकी परफॉर्मेंस पर कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन एक भारतीय के रूप में, वे कहती हैं कि दर्शकों की दृष्टि से देश में खेल की लोकप्रियता बढ़ेगी और भविष्य में लीग के भारत में आयोजित होने की कामना करती हैं.

भारत की दो महिला ग्रैंडमास्टर्स में से एक हरिका द्रोणावल्ली समझती हैं कि शतरंज बच्चों, यहां तक कि वयस्कों के लिए भी जटिल हो सकता है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि लीग युवा खिलाड़ियों को बुनियादी बातों को सीखने के लिए प्रेरित करेगी.

उन्होंने कहा, “एक बार जब आप मूल बातें सीख लेते हैं, तो यह उतना मुश्किल भी नहीं होता है.”


यह भी पढ़ें: ‘गरीबी, स्लम, पेरेंट्स का विरोध’, भारतीय ब्रेकडांसर्स ओलंपिक के लिए तैयार, कठिन हालात में भी नहीं टूटे


फ्रेंचाइज़ी हो रही वैश्विक ब्रांड

लीग में छह टीमें होंगी जिनमें से प्रत्येक में छह खिलाड़ी होंगे, जिसमें एक विश्व चैंपियन आइकन, दो शीर्ष रैंक वाली महिला खिलाड़ी और एक अंडर-21 व्यक्ति शामिल होगा.

लीग में छह लोगों के साथ, शतरंज का खेल छोटा होता जा रहा है. उनमें से अधिकांश ने तब खेलना शुरू किया जब उनकी उम्र सिंग्ल डिजिट में थी और उन्होंने अपनी शुरुआती किशोरावस्था में ही ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल कर लिया था.

विशेषज्ञों के अनुसार, टीमों में दुनिया भर के ग्रैंडमास्टर्स शामिल होंगे- फ्रेंच से मैक्सिम वाचियर-लाग्रेव, पोलिश से जन क्रिज़्सटॉफ़ डूडा, रूस से इयान नेपोमनियाचची, नॉर्वेजियन से मैग्नस कार्लसन और भारत से विश्वनाथन आनंद.

जब आमने-सामने का मैच टीम इवेंट में बदल जाता है, तो खिलाड़ियों के लिए कुछ भी नहीं बदलता है. सच में वो सबसे युवा बेहतरीन के साथ खेलने के लिए उतावले हैं.

17-वर्षीय रौनक सिधवानी जो रूसी ग्रैंडमास्टर, नेपोमनियाचची के साथ टीम के साथी होंगे, ने कहा, “मैं बिल्कुल डरा हुआ नहीं हूं. मैं उनमें से अधिकांश (आइकन खिलाड़ियों) के साथ पहले ही खेल चुका हूं.”

जीसीएल में मिश्रित-टीम का फॉर्मेट होगा. छह फ्रेंचाइज़ी में से प्रत्येक डबल राउंड-रॉबिन शैली में भाग लेगी, जिसमें कुल 10 मैच खेले जाएंगे.

छह फ्रेंचाइज़ी दुनिया भर के ब्रांडों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करेंगी — यू स्पोर्ट्स (अपग्रेड मुंबा मास्टर्स), इंश्योरकोट स्पोर्ट्स (गंगेस ग्रैंडमास्टर्स), पुनीत बालन ग्रुप (बालन अलास्कन नाइट्स), त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (त्रिवेणी कॉन्टिनेंटल किंग्स), चिंगारी ऐप ( चिंगारी गल्फ टाइटन्स), और एपीएल अपोलो के नेतृत्व वाले एसजी स्पोर्ट्स (एसजी अल्पाइन वारियर्स).

मित्रा, जो शतरंज को “मूल ई-स्पोर्ट” के रूप में वर्णित करते हैं, का मानना है कि तकनीक और शतरंज के बीच संबंध सही मायने में इस खेल के भविष्य के लिए गेम-चेंजर हो सकता है.

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(इस फीचर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: पुणे में पढ़ने की संस्कृति को वापस लाने का नया तरीका, लाइब्रेरी या कैफे नहीं बल्कि पार्क है नया बुक क्लब


 

share & View comments