scorecardresearch
Tuesday, 16 April, 2024
होमफीचररातों-रात मशहूर हुआ भोजपुरी में बात करने वाला यह कोरियाई लड़का, अब अरमान मलिक जैसा गायक बनने का है सपना

रातों-रात मशहूर हुआ भोजपुरी में बात करने वाला यह कोरियाई लड़का, अब अरमान मलिक जैसा गायक बनने का है सपना

ली येचन एक सच्चे ब्लू क्रॉस-कल्चर स्टार हैं, बिल्कुल दक्षिण कोरियाई YouTuber Daeyeon Won की तरह, जिन्हें वूनी के नाम से जाना जाता है और जो पाकिस्तानी पंजाबी बोलते हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: सादी बैंगनी रंग की शर्ट और हैरी पॉटर का चश्मा पहने एक कोरियाई व्यक्ति पटना के मरीन ड्राइव इलाके की कायापलट से सुखद रूप से आश्चर्यचकित था. “बहुत साफ हो गया है. और जो पुल बना है, बहुत भयानक बना है (यह बहुत साफ हो गया है. और पुल बेहतरीन दिखता है), “आदमी ने अच्छी बिहारी बोलते हुए कहा. फिर वह अपने दोस्त के साथ बिहारी में बातचीत जारी करते हुए एक स्थानीय मेले में गया. इंस्टाग्राम पर इस वीडियो की क्लिप जैसे पोस्ट की गई वैसे ही यह वायरल हो गई और इसने ली येचन को पिछले महीने इंटरनेट पर मशहूर कर दिया.

बिहारी में बात करने वाला एक दक्षिण कोरियाई समझ से परे लगता है. लेकिन वायरलिटी के इस युग में, ली येचन एक सच्चे ब्लू क्रॉस-कल्चर स्टार हैं, बिल्कुल दक्षिण कोरियाई YouTuber Daeyeon Won की तरह, जिन्हें वूनी के नाम से जाना जाता है और जो पाकिस्तानी पंजाबी बोलते हैं व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिन्होंने लोगों का दिल जीत रखा है. जैसा कि भारतीय इन दिनों सभी कोरियाई चीजों को हाथों-हाथ ले लेते हैं, इसलिए ली की कहानी दक्षिण कोरिया से आरएसवीपी की तरह महसूस होती है.

मई में, चार्ली के नाम से मशहूर ली, हैदराबाद में एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए तीन साल बाद भारत लौटे. लेकिन हवाईअड्डे पर उतरने के बाद उन्हें सूचना मिली कि कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है. करने के लिए कुछ खास न होने के कारण, उन्होंने पटना जाने का फैसला किया. पटना, वह जगह जो कि 20 साल के लिए उनका घर रहा है और जहां उनके माता-पिता अभी भी रहते हैं. टाइम पास करने के लिए, वह अपने स्कूल के दोस्त प्रशांत के साथ “मनोरंजन के लिए एक व्लॉग-टाइप कंटेंट” बनाने के लिए बाहर निकले. और इस तरह इंटरनेट के पसंदीदा ‘कोरियाई-बिहारी’ का जन्म हुआ.

ली ने बिहाइंड-द-सीन वीडियो के बारे में चर्चा करते हुए कहा, “हम यहां से वहां जा रहे हैं. पहले से कोई योजना नहीं है. यह कुछ ऐसा था कि – चलो मिलते हैं और हम जो कुछ भी कर सकते हैं उसे शूट करते हैं, बस मज़े करें और इसे दर्शकों को दिखाएं जो उन्हें देखने के लिए पर्याप्त आनंददायक होगा,”

वीडियो का मूल व्लॉग संस्करण ली के यूट्यूब चैनल 40Kahani पर अपलोड किया गया था और यह लगभग 20 मिनट लंबा है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

“मेरे दोस्त ने वास्तव में उस वीडियो से एक क्लिप ली और उसे अपने इंस्टाग्राम पर डाल दिया, जो वायरल हो गया. तो, कोई पहले से कोई प्लानिंग नहीं. लेकिन फिर लोगों को ये बात पसंद आती है कि एक कोरियन लड़का इतनी अच्छी बिहारी बोलता है. और मुझे लगता है कि यही लोगों को काफी पसंद आया.’

पटना में पले-बढ़े

ली एक साल की उम्र में भारत आए थे. वे आज ऑनलाइन या वर्चुअल तरीके से भारत में जो प्यार उन्हें मिल रहा है उसीक काफी सराहना करते हैं. हालांकि, 1990-2000 दशक के अंत में अंतर्मुखी बच्चे के रूप में अंतर्मुखी स्वभाव होने और अपने चारों ओर लोगों द्वारा उन्हें थोड़ा अलग तरीके से देखे जाने की समस्या से निपटना पड़ा.

चार्ली ने अपने एक व्लॉग में कहा, “मैं एक ऐसी जगह पर अकेला विदेशी था, जहां किसी दूसरे विदेशी से मुलाकात होना मुश्किल था.”


यह भी पढेंः ‘डी-जार्गनाइज़ टू डीकार्बनाइज़’ – दिल्ली फिल्म फेस्टिवल में छाया रहा क्लाइमेट चेंज का मुद्दा 


स्कूल में बच्चे उसके नाम के बारे में उत्सुक रहते थे, वह कहां से आया है, या वह अपने लंचबॉक्स में क्या लाया है.

ली ने याद किया,“जब मैं भारत में था तो जिस एक संघर्ष से मैं गुज़रा था, वह था हर किसी की मेरे ऊपर नजरें टिक जाना… विशेष रूप से स्कूल में, वे हमेशा इकट्ठा हो जाया करते थे, घेरा बना लेते थे, और खाने को सूंघते थे. उनकी मुझमें काफी रुचि थी लेकिन, एक बच्चे के लिए यह बहुत ज्यादा था,”

फिर भी, यही परिस्थितियां थीं – पटना में एक रेग्युलर सीबीएसई स्कूल में जाना और कम उम्र में स्थानीय भाषा के संपर्क में आने के कारण – जिसकी वजह से बिहारी ली की पहली भाषा बन गई. कोरियाई में उनकी बातचीत घर पर अपने माता-पिता से बात करने तक ही सीमित थी.

2015 में, ली ने विदेश में कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए देश छोड़ दिया. यह तब की बात है जब भारत में कोरियाई लहर ने गति भी नहीं पकड़ी थी, और कोरियाई संस्कृति के बारे में जागरूकता अभी भी अपेक्षाकृत कम थी. आज, पटना देश के उन कुछ स्थानों में से एक है जहां किंग सेजोंग इंस्टीट्यूट है, जो दक्षिण कोरियाई सरकार द्वारा संचालित एक लैंग्वेज स्कूल है.

लेकिन ली को नहीं लगता कि अगर वह 2020 के दशक में बड़े हुए होते तो भी उन्हें इस तरह का लोगों का अटेंशन नहीं झेलना पड़ता. “मुझे लगता है कि मुझे बीटीएस, ब्लैकपिंक, के-पॉप और के-ड्रामा के कारण और भी अधिक अटेंशन मिला होता. यह वेव के कारण हो रहा है…,” उन्होंने आयोवा सिटी से कहा, जहां वह वर्तमान में पार्ट-टाइम काम और एक कंटेंट क्रिएटर के तौर पर अपना करियर बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

वास्तव में, एक अलग देश और महाद्वीप में रहने से उसे मिलने वाले वर्चुअल अटेंशन को फिजकली फील करना मुश्किल हो जाता है. फॉलोअर्स, सब्सक्राइबर्स और मीडिया इंटरैक्शन में वृद्धि एकमात्र ठोस संकेतक हैं जो उसे बताते हैं कि यह सब “वास्तविक” है.

ली ने कहा, “मैं अभी अमेरिका में हूं, इसलिए मुझे नहीं पता, मैं इसे शारीरिक रूप से महसूस नहीं कर सकता. मैं इसे केवल ऑनलाइन देख सकता हूं.’

सिंगिंग में करियर

कंटेंट क्रिएटर के रूप में ली का करियर बनाने में काफी समय लगा था. हालांकि, उन्होंने अगस्त 2020 में पहली क्लिप शूट की थी, लेकिन फरवरी 2022 तक उन्होंने अपना YouTube चैनल 40कहानी नहीं बनाया था, जो ‘चार्लीज़ कहानी’ से मिलता जुलता था. वीडियो के शुरुआत में वह अपने को सबसे ज्यादा सहज महसूस करने वाली भाषा बिहारी में वह चैनल शुरू करने का कारण बताते हैं, “मैं एक अच्छा स्टोरी टेलर बनना चाहता हूं और सिंगिंग से प्यार करता हूं,”

एक साल और एक वायरल वीडियो के बाद, यूट्यूब पर बने रहने के लिए ली की प्रेरणा में ज्यादा बदलाव नहीं आया है. वह अभी भी सिंगिंग से प्यार करते हैं और एक स्टोरी टेलर बन गए हैं, जो अपने जीवन के बारे में कहानियां साझा करता है. महामारी के तीन साल बाद पहली बार भारत आने की उनकी कहानी ने उन्हें वायरल कर दिया और वह रातों-रात मशहूर हो गए.

ली ने विस्तार से बताया,“YouTube चैनल मेरे लिए सिंगिंग में करियर बनाने के लिए है. लेकिन मेरा अनुभव जीरो है. यह मेरे लिए लाइफ चैलेंज जैसा है. इसलिए, मैंने सोचा, क्यों न इस प्रक्रिया को दर्शकों के साथ साझा किया जाए और इसे हिंदी में साझा किया जाए क्योंकि यह मेरी एक अनूठी विशेषता है,“

वह चाहते हैं कि चैनल एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म बने, जो शून्य से एक पेशेवर गायक बनने की उनकी यात्रा का गवाह बने. तमाम शोहरत के बीच अब उनके निजी जीवन का लक्ष्य अरमान मलिक जितना लोकप्रिय गायक बनना है.

उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “यही मेरा लक्ष्य है – एक दिन अरमान मलिक जैसा बनना या उनके साथ गाना, और यही वह यात्रा है जिसे मैं अपने चैनल पर दिखाने जा रहा हूं.”

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ेंः दिल्ली का ‘मजनू का टीला’ अब एक भीड़भाड़ वाला मॉल बन गया है, लेकिन अपनी ‘तिब्बती आत्मा’ को खो रहा है


 

share & View comments