कानपुर: कानपुर जूना अखाड़े ने केंद्र सरकार से मांग की है कि पहलगाम में आतंकी हमले के स्थल पर मारे गए हिंदुओं की प्रतिमाएं लगाईं जाएं और वहां वार्षिक हिंदू धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं.
कानपुर के प्रसिद्ध आनंदेश्वर मंदिर में जूना अखाड़े द्वारा शांति यज्ञ का आयोजन किया गया. जूना अखाड़ा सबसे बड़े और सबसे पुराने हिंदू मठों में से एक है, जो अपने नागा साधुओं के लिए जाना जाता है.
पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों में कानपुर के 31 वर्षीय सीमेंट व्यापारी शुभम द्विवेदी भी शामिल थे. केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने शुक्रवार को पीड़ित के पिता से उनके घर पर मुलाकात की.
जूना अखाड़े के मीडिया प्रभारी आशुतोष कुमार गुप्ता ने कहा, “केंद्र सरकार को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें मांग की गई है कि पहलगाम, जम्मू और कश्मीर में हिंदुओं की हत्या वाले स्थान पर शहीद हिंदू भाइयों की प्रतिमा स्थापित की जाए.”
शांति यज्ञ में कई लोग शामिल हुए, जिनमें से कुछ ने मंदिर परिसर में ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाए.
आनंदेश्वर मंदिर के महंत अरुण भारती ने कहा कि सभी हिंदुओं को एकजुट और मजबूत रहने का संकल्प लेना होगा.
उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा दूसरे राज्यों के लोगों की हत्या एक साजिश है. आतंकवादियों द्वारा ये कायराना हरकतें इसलिए की जाती हैं ताकि दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में न रह सकें और न ही व्यापार कर सकें.” भारती ने सभी व्यापारियों से व्यापार के लिए जम्मू-कश्मीर का रुख करने को कहा. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों का मकसद “हमारे अपने कश्मीर के जयचंदों की मदद” से पूरा हुआ. “आतंकवादियों का समर्थन करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा.”
भारी पुलिस बल की मौजूदगी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं. इस बीच, देश के कई हिस्सों में लोग कैंडल मार्च निकालकर हमले की निंदा कर रहे हैं और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
हालांकि, देश के कई हिस्सों में मुसलमानों को भी निशाना बनाया जा रहा है.

जुमे की नमाज के मौके पर कानपुर में मस्जिदों के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, जबकि नौगावां गांव और सरसौल कस्बे समेत कई मुस्लिम इलाकों में हाई अलर्ट था. थाना महाराजपुर क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा के बीच जुमे की नमाज अदा की गई.
पटकापुर की 200 साल पुरानी जामा मस्जिद में लोगों ने नमाज के बाद पहलगाम हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया. उनके हाथों में पोस्टर थे, जिन पर लिखा था, “आतंकवाद के खिलाफ हम सब एक हैं.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: 45 वर्षों से पाकिस्तान की आईएसआई हिंदुओं की हत्या कर रही है, ताकि भारत में गृह युद्ध छेड़ा जा सके