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Sunday, 22 December, 2024
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स्क्रॉल, लाइक, Exhale: इन्फ्लुएंसर गुरुओं के लिए इंस्टाग्राम अब नया आस्था टीवी है

सोशल मीडिया पर इन गुरुओं ने बुजुर्ग संतों गूढ़ ज्ञान की बातों और एक स्वर में भजन गाने के स्टीरियोटाइप को पलट कर रख दिया है.

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इंस्टाग्राम निर्वाण का नया तरीका है. नहीं, उस तरह का नहीं जहां आप अपनी योगा मैट बिछाते हैं और कमल की स्थिति में बैठ जाते हैं और रील के लिए बटन दबाते हैं. अगर आस्था चैनल प्रभावशाली संस्कृति और गुरुओं के लिए निरंतर भारत में खोज करता रहता है तो वहीं से इंस्टाग्राम इन्फ्लूएंसर गुरु का जन्म होता है.

बात दोस्ती की हो या फिर आस्था और उपदेश की इन दिनों इंस्टाग्राम पर यंग वुमन इन्फ्लूएंसर खूब जगह बना रही हैं, कोई इन्हें देवी कहता है तो कोई इनसे इतना प्रभावित हो जाता है कि उनसे मिलने उनके आश्रम तक पहुंच जाता है.

ये इन्फ्लूएंसर टीका चंदन लगाए, गेरुआ वस्त्र धारण करने वाली कोई सन्यासिनी नहीं है बल्कि परिवार के साथ रहने वाली किसी की बेटी किसी की पत्नी और किसी की बहू हैं.

इनमें से अधिकतर 20 की उम्र में हैं या प्रवेश कर ही हैं. अगर वो युवा नहीं भी हैं तो उनकी सोशल मीडिया की आध्यात्मिक नब्ज पर उनकी नज़र और उंगली दोनों है.

सत्ताईस वर्षीय जया किशोरी, जिन्हें उनके अनुयायी ‘आधुनिक भारत की मीरा’ कहते हैं, वह जेनरेशन जेड (20 से 25 आयु वर्ग) के लिए प्रवचन देती हैं. 25 साल की उम्र में, कृष्णा प्रिया शांति का अनुभव कराती हैं, क्योंकि वह राष्ट्रीय गौरव के साथ अपने आंतरिक शांति के ब्रांड को प्रसारित करती हैं. और राधा और कृष्ण का ‘दिव्य प्रेम’ 24 वर्षीय चित्रलेखा के उपदेशों की नींव है.

इनमें से कई इंस्टाग्राम गुरुओं ने किशोरों के रूप में अपनी पहचान बनाई है और अपने प्रवचनों से लाखों नहीं तो हजारों लोगों को प्रभावित किया है.

ऐसी ही एक 14 साल की उष्मा ने महज एक साल पहले सोशल मीडिया पर एंट्री ली है और अभी तक उनके 1 लाख से अधिक फॉलोअर बन गए हैं.

इंस्टाग्राम पर अपने प्रशंसकों पर प्रभाव छोड़ने वालीं ये इंन्फ्लूएंसर खुद को परफेक्ट बताने के बजाए जीवन में शांति की बात करती हैं. इसलिए स्क्रॉल करें, लाइक करें, कमेंट करें और सांस छोड़ें.

इन किशोरियों के लाखों फैंस

जया रील, ट्रेंड-फॉलोइंग को पसंद करने वाली पीढ़ी के लिए सोशल मीडिया पर बहुत सी शिक्षाओं और महाकाव्यों की कहानियों को फिट कर रहीं हैं. दोस्ती, अकेलापन, और मोटिवेशन स्पीच उनकी अधिक लोकप्रिय रीलें हैं.

वह अपनी एक रील में बताती हैं और दोस्ती के रिश्तों की बारीकियों को समझाती है. जया कहतीं हैं, ‘कृष्ण और अर्जुन के बीच दोस्ती थी और वही रिश्ता कर्ण और दुर्योधन के बीच देखा गया था. लेकिन इन दो दोस्ती के बीच बहुत अंतर था. कृष्ण और अर्जुन एक दूसरे के लिए भला चाहते थे जबकि दुर्योधन सूर्यपुत्र कर्ण से लाभ उठा रहे थे.

आधुनिक युग के मित्रता पर चर्चा करने के लिए महाभारत की बात को बताते हुए किशोरी ने कहा, ‘इसलिए कर्ण सही हो कर भी हार गए और अर्जुन जीत गए’.

एक अन्य रील में, वह दोस्ती की एक मजबूत नींव को बताती हैं और कहती हैं कि,’हमारे दोस्तों को अपने दोस्तों जैसा मत समझना की हम एक दो बातें बोल देंगे या एक दो चीज़े हो जाएंगी और हमारी दोस्ती टूट जाएगी. हमारी दोस्ती इन चीजों पे नहीं बनी है. अगर हम महीनों एक दूसरे से नहीं मिल रहे है या एक साल तक भी उन्होंने बात नहीं की है वो एक साल बाद भी फ़ोन करते तो वो वैसे ही होते जैसे वो एक साल पहले थे. जहां उनकी बात छूटी थी.’

धार्मिक बातो को एक सहज तरीके से लोगो तक पहुंचाती किशोरी हजारों अनुयायियों को आकर्षित करती है जो उनको ‘जया दीदी’ बोल कर उनके साथ अच्छा संबंध बनाते हैं. कुछ लोग उनको अपना गाइड, दोस्त, बहन मानते हैं. वहीं फॉलोअर अजित गुप्ता ने लिखा है, ‘मैं तो सिर्फ आप को ही अपना अच्छा दोस्त मानता हूं.’ आपके शब्द सत्य हैं’.

आज कोलकाता में रहने वाली किशोरी के इंस्टाग्राम पर सात लाख से ज्यादा, यूट्यूब पर 22 लाख और फेसबुक पर करीब 19 लाख फॉलोअर्स हैं.

अपनी वेबसाइट पर जया ने खुद को मोटिवेशनल स्पीकर, स्प्रिचुअल ओरेटर और लाइफ कोच भी बताया है. इस वेबसाइट में जया ने युवाओं की परेशानियों को अलग-अलग कर के पांच कॉलम बनाए हैं, जिसमें वो लोगों से बात करती है उनको सुझाव देती हैं. उनके कॉलम का अलग-अलग विषय है- ‘कैसे काम पर फोकस करें?, पढ़ाई पर कैसे ध्यान दें, छात्रों के अंक VS उनके रिश्तेदारों, स्पिरिचुअल ओरेटर कैसे बनें और महाभारत से जीवन के तीन सीख.

जया किशोरी अकेली नहीं हैं, हजारों लाखों लोगों को अपनी बातों से प्रभावित करने वाली इन देवियों और इन्फ्लूएंसर की लंबी कतार है. ऐसा नहीं है कि इन्होंने गृहस्थ जीवन से संन्यास ले लिया है. ये देवियां पढ़ाई भी कर रही हैं.

आस्था चैनल से निकल के आज देश विदेश में कथाएं कर रहीं भारत की महिलाओं को लोग खूब प्यार दे रहे है.

25 वर्ष की साध्वी कृष्णा प्रिया भी इंस्टाग्राम पर खूब शिरकत करती हैं. प्रिया ने कहा, ‘आजकल सोशल मीडिया पर लोगों की एक्टिविटी इस हद तक बढ़ गई है कि हमें अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए इसका इस्तेमाल करना पड़ता है.’उनके अनुयायी उन्हें ‘साध्वी’ और ‘सनातन धर्म के रक्षक’ बोलते हैं.

उन्होंने अपनी एक इंस्टाग्राम रील में कहा, ‘आपको हमेशा भगवान के नाम का जाप करना चाहिए… परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, चाहे आप खा रहे हों, पी रहे हों, सो रहे हों या जाग रहे हों, भगवान के नाम का जाप ही एकमात्र तरीका है’

राजस्थान के बालोतरा में रहने वाले अंतिम वर्ष के चार्टर्ड अकाउंटेंट छात्र भारत अग्रवाल ने इंस्टाग्राम पर जया और कृष्णा प्रिया दोनों से बात की लेकिन मार्गदर्शन और मदद के लिए भगत कृष्णा प्रिया के पास गए . उन्होंने अपनी करियर के सही चुनाव के लिए प्रिया को श्रेय दिया.

उन्होंने कहा, ‘मैं साध्वी कृष्णा प्रिया को 2014 से जानता हूं और उनसे सलाह लेने के लिए साल में दो बार मिलता हूं.’


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स्कूल और स्पिरिचूऐलिटी के बीच संतुलन

वहीं एक साल पहले ही इंस्टा पर आईं महज 14 साल की ऊष्मा भी लोगों को अपने बोलने के अंदाज से खूब प्रभावित कर रहीं हैं और वह बड़ी होकर महिलाओं के लिए कुछ करना चाहती हैं.

हालांकि, ऊष्मा ने अभी तक 30 कथाएं ही की हैं. इंस्टाग्राम पर करीब 354 पोस्ट हैं. इन्हें फॉलो करने वालों की संख्या आठ हजार से अधिक है और यूट्यूब में एक लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं.

ऊष्मा बताती है कि वो बचपन से ही भजन करती रही हैं और उनके पापा चाहते थे कि वे कथाएं कहें और भजन करें. वह झांसी के एक निजी स्कूल में कक्षा 9 में पढ़ती हैं और एक छात्रा और आध्यात्मिक जीवन को काफी अच्छे से संभाल के चलाती हैं.

ऊष्मा बताती है कि दिन में दो से तीन घंटे वो अपनी कथाओं के लिए कुछ लिखती हैं रिसर्च करती हैं और फिर पूरी तैयारी के साथ वो कथा कहने मंच पर जाती हैं. पढ़ाई और व्यस्त दिनचर्या के बीच वो कुछ समय सोशल मीडिया पर भी बिताती हैं.

वो बोलतीं है कि मुझे इसी काम में मजा आता है इसलिए मैं पढ़ाई के बीच से वक़्त निकाल लेती हूं.

ऊष्मा की तरह, हरियाणा के पलवल की 24 वर्षीय चित्रलेखा ने अपनी मां के साथ मंदिरों में जाने और राधा और कृष्ण की कहानियां सुनने के दौरान एक बच्चे के रूप में स्पिरिचुएलिटी के प्रति आकर्षित हुई. उन्होंने कहा, वो कहती हैं, ‘इंस्टा को मैंने अपनी बात लोगों तक पहुंचाने का माध्यम बनाया है पर मैं उसको अपने जीवन का खास हिस्सा नहीं बना सकती.’

फॉलोअर्स उन्हें ‘देवी’ कहते हैं.चित्रलेखा अपने प्रवचन में राधा-कृष्ण से जुड़ी बातें ही करती हैं. इंस्टाग्राम पर इनके 7 लाख से अधिक फॉलोअर हैं जबकि यूट्यूब पर 22 लाख 80 हजार और फेसबुक पर 23 लाख फॉलोअर हैं.

साध्वी चित्रलेखा के इंस्टाग्राम पोस्ट काफी सवाल जवाब और प्रवचनों से भरे हुए हैं. अपने कई प्रवचनों में चित्रलेखा भगवान को पाने की बात भी करती हैं. जिसे लाखों की संख्या में लोग पसंद करते हैं.

एक पोस्ट में वो बोलती हैं, ‘दान करें, सदाचार, सद्विचार, अच्छे कर्म और कर्मयोग से ही अच्छा पद मिलता है, पुण्य मिलता है, अच्छे कुल में जन्म होगा लेकिन इन सब से भगवान मिल जाएंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है.’

वो कहती हैं, भगवान बोलते हैं- भक्ति को जीवन में लाओ, भक्ति करो तब जाकर मैं मिलूंगा.’

उस पोस्ट पर एक फॉलोअर ने तंज कसते हुए पूछा है कि सिर्फ ‘हमसे ही दान देने कि बात करती हो या आपने भी कभी कुछ दान दिया है, या फिर भगवान के नाम पर धंधा खोल रखा है.’

इन उपदेशों का व्यवसाय

ऊष्मा, किशोरी और अन्य ‘देवियां’ बड़े भारतीय स्पिरिचूऐलिटी बाजार का हिस्सा हैं, जिसे द इकोनॉमिक टाइम्स ने 2016 की एक रिपोर्ट में 40 बिलियन डॉलर बताया था. यह एक ऐसा व्यवसाय है जो पूजा और पंडितों, ऑनलाइन प्रसाद (धार्मिक प्रसाद), आपके इनबॉक्स में दैनिक भजन, ज्योतिषियों और वास्तु विशेषज्ञों के लिए ऐप प्रदान करता है.

नए सदस्यों के लिए, उडेमी जैसे प्लेटफॉर्म ऑनलाइन स्पिरिचूऐलिटी के लिए विशेष प्लेटफॉर्म्स भी प्रदान करते हैं. ऐसा ही एक कार्यक्रम, जिसका शीर्षक है ‘आध्यात्मिक व्यवसाय के रूप में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए 3 बातें’, में 19,000 से अधिक छात्र हैं और इसकी रेटिंग 4.3 है. इसमें छात्र सीखेंगे कि कैसे अपना स्वयं का स्पिरिचूऐलिटी व्यवसाय को चलाना है, अपने रेगुलर दर्शकों की पहचान करना, अपने आध्यात्मिक प्रभाव को फैलाना और अपनी कम्यूनिटी का निर्माण करना है.

आपके जितने अधिक फॉलोअर्स होंगे उससे उतने ही अधिक स्पांसर्स मिलेंगे और अधिक दान भी मिलेगा. दिप्रिंट ने लगभग सभी देवियों से उन्हें मिलने वाले दान के बारे में बात करने और जानने की कोशिश की लेकिन इसके बारे में सभी ने बात करने से इनकार कर दिया. वहीं बहुत बार आग्रह करने पर एक देवी ने बताया कि कथाओं के लिए उसे 1 से 1.5 लाख रुपये मिलते हैं.

वो बहुत ही सफलता से वैदिक ज्ञानों के साथ अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ कर रही हैं. इसके लिए वो खूबसूरत रील, आंतरिक शांति की बात करती हैं..कृष्ण के साथ रील बनाती हैं और सबसे जरूरी किसी के छूट जाने की बातें कर बड़ी ही सफलता से जेनरेशन जेन को अपने साथ जोड़ रही हैं.


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