गंजाम: 28 साल के देशरथ प्रधान अपनी पत्नी के साथ महीने में कम से कम एक बार डेट के लिए गोपालपुर बीच पर आते हैं — ठंडी हवा का लुत्फ उठाने, स्ट्रीट फूड खाने और अपने साथी के साथ अच्छा वक्त बिताने के लिए, लेकिन इस बार, वह इस रूटीन से विराम लेंगे. रविवार को समुद्र तट के एक सुनसान हिस्से में कॉलेज स्टूडेंट के साथ उनके पार्टनर के सामने कथित रूप से हुए भयानक सामूहिक बलात्कार ने उन्हें झकझोर कर रख दिया है.
प्रधान ने समुद्र तट पर बैठे अपनी पत्नी का हाथ थामे हुए कहा, “जब भी हम यहां आते हैं, तो भीड़-भाड़ से दूर शांत जगह की तलाश करते हैं, जहां हम बात कर सकें-चूंकि हम एक ज्वाइंट फैमिली में रहते हैं, इसलिए हमें मुश्किल से ही टाइम मिलता है, लेकिन इस घटना के बारे में सुनने के बाद, मैं यहां नहीं आऊंगा. यह वाकई डरावना है. हमारे साथ भी ऐसा हो सकता है.” दंपति पास के खुर्दा जिले का रहने वाला है.
इस सामूहिक बलात्कार ने पर्यटकों को सतर्क कर दिया है और स्थानीय लोगों को डरा दिया है. इसने न केवल शांत तटीय इलाके को बल्कि पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है, जिससे राजधानी में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा, “राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहे हैं. गोपालपुर के अलावा पिछले तीन दिनों में मयूरभंज, क्योंझर जिलों से सामूहिक बलात्कार की दो और घटनाएं सामने आई हैं. गोपालपुर की घटना के मद्देनज़र कांग्रेस ने बुधवार को एक विरोध रैली का आयोजन किया. मंगलवार को सैकड़ों कांग्रेस प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया, जब वह भुवनेश्वर में सीएम हाउस के पास प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे. यह मामला मार्च की शुरुआत में हम्पी गैंगरेप की भयावह याद दिलाता है, जिसमें एक इज़रायली सहित दो महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी, जब वह रात में घूम रहे थे.”
कथित हिंसक हमले, ब्लैकमेल और सामूहिक बलात्कार ने महिला को अंदर से तोड़कर रख दिया है और उनके साथी को भी गहरा सदमा पहुंचा है.
बरहामपुर के पुलिस अधीक्षक सवर्ण विवेक एम. ने कहा, “शुरू में लड़की शिकायत दर्ज कराने के लिए तैयार नहीं थी, शुरुआत में यह मौखिक शिकायत थी. उन्हें डर था कि उनके माता-पिता को पता चल जाएगा. हमें उसे पूरी संवेदनशीलता के साथ काउंसलिंग देनी पड़ी और यह सुनिश्चित करना पड़ा कि उनकी प्राइवेसी बरकरार रहे.”
पीड़िता ने पुलिस से कहा, “मैं नहीं चाहती कि मेरे परिवार को और न ही मेरे प्रेमी के परिवार को इस बारे में पता चले.”

पुलिस ने सभी 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है; छह वयस्कों को जेल और चार नाबालिगों को किशोर गृह भेज दिया गया है, लेकिन डर अभी भी बना हुआ है. पीड़िता पुलिस के संपर्क में हैं, उनके साथ केवल उनका प्रेमी है.
अपराध स्थल — समुद्र तट का एक हिस्सा जो स्थानीय लोगों के बीच शराब पीने और घूमने के लिए जाना जाता है — पर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था, कोई रोशनी नहीं थी और पुलिस की भी कोई गश्त नहीं थी. अब, यह डर का सन्नाटा लेकर आया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने समुद्र तट पर बुनियादी सुरक्षा उपायों की पूरी तरह से कमी पर चिंता जताई है, जो शराब पीने और घूमने के लिए कुख्यात था.
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में बलात्कार के मामलों में ओडिशा की सज़ा दर सिर्फ 6.6 प्रतिशत थी, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. 2022 में बलात्कार के मामलों में भारत की राष्ट्रीय सज़ा दर लगभग 27 प्रतिशत थी.
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सैर-सपाटा खौफ में बदला
शाम के करीब 6 बजे थे जब यह जोड़ा राजा उत्सव में गया था, जो वुमेनहुड को सेलिब्रेट करने वाला तीन दिवसीय उड़िया उत्सव है. वह अकेले में वक्त बिताने के लिए लगभग एक किलोमीटर चले और वहां पहुंचे जहां आरोपी शराब पी रहे थे. युवकों ने जोड़े की तस्वीरें खींचीं और उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए कहा — पैसे दो या वह तस्वीरें पब्लिक कर देंगे.
उन्होंने महिला के पर्स से पैसे निकाले और फिर उनके प्रेमी से और पैसे मांगे. उनके पास कैश नहीं था, इसलिए उन्होंने UPI के ज़रिए पैसे देने को कहा. इसके बाद, 3-4 लोग पीड़िता को नीले रंग की टिन की बनी समुद्र तट की दुकानों के बीच ले गए. बाकी ने उनके साथी को ज़बरदस्ती पकड़ लिया.
विवेक एम ने कहा, “उनका साथी उस सुनसान इलाके में था और उन्होंने लड़की को घसीटकर नीचे उतारा और उनका सामूहिक बलात्कार किया. तीन लोगों ने उनका यौन उत्पीड़न किया, जिनमें से मुख्य आरोपी प्रमोद नायक का आपराधिक इतिहास है.”
घटना शाम 7:30 से 9 बजे के बीच हुई. आरोपियों ने जोड़े को पुलिस में शिकायत करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी थी.
समुद्र तट पर नीले रंग की टिन की दुकानें गोपालपुर अधिसूचित क्षेत्र परिषद (एनएसी) द्वारा बनाई गई थीं, जो स्थानीय नागरिक निकाय है, जिन्हें दुकानदारों को दिया जाना था, लेकिन यह योजना सफल नहीं हो पाई.
विवेक एम ने कहा, “पहले तो दोनों डर गए कि उनका पीछा किया जा रहा है. जब उन्हें यकीन हो गया कि ये लोग भाग गए हैं, तो वह समुद्र तट पर स्थित नज़दीकी पुलिस स्टेशन गए. शिकायत के बाद, आरोपियों को खोजने के लिए सभी उपलब्ध पुलिस बलों को लगाया गया.”
स्थानीय स्तर पर 45 मिनट से भी कम समय तक चली तलाशी में पुलिस ने तीन आरोपियों को अपनी बाइक के साथ खड़े पाया. एक अन्य को सूचना मिलने के बाद पकड़ा गया. आरोपी एक होटल में गए थे और उन्होंने होटल के मालिक से बेशर्मी से खाना मांगा था. आरोपियों में से एक ने होटल मैनेजर से कहा, “पुलिस मुझे ढूंढ रही है, कृपया मुझे कुछ खाना दे दो” और तभी मैनेजर ने पुलिस को बुलाया.
पुलिस ने रात में तलाशी अभियान चलाया और पड़ोस के घरों में छापेमारी की और सभी आरोपियों को पकड़ लिया.
विवेक एम ने कहा, “अपराध जघन्य था. हमने उन्हें जितनी जल्दी हो सका, ढूंढ लिया. अपराध की प्रकृति को देखते हुए हम किशोर न्याय बोर्ड से अनुरोध करेंगे कि किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत चारों नाबालिगों पर वयस्कों की तरह मुकदमा चलाया जाए.”
वयस्क आरोपी प्रमोद नायक (23), बाबूराम दलाई (19), लक्ष्मण प्रधान (24), कुणाल प्रधान (24), दीपक तराइन (19) और ओम प्रधान (19) हैं, जो गंजाम जिले के निवासी हैं और समुद्र तट से 25-30 किमी दूर रहते हैं.

मुख्य आरोपी नायक बेंगलुरु की एक कंपनी में काम करता था और अपने गृहनगर आया हुआ था. उसे पहले गंजाम में पुरुषोत्तमपुर पुलिस ने हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था और उस पर आईपीसी की धारा 307 के साथ-साथ विस्फोटक अधिनियम की धारा 3 के तहत अवैध बम बनाने का मामला दर्ज किया था. 19 साल का बाबूराम दलाई बारहवीं में पढ़ता है जबकि कुणाल प्रधान रांची में एक होटल में काम करता है.
पुलिस के एक सूत्र ने बताया, “प्रमोद नायक ने समुद्र तट पर जाने की योजना बनाई. उसने बोरुपाड़ा गांव से अपने दो दोस्तों को बुलाया और फिर उन्होंने सीकरी गांव से छह अन्य लोगों को बुलाया. दो अन्य लोग भी उनके साथ शामिल हो गए.”
वह सभी इस टूरिस्ट स्पॉट पर पार्टी करने आए थे, जहां हज़ारों लोग अपने परिवारों के साथ आते हैं.
समुद्र तट पर ज़्यादातर परिवार और जोड़े आते हैं, साथ ही खुर्दा और नयागढ़ जैसे पड़ोसी जिलों से भी लोग आते हैं. पश्चिम बंगाल से भी पर्यटक आते हैं.
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गोपालपुर का टूरिज़्म
गोपालपुर एक फेमस टूरिस्ट स्पॉट है; यहां तक कि कुछ विदेशी टूरिस्ट भी यहां आते हैं. पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 2,90,050 लोग गोपालपुर आए. पूरा समुद्र तट 10 किलोमीटर लंबा है, लेकिन सक्रिय क्षेत्र जहां सबसे ज़्यादा भीड़ जमा होती है और दुकानें हैं, वह लगभग 3 किलोमीटर लंबा है. इस पूरे समुद्र तट के लिए एक वाहन के साथ केवल एक पुलिस चौकी है.
चना बेचने वाली एक छोटी सी दुकान चलाने वाली एक बूढ़ी महिला ने बताया कि उन्होंने रात में गश्त करने वाली गाड़ियों को देखा है, लेकिन वह सुनसान इलाके में नहीं जातीं.
नाम न बताने की शर्त पर महिला ने दिप्रिंट को बताया, “वह सायरन बजाते हुए आते हैं. हर दिन समुद्र तट की जांच करते हैं, लेकिन वहां नहीं जाते जहां दंपति बैठे थे. समुद्र तट बहुत लंबा है और वह एक जगह से दूसरी जगह घूमते रहते हैं.”
स्थानीय लोगों को डर है कि इस घटना से उनका कारोबार प्रभावित हो सकता है. लोग यहां आना बंद कर सकते हैं और उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
उन्होंने कहा, “यह टूरिस्टों ने किया है. स्थानीय लोग हमेशा पर्यटकों की मदद करते हैं, लेकिन जब ऐसी कोई घटना होती है, तो इलाके का नाम खराब होता है और लोगों को लग सकता है कि यह एक असुरक्षित जगह है.”
2015 में, गोपालपुर में पर्यटकों की समस्याओं को हल करने के लिए एक पुलिस सेल-समर्पित इकाई-स्थापित की गई थी. ओडिशा में सात अन्य स्थानों पर भी ये सेल बनाए गए हैं — तीन लिंगराज, धौली और नंदनकानन पुलिस स्टेशनों पर, तीन पुरी सी बीच, कोणार्क और ब्रह्मगिरी पुलिस स्टेशनों पर और एक चांदीपुर पुलिस स्टेशन पर.

लेकिन ये सेल प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रहे हैं और चुनौतियों का सामना कर रहे हैं क्योंकि बुनियादी ढांचा पर्याप्त नहीं है और ज़्यादा लोगों की ज़रूरत है. सेल के पुलिसकर्मी ज्यादातर समय नियमित पुलिस स्टेशन के काम में व्यस्त रहते हैं.
सेल के एक पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “इन पुलिसकर्मियों को पर्यटकों से संबंधित मुद्दों से निपटना चाहिए, लेकिन उन्हें नियमित पुलिसिंग का काम करना पड़ता है”
इनमें से अधिकांश सेल में पर्यटकों के सामान की लूट और चोरी की शिकायतें आती हैं. कभी-कभी परिवार का कोई सदस्य खो जाता है, तो वह इन सेल में जाते हैं.
राजनीतिक तूफान
इस सामूहिक बलात्कार की घटना ने राजनीतिक आक्रोश को जन्म दिया है जिसका शोर राजधानी तक पहुंच गया है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भुवनेश्वर में विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि “कानून और व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है”. ओडिशा में अपनी पहली सरकार बनाने वाली भाजपा ने “त्वरित और अनुकरणीय” न्याय का वादा किया है, जबकि एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल पर बुनियादी सुरक्षा की कमी को लेकर आलोचना बढ़ रही है.
ओडिशा कांग्रेस की प्रवक्ता सोनाली साहू ने आरोप लगाया कि “सरकार सख्त कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं है-इसलिए ऐसी घटनाएं हो रही हैं. वहां कोई गश्त नहीं थी, कोई रोशनी नहीं थी और कोई सीसीटीवी नहीं था. यह कैसे संभव है? यह भाजपा सरकार के लिए एक आपदा है.”
गोपालपुर के विधायक और ओडिशा के वाणिज्य, परिवहन, इस्पात और खान मंत्री बिभूति कुमार जेना ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक के साथ घटनास्थल का दौरा किया.
उन्होंने कहा, “पहले सरकार कहती थी कि कानून अपना काम करेगा, लेकिन यहां हमने एक दिन के भीतर सभी 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. समुद्र तट पर असुरक्षित बुनियादी ढांचा पिछली सरकार द्वारा बनाया गया था — हम इसे जल्द ही ध्वस्त कर देंगे.”
दशकों तक ओडिशा पर शासन करने वाली पार्टी, बीजू जनता दल ने कोई आधिकारिक विरोध प्रदर्शन नहीं किया है, लेकिन कई नेताओं ने आलोचना की है.
बीजद नेता लेखाश्री सामंतसिंहर ने कहा, “जब से भाजपा सत्ता में आई है, महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं. पिछले साल ही बलात्कार के मामलों में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. राज्य सरकार अपनी एक साल की सालगिरह मना रही है, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा बदतर हो गई है. महिला और बाल विकास मंत्री को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. सरकार को इस तरह के अपराधों के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस एसओपी की ज़रूरत है.”
कांग्रेस ने गंजाम की घटना को अन्य हालिया यौन हिंसा मामलों से भी जोड़ा है, जिसमें सोमवार को क्योंझर में 16 साल की युवती के कथित बलात्कार और हत्या की खबर शामिल है. कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने भुवनेश्वर में एक विरोध प्रदर्शन में कहा, “हम यहां मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करने आए हैं.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 जून को ओडिशा आने के साथ ही राजनीतिक तापमान बढ़ रहा है और भाजपा के सत्ता में आने के पहले साल में महिलाओं की सुरक्षा एक अपरिहार्य मुद्दा बन गई है.
राजनीतिक नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं और सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा कर रही है, लेकिन 20 साल की पीड़िता पुलिस की निगरानी में हैं और अपनी पहचान की रक्षा कर रही हैं. उनकी दुनिया बिखर गई है, उन्हें बस अपने साथी से ही सुकून मिल रहा है.
गोपालपुर तट पर नंगे पांव खड़ी भुवनेश्वर की एक टूरिस्ट शालिनी मिश्रा ने पूछा, “उन्हें उनकी सुरक्षा के लिए कहीं बंद कर दिया गया है, लेकिन उनकी आज़ादी उनके भविष्य का क्या होगा? मैं सोचती रहती हूं — अगर मैं होती तो क्या होता?”
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