फरीदाबाद: फरीदाबाद के धौज गांव स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट पर पुलिस की गाड़ियां लगातार अंदर-बाहर जा रही हैं. टीवी कैमरे और पत्रकारों की नज़रे लगातार गेट पर टिकी हुई हैं. पूरे कैंपस में अजीब सा सन्नाटा पसरा है. यह यूनिवर्सिटी अब सोमवार शाम लाल किले पर हुए कार ब्लास्ट जिसमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है, उस मामले की जांच का अहम केंद्र बन गई है.
छात्रों और शिक्षकों से जब दिप्रिंट ने बात करने की कोशिश की, तो वह शांत नज़र आए. उन्होंने कहा कि उन्हें बाहर के किसी भी व्यक्ति से इस मामले पर बात न करने के लिए कहा गया है.
सोमवार शाम हुए धमाके से पहले, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की एक संयुक्त टीम पिछले दो हफ्तों से चल रहे ऑपरेशन में अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉक्टर मुजम्मिल शकील के किराए के कमरे से बड़ी मात्रा में विस्फोटक बनाने का सामान बरामद कर चुकी थी.
यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन डॉक्टर — उमर मोहम्मद, मुजम्मिल शकील और शाहीना शाहिद जांच के दायरे में हैं. मोहम्मद उस कार में था जिसमें धमाका हुआ, जबकि शाहिद पर आरोप है कि उसे भारत में जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग को तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी. उसकी कार से राइफल और गोलियां बरामद की गईं.
इससे यूनिवर्सिटी के छात्रों और अस्पताल-रिसर्च सेंटर आने वाले मरीजों में डर का माहौल है.
मंगलवार शाम स्नैक्स लेने के लिए गेट से बाहर निकले यूनिवर्सिटी के थर्ड इयर के एक स्टूडेंट ने कहा, “(शकील को) करीब 11 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था, तभी कैंपस में बातें फैलनी शुरू हुईं. लेकिन लाल किले के धमाके के बाद अब डर हकीकत बन गया है. पिछले दो दिनों से पुलिस लगातार कैंपस आ-जा रही है. हमें डर है कि कोई और भी इसमें शामिल व्यक्ति अभी भी यूनिवर्सिटी में हो सकता है.”
धौज गांव के लोग भी शकील की गिरफ्तारी से हैरान हैं. गांव के निवासी सलीम खान ने कहा, “हम उसे जानते थे. कभी सोचा भी नहीं था कि वह ऐसा कुछ कर सकता है.”
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अब तक यूनिवर्सिटी से जुड़े कुल छह लोग इस गतिविधि में शामिल पाए गए हैं, जिनमें ये तीन डॉक्टर — मुजम्मिल शकील, उमर मोहम्मद और शाहीना शाहिद शामिल हैं. पुलिस बाकी तीन लोगों से पूछताछ कर रही है.
बस से कैंपस से बाहर निकल रहे एक डॉक्टर ने कहा, “यह बहुत चौंकाने वाला है क्योंकि यूनिवर्सिटी में बहुत से लोग काम करते हैं. यूनिवर्सिटी का नाम बदनाम हो रहा है. मैं पर्सनली किसी को नहीं जानता, लेकिन स्टाफ के लोग उसके (शाहिद) बारे में बातें कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उसका व्यवहार अजीब था.” उन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं दी.
शाहिद को सोमवार को फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में छापे के बाद गिरफ्तार किया गया, यह गिरफ्तारी लाल किला धमाके के मामले से जुड़ी है.
लगातार पुलिस की आवाजाही और जांच के बावजूद यूनिवर्सिटी ने क्लास को निलंबित नहीं किया है.
डॉक्टर ने कहा, “यह एडमिशन का टाइम है, अगर यूनिवर्सिटी की छवि खराब हुई तो एडमिशन पर असर पड़ेगा. यूनिवर्सिटी जांच एजेंसियों को हर तरह की मदद कर रही है.”
जांच ने रातों-रात कॉलेज को सुर्खियों में ला दिया है. युवा लगातार यूनिवर्सिटी के गेट पर पहुंच रहे हैं ताकि देख सकें कि वहां क्या चल रहा है — पुलिस की गाड़ियां, कैमरे और भीड़. यूनिवर्सिटी गेट के बाहर की चाय की दुकान पर अब पहले से कहीं ज्यादा ग्राहक आ रहे हैं.
यूनिवर्सिटी के बाहर पकोड़े तल रही एक महिला ने कहा, “मैं पिछले सात साल से यहां हूं, लेकिन ऐसा कभी नहीं देखा. छात्र और शिक्षक पिछले दो दिनों से यहां वैसे नहीं आ रहे जैसे पहले आते थे, लेकिन अब कई लोग बाहर से आ रहे हैं, इसलिए कारोबार अच्छा चल रहा है.”
अल-फलाह यूनिवर्सिटी
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना वर्ष 2014 में प्रोफेसर (डॉ.) एम. सिद्दीकी ने की थी. वे वर्तमान में यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति हैं.
डॉ. सिद्दीकी पिछले दो दशकों से उच्च शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. उन्होंने 1990 के दशक के अंत में फरीदाबाद–मेवात क्षेत्र में इंजीनियरिंग और शिक्षक-प्रशिक्षण कॉलेज खोलकर अपने शैक्षणिक सफर की शुरुआत की थी. बाद में उन्होंने मेडिकल और पैरामेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी विस्तार किया.
इसे अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है. यूनिवर्सिटी का परिसर लगभग 70 एकड़ में फैला हुआ है. इसमें अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, ब्राउन हिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी और अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग शामिल हैं.
कैंपस के भीतर ही अल-फलाह हॉस्पिटल स्थित है, जो 650 बेड वाला चैरिटेबल अस्पताल है. यह अस्पताल अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर का हिस्सा है.
यूनिवर्सिटी के कैंपस में छात्रावास, स्टाफ और डॉक्टरों के क्वार्टर, एक लाइब्रेरी और कई लैब भी मौजूद हैं.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)
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