ब्लिंकिट के नए आउटडोर विज्ञापनों पर तो आपकी नजर जरूर गई होगी. हमारा मतलब यहां-वहां सड़कों पर लगे होर्डिंग और सार्वजनिक बसों पर लगे उन विज्ञापनों से है, जो बरबस ही अपनी ओर देखने और मुस्कुराने के लिए मजबूर कर रहे हैं.
इनमें ऐसा कुछ नहीं है जो आपके होश उड़ा दे या आपको सोचने के लिए मजबूर कर दे. हां, ब्लिंकिट के ये विज्ञापन आपको कुछ ऐसी मजेदार लाइनों के साथ मिलेंगे, जिन्हें आप दिल से जानते हैं. इनकी सादगी ही इन विज्ञापनों की खूबसूरती है और लोगों के दिल जीतने की वजह भी.
सिलसिलेवार ढंग से होर्डिंग पर सजे ब्लिंकिट के ये विज्ञापन लोकप्रिय बॉलीवुड गानों की तर्ज पर कुछ इस तरह से बनाए गए हैं कि वो निश्चित उत्पाद के बारे में पूरी जानकारी बड़ी आसानी से ग्राहकों तक पहुंचा देते हैं. वो प्रोडक्ट जिसे आप ऐप पर ऑर्डर कर सकते हैं.
‘अंडा ये बिंदास है, अंडा ये बिंदास है’ – 2001 का केके और अनु मलिक का गीत बंदा ये बिंदास है पर बना है तो वहीं कॉर्निटोस के लिए तैयार किया गया विज्ञापन ‘बसंती नाआच-ओज’ शोले (1975) फिल्म का एक लोकप्रिय डायलॉग है. ये सीधे लोगों के दिल से जुड़े हैं और उन्हें इस एप पर जाने के लिए मजबूर कर देते हैं. ब्लिंकिट मिनटों में 5,000 से ज्यादा उत्पाद डिलीवर करता है और यह उनके YouTube पर दिए जा रहे विज्ञापनों से आगे का कदम है.
इन विज्ञापनों की खासियत ये है कि वे अपने द्वारा बेचे जा रहे उत्पाद के बारे में कोई कहानी नहीं कहते या झूठे वादे नहीं करते हैं. मतलब साफ है बिना लाग लपेट के अपने एप को लोगों के बीच पहुंचाना.
इस तरह से वे ‘स्पीड डिलीवरी’, ब्लिंकिट की यूएसपी के बारे में बात करने से बचते हैं, जिसे डिलीवरी पार्टनर्स के प्रति असंवेदनशील होने के लिए बहुत अधिक आलोचना झेलनी पड़ी है. ब्लिंकिट अपने बारे में कुछ न बताते हुए भी उपयोगकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करने में कामयाब रहा है. ये विज्ञापन हमारे सामने आए बॉलीवुड गानों का सबसे अच्छा रीमिक्स हो सकते हैं.
इसके और भी बहुत से विज्ञापन कुछ ऐसे ही जबान पर बने रहने वाले ‘रैप’ शब्दों से बने हैं. मसलन ‘अपना लाइम आएगा’ नींबू का विज्ञापन करता है, जबकि ‘चकना मेरेया मेरेया’ लेज़ की पब्लिसिटी करता है.
इससे कॉर्निटोस नाचो चिप्स, एमटीआर और लेज़ काफी खुश हुए होंगे क्योंकि उन्हें ब्लिंकिट के लिए मुफ्त बिलबोर्ड टाईम जो मिल गया है.
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नया विचार नहीं
ब्लिंकिट किसी नई सोच के साथ आगे नहीं आया है. 2016 में Zomato ने भी अपनी सर्विस को बढ़ावा देने के लिए लोकप्रिय हिंदी गीतों, डायलॉग, फिल्म के टाइटल का सहारा लिया था. ‘क्या पता कॉल हो न हो’ जैसे विज्ञापन को ही ले लें. जिसका सीधा सा मतलब था ‘डिलीवरी के लिए फोन करना बंद करो, ज़ोमैटो पर ऑनलाइन खाना ऑर्डर करो’
लेकिन विज्ञापन की दिग्गज कंपनी ओगिल्वी ने जिन शब्दों के साथ खेलने का प्रयास किया वह वास्तव लोगों को पसंद नहीं आया. – ‘दूध मांगो दूध देंगे, खीर मांगोगे खीर देंगे’ .यह लाइन कश्मीर मुद्दे पर एक विवादास्पद लाइन जिसको मजाकिया बनाने का एक और लापरवाह प्रयास था: ‘दूध मांगोगे तो खीर देंगे, कश्मीर मैंगो चीयर देंगे.’
इसलिए हम कह सकते हैं कि उनके विज्ञापन का तरीका कोई नया नहीं है. यहां इस बात को ध्यान में रखना भी जरूरी है कि जोमैटो ने ब्लिंकिट का अधिग्रहण कर लिया है.
प्रिंट विज्ञापनों के शानदार दिन निश्चित रूप से खत्म हो गए हैं, शब्दों की कोई कमी नहीं है. फॉक्सवैगन के ‘थिंक स्मॉल’ जैसे विज्ञापन शायद वापसी नहीं कर पाए. मैं यह बात ग्रे इंडिया द्वारा 2014 ड्यूरासेल के शानदार विज्ञापनों की प्रतिभा को स्वीकार करते हुए कह रहा हूं.
स्वतंत्र विज्ञापन एजेंसी द मिनिमलिस्ट के इंस्टाग्राम विज्ञापन भी अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए रचनात्मकता को सरलता के साथ पेश करने का एक अच्छा उदाहरण है.
ब्लिंकिट के ये वन-लाइन ज़िंगर्स भले ही पुरस्कार न जीतें, लेकिन वे निश्चित रूप से दिल जीत रहे हैं.
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