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Monday, 4 November, 2024
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अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच झड़प, दोनों देशों के सैनिक हुए घायल

इस घटना पर कांग्रेस ने मोदी सरकार से चीन के मुद्दे पर ढुलमुल रवैया छोड़कर सख्ती बरतने की सलाह दी है. कांग्रेस ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. साथ ही उसने चीन की चेतावनी दी है कि उसकी यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के तवांग के यांग्त्से में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ झड़प में कई भारतीय सैनिक घायल हो गए. सोमवार को मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि दोनों देशों की सेना के बीच यह झड़प 9 दिसंबर को हुई थी.

सूत्रों ने कहा कि 9 दिसंबर, 2022 को पीएलए के सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर संपर्क किया, जिसका भारतीय सैनिकों ने दृढ़ता से मुकाबला किया.

इसमें भारतीय और चीनी दोनों सैनिकों को चोटें आई हैं. हालांकि, किसी के मरने की जानकारी नहीं मिली है.

खबर में घटना की पुष्टि करते हुए रक्षा अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि इसमें ‘चीनी पक्ष को भारतीयों की तुलना में बहुत अधिक चोटें हैं.’

जानकारी के मुताबिक, पहाड़ी राज्य में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के विवादित क्षेत्र यांग्त्से में दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई. दोनों पक्ष तुरंत क्षेत्र से हट गए.

सूत्रों के मुताबिक, घटना के बाद क्षेत्र में भारत के कमांडर ने शांति बहाल करने के लिए स्ट्रक्चर मैकेनिज्म के अनुसार इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अपने समकक्ष के साथ फ्लैग मीटिंग की है.

झड़प में कुछ सैनिकों के हाथ-पैर टूट गए हैं. खबरों के अनुसार घायल सैनिकों का गुवाहाटी के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. झड़प के वक्त करीब 600 पीएलए सैनिक मौजूद थे.

उधर, इस घटना पर कांग्रेस ने मोदी सरकार से चीन के मुद्दे पर ढुलमुल रवैया छोड़कर सख्ती बरतने की सलाह दी है. कांग्रेस ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. साथ ही उसने चीन की चेतावनी दी है कि उसकी यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबर है. वक्त आ गया है कि सरकार ढुलमुल रवैया छोड़कर सख्त लहजे में चीन को समझाए कि उसकी यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी.’

गौरतलब है कि भारतीय सैनिकों ने पिछले साल अक्टूबर में यांग्त्से में ही चीनी सैनिकों को रोका था. अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के पास लगभग 200 पीएलए ​​सैनिकों को रोका गया था.


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