नई दिल्ली: भारत सरकार ने मंगलवार को सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई ‘अग्निपथ योजना’ का ऐलान किया. इसके तहत बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करने के लिए संविदा के आधार पर बहुत कम समय के लिए सैनिकों की भर्ती की जएगी, जिन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा.
सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक में नई योजना को मंजूरी मिल जाने के थोड़ी देर बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऐलान किया.
सिंह ने कहा, ‘अग्निपथ भर्ती योजना एक क्रांतिकारी पहल है जो सशस्त्र बलों को एक युवा ‘प्रोफाइल’ पहचान करेगी.’
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘भारतीय सेनाओं को विश्व की बेहतरीन सेना बनाने के लिए आज सुरक्षा संबंधी कैबिनेट कमेटी ने एक निर्णय लिया है. हम अग्निपथ नामक एक योजना ला रहे हैं जो हमारी सेना में परिवर्तनकारी बदलाव कर उन्हें पूरी तरह से आधुनिक और सुसज्जित बनाएगी.’
उन्होंने कहा, ‘अग्निपथ योजना से रोजगार का अवसर बढ़ेगा. अग्निवीर सेवा के दौरान अर्जित कौशल एवं अनुभव से युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त होगा. इससे अर्थव्यवस्था को भी उच्च कुशल कार्यबल की उपलब्धता होगी जो उत्पादकता लाभ और सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में सहायक होगा. ‘
अग्निवीरों के लिए इस योजना में वेतन का एक अच्छा पैकेज, 4 साल की सेवा एक्जिट पर सेवा निधी पैकेज एवं एक लिबरल डेथ और डिसेबिलिटी पैकेज की भी व्यवस्था की गई है. वहीं इस मौके पर इंडियन नेवी चीफ ने कहा कि फिलहाल हमारे पास नेवी में महिला अधिकारी हैं.
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘अग्निपथ योजना के तहत भारतीय युवाओं को सशस्त्र बलों में ‘अग्निवीर’ के रूप में सेवा देने का अवसर प्रदान किया जाएगा.’
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सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा, ‘अग्निपथ योजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों में भर्ती में आमूल-चूल परिवर्तन लाना है.’ भर्ती प्रक्रिया में आमूल-चूल बदलाव से सैनिकों की भर्ती शुरू में चार साल की अवधि के लिए होगी, लेकिन उनमें से कुछ को बरकरार रखा जाएगा.
आर्मी चीफ ने कहा एक साफ, निष्पक्ष, पारदर्शी और एक मजबूत मूल्यांकन प्रणाली के आधार पर स्क्रीनिंग और चयन यह सुनिश्चित करेगा कि सेना लंबी सेवा अवधि के लिए सर्वश्रेष्ठ को बरकरार रखे और ये कर्मी हमारे संगठन का मूल बनेंगे.
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, ‘अग्निवीर योजना के तहत महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा. यह एक बड़ा कदम है. सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और हमें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. महिला अधिकारियों की ऑन-बोर्ड तैनाती पहले से ही है. हम जेंडर न्यूट्रल हैं.’
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि यह योजना सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए व्यापक प्रतिभा संचय सुनिश्चित करेगी.
‘अग्निपथ’ योजना, जिसे पहले ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ नाम दिया गया था, का आरंभ तीनों सेनाओं के प्रमुखों की उपस्थिति में किया गया.
पिछले दो साल में इस पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद नई योजना की घोषणा की गई. इस योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा.
वर्तमान में सेना 10 साल के शुरुआती कार्यकाल के लिए ‘शॉर्ट सर्विस कमीशन’ के तहत युवाओं की भर्ती करती है, जिसे 14 साल तक बढ़ाया जा सकता है.
नई योजना का उद्देश्य तीनों सेवाओं के वेतन और पेंशन खर्च को कम करना है, जो तेजी से बढ़ा है. वर्ष 2022-23 के लिए 5,25,166 करोड़ रुपये के रक्षा बजट में रक्षा पेंशन के लिए 1,19,696 करोड़ रुपये शामिल हैं.
राजस्व व्यय के लिए 2,33,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. राजस्व व्यय में वेतन के भुगतान और प्रतिष्ठानों के रख-रखाव पर खर्च शामिल है.
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