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Wednesday, 22 May, 2024
होमडिफेंसहिंद महासागर में चीनी घुसपैठ असामान्य नहीं, देश के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध : भारतीय नौसेना

हिंद महासागर में चीनी घुसपैठ असामान्य नहीं, देश के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध : भारतीय नौसेना

दक्षिणी नौसैन्य कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल एम ए हंपीहोली ने कहा कि चीन का एक जासूसी जलपोत पिछले कुछ महीने में दूसरी बार हिंद महासागर क्षेत्र में घुसा है.

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कोच्चि: भारतीय नौसेना ने बुधवार को कहा कि वह हिंद महासागर क्षेत्र पर निगरानी रखती है जहां ‘चीनी घुसपैठ के वाकये असामान्य नहीं हैं’. उसने कहा कि वह इस रणनीतिक क्षेत्र में देश के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

दक्षिणी नौसैन्य कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल एम ए हंपीहोली ने कहा कि भारतीय नौसेना उपग्रहों तथा समुद्री टोही विमानों की मदद से क्षेत्र में नजर रखती है.

उनका बयान इन खबरों के बीच आया है कि चीन का एक जासूसी जलपोत पिछले कुछ महीने में दूसरी बार हिंद महासागर क्षेत्र में घुसा है.

हंपीहोली ने चीनी जासूसी जलपोत के श्रीलंकाई बंदरगाह पहुंचने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर यहां अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की घुसपैठ असामान्य नहीं है. वे पिछले कुछ समय से यहां आते रहे हैं. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम अपने हित वाले क्षेत्रों को पूरी तरह निगरानी में रखते हैं. हम विभिन्न तरीकों से ऐसा करते हैं.’

उन्होंने कहा कि नौसेना उपग्रहों, समुद्री टोही विमानों तथा तटरक्षक एवं उनके जहाजों के सहयोग से भी निगरानी रखती है.

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अधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि चीन की इन गतिविधियों या उनकी मौजूदगी पर हमारा ध्यान नहीं होता.

करीब तीन महीने पहले चीन के एक बैलिस्टिक मिसाइल और उपग्रह ट्रैकिंग जहाज ने श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर लंगर डाला था.

श्रीलंका की सरकार ने 13 अगस्त को जहाज को उस महीने 16 से 22 तारीख तक इस शर्त पर लंगर डालने की अनुमति दी थी कि वह देश के विशेष आर्थिक क्षेत्र में अपनी स्वचालित पहचान प्रणाली (एआईएस) को बंद रखेगा और उसके जलक्षेत्र में कोई वैज्ञानिक अनुसंधान नहीं किया जाएगा.

भारत ने जहाज के इस दौरे पर चिंता प्रकट की थी. उसकी चिंता जहाज की ट्रैकिंग प्रणाली से भारतीय प्रतिष्ठानों में तांकझांक की आशंका के बारे में थी.


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