
नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे ने मंगलवार को कहा कि सेना ने कोरोनावायरस महामारी के कारण रियल एस्टेट के दामों में आई गिरावट को देखते हुए रक्षा भूमि के मुद्रीकरण पर रोक लगा दी है और जैसे ही स्थिति में सुधार होगा वह इस पर आगे बढ़ेगी.
भूमि मुद्रीकरण की योजना को बजटीय बाधाओं को दूर करने का एक बेहतरीन तरीका बताते हुए, जनरल ने कहा कि इस कदम से केवल सेना ही नहीं सभी सशस्त्र बलों को मदद मिलेगी.
सेना दिवस से पहले वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जनरल नरवणे ने यह उम्मीद भी जताई कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के मद्देनजर सशस्त्र बलों को आधुनिकीकरण की योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए अतिरिक्त धन मिलेगा.
उन्होंने कहा, ‘जहां तक भूमि मुद्रीकरण की बात है, इसमें काफी प्रगति हुई है. हमें समान मूल्य के बुनियादी ढांचे की अनुमति मिल गई है. हम भूमि के मुद्रीकरण पर आगे बढ़ेंगे. लेकिन चूंकि कोविड की स्थिति है, जमीन की कीमतें भी गिर गई हैं. इसलिए, हम इंतजार कर रहे हैं. जैसे ही स्थिति में सुधार होगा, हम इसे आगे बढ़ाएंगे.’
अक्टूबर 2020 में नरेंद्र मोदी सरकार ने नए नियमों को मंजूरी के साथ कई रुकी हुई सार्वजनिक परियोजनाओं का मार्ग प्रशस्त कर दिया था, जिसके तहत सेना से खरीदी जाने वाली भूमि के बदले सशस्त्र बलों के लिए समान मूल्य का बुनियादी ढांचा (ईवीआई) विकासित करने की अनुमति दी गई थी.
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नए नियमों के तहत आठ ईवीआई परियोजनाओं की पहचान हुई है, जिनमें इसका अधिग्रहण करने वाला पक्ष संबंधित सैन्य सेवा के साथ समन्वय के साथ बुनियादी ढांचा प्रदान कर सकता है.
रक्षा मंत्रालय देश का सबसे बड़ा भू-स्वामी है और रक्षा संपदा महानिदेशालय के अनुसार, मंत्रालय के पास लगभग 17.95 लाख एकड़ भूमि है, जिसमें से लगभग 16.35 लाख एकड़ भूमि देश में 62 छावनियों के बाहर है.
जनरल नरवणे ने कहा कि नई योजना एक अहम कदम है और तीनों सेनाओं के लिए अच्छी है क्योंकि पुराने कैंपिंग ग्राउंड और अब नष्ट हो चुके सैन्य खेतों जैसे अनुपयोगी भूमि को बेचने के बदले ईवीआई निर्माण कराया जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘इससे बजट की बहुत सारी बाधाएं भी दूर हो जाएंगी.’
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बजट और आधुनिकीकरण
सेना प्रमुख ने कहा कि सैन्य बल दीर्घकालिक एकीकृत योजनाओं के मुताबिक काम करता है.
उन्होंने कहा, ‘हालात और बजटीय आवंटन के आधार पर ये प्राथमिकताएं बदलती रहती हैं. और हम आधुनिकीकरण की योजनाओं के मुताबिक जरूरी बदलाव करते रहते हैं.’
उन्होंने बताया कि यद्यपि सभी मंत्रालयों से कहा गया था कि हर तिमाही में 25 प्रतिशत खर्च के बजाये केवल 20 प्रतिशत खर्च किया जाए लेकिन रक्षा मंत्रालय पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है.
उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि संशोधित अनुमानों के स्तर पर, और खासकर राजस्व व्यय में, हमें पूरा भरोसा है कि हमें अतिरिक्त फंड मिलेगा ताकि जो और काम कराने की जरूरत हैं उन्हें पूरा कराया जा सके.’
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