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Friday, 19 April, 2024
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सपना चौधरी: हरियाणा का तूफान, स्टेज की मल्लिका और क्रांतिकारी सुपर स्टार

सपना बताती हैं कि 'आंख्यां का यो काजल' पर वो हज़ारों बार डांस कर चुकी हैं. एक-एक प्रोग्राम में उन्हें इस गाने पर कम से कम 5-5 बार डांस करना पड़ता है.

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भारत के लोगों ने 2018 में गूगल पर प्रियंका चोपड़ा से ज़्यादा हरियाणा की एक लड़की को सर्च किया था. इस लड़की का नाम है सपना चौधरी. जिसके स्टेज पर आते ही एक अलग माहौल बन जाता है. जिनके गाने आने के बाद लोकगीत कब शहरों के डीजे में बजने लगते हैं, पता नहीं चलता. सपना सिर्फ डांसर नहीं हैं, हरियाणा के समाज के लिए एक क्रांति हैं.

एक पत्रकार सपना चौधरी से सवाल पूछता है कि उन्होंने ये आइकॉनिक डांस स्टेप कहां से सीखे? सपना उन्हीं से पूछ बैठती हैं कि खोड़िया पता है आपको? पत्रकार का जवाब न में आता है. फिर सपना ऑडियंस की तरफ देखती हैं और फिर पूछती हैं कि आपको पता है? लड़कों को चिढ़ाने के अंदाज़ में कहती हैं कि तुम्हे तो आने नहीं दिया जाता होगा. लड़कों को खोड़िया नहीं देखने दिया जाता.

दरअसल, खोड़िया रुढ़िवादी हरियाणवी शादियों में होने वाली वो परंपरा है, जहां सिर्फ महिलाएं ही जा सकती हैं. आदमियों को खोड़िया में आना मना है. यहां तक पुरुष खोड़िया को देख भी नहीं सकते हैं, चोरी-छिपे भी नहीं. खोड़िया एक तरह से शादी में गाए जाने वाले गीतों का ही अलग एक सेगमेंट है. खोड़िया में किए गए डांस के मूव्ज और लिरिक्स सेक्सुअल होते हैं.

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सपना चौधरी | सोशल मीडिया

औरतें एक से अधिक पुरुषों के साथ अपने अफेयर को पुरुषों की भांति ही बढ़ाने चलाने के लहजे में बताती हैं. कई बार पतियों से असंतुष्ट पत्नियां अपनी सहेलियों से शिकायत करती हैं. पुरुषों की वासना का तरह-तरह के सेक्सुअल प्रतीकों के ज़रिए मज़ाक बनाया जाता है.

आश्चर्यजनक रूप से औरतों का खोड़िया पुरुषों की रागनी के कल्चर जैसा ही है. लेकिन खोड़िया घरों की बंद चारदीवारी और आंगन में किया जाता है, वहीं पुरुषों को ये सब सार्वजनिक रूप से करने के लिए आज़ादी होते हैं. सांग और रागनी को सामूहिक स्वीकृति मिली हुई है. सांग में किए गए मज़ाक फीमेल सेक्सुआलिटी का मज़ाक बनाते हैं और पुरुषों की सेक्सुआलिटी को बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत करते हैं.

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खोड़िया का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसमें औरतें उन्मुक्त भाव से नाचती हैं. पितृसत्तात्मक समाज में ये पावरफुल स्टेटमेंट की तरह है. जिस तरह से औरतें अपने हाथ और कमर घुमाती हैं, बियोंसे भी हक्की-बक्की रह जाएंगी!

इंटरव्यू के दौरान सपना ने बताया कि बचपन में वो अपनी मां के साथ खोड़िया देखने जाती थीं. मां और बेटी, दोनों को ही नहीं पता था कि सपना आगे चलकर इसी डांस फॉर्म को अपनी स्टाइल बना लेंगी. कौन जानता था कि एक दिन सपना हरियाणा की औरतों के इस डांस को राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध कर देंगी. बातचीत के दौरान सपना यह बताना नहीं भूलतीं कि उन्होंने खोड़िया डांस के हर स्टेप को अपने अनुसार ढाला है.

तीन हज़ार से शुरुआत कर मुंह मांगी रकम मिलने तक का 

यूं तो औरतों की यात्रा कहीं भी आसान नहीं होती, लेकिन हरियाणा की औरतों की मुश्किलें कुछ ज़्यादा ही हैं. सपना ने 2009 में रागनी की दुनिया में कदम रखा. आदमियों से घिरी रागनी की दुनिया में किसी भी औरत को आना अच्छा नहीं लगेगा. गरीबी के चलते ही ज़्यादातर लड़कियां इस प्रोफेशन में आती हैं. सपना ने भी माना कि स्टेज पर डांस करने का मुख्य कारण गरीबी ही रहा. डांस करने में उन्हें एक किस्म की आज़ादी महसूस हुई. हरियाणा अपनी गायिकाओं और डांसर्स को मारने के लिए जाना जाता रहा है. बेशक ये हत्याएं राजनीतिक मंशा के तहत हुई हों.

2011 में दुनिया के सबसे रुढ़िवादी अरब देश में सोशल मीडिया की वजह से डेमोक्रेटिक क्रांति हुई, जिसे अरब स्प्रिंग कहा गया. उसी समय सोशल मीडिया हरियाणा के रागनी कल्चर को भी प्रभावित कर रहा था. एक नाचने वाली लड़की के लिए आम धारणाएं बदलने लगीं और उसे एक कलाकार के तौर पर भी देखा जाने लगा. इससे पहले रागनी गाने वाली और डांस करने वाली औरतों को वस्तु की तरह ही देखा जाता रहा है. सपना इस नई क्रांति की स्टार बनकर उभरीं.

हिंदी फिल्मों की एक दुखद कहानी की तरह ही इस कहानी की नायिका के पिता का देहांत बचपन में ही हो गया. गरीबी के चलते मां को घर गिरवी रखना पड़ा गया. बच्चों को पालना मुश्किल हो गया. घर के हालातों ने सपना को रागनी की दुनिया में आने को मज़बूर कर दिया. स्टेज पर डांस करके सपना पैसे कमाने लगीं. हां, यहां एक नई चीज़ हुई. सपना की मां और भाई ने इस डांस को प्रोफेशन के तौर पर ही लिया. कभी उसे दूसरों द्वारा परेशान नहीं होने दिया. ऐसे में सपना जहां-जहां डांस करने जातीं, उनकी मां उनके साथ रहतीं. कई वीडियोज़ में उनकी मां को स्टेज पर स्वेटर बुनते देखा जा सकता है. धीरे-धीरे सपना हरियाणा और राजस्थान में फेमस होने लगीं.

दूसरी डांसर्स से अलग सपना की फैन-फॉलोइंग में एक अलग तरह का क्रेज़ था. बीरपाल खड़किया, झंड़ू और पेप्सी के साथ सपना की स्टेज पर जोड़ी पसंद की जाने लगी. इस दौरान सपना की ज़िंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए.

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सपना चौधरी | सोशल मीडिया

चार साल बाद 2015 में मोर म्यूज़िक कंपनी ने सपना की ‘सॉलिड बॉडी’ वीडियो रिलीज़ की. जैसे-जैसे ये वीडियो वायरल होती गईं वैसे-वैसे सपना शहरी लोगों के बीच आती गईं. उस वक्त ऐसा हो गया था कि मुंबई में मनीष मल्होत्रा जैसे फैशन डिज़ाइनर के साथ काम कर चुके मॉडल तक सपना की वीडियोज़ देख रहे थे. लोगों ने सपना का नाम गूगल करना शुरू किया. लोग ‘सॉलिड बॉडी’ गाने को ‘मस्ट वॉच’ कहकर वाट्सऐप पर शेयर कर रहे थे. मेनस्ट्रीम मीडिया का सपना पर उतना ध्यान नहीं गया.

आत्महत्या की कोशिश करने से लेकर बिग-बॉस तक

‘सॉलिड बॉडी’ गाने के वायरल होने के बाद सपना पर हरियाणवी संस्कृति खराब करने के आरोप लगाए जाने लगे. लेकिन किसी ने साफ तौर पर यह नहीं बताया कि आखिर वो क्या चीज़ है जो हरियाणा के कल्चर को खराब कर रही है. अगर डांस स्टेप्स की बात से कोई पुरुष आपत्ति दर्ज करा रहा था तो वो डांस स्टेप्स खोड़िया में हरियाणा की आम औरतें भी कर रही थीं. ये भी क्लियर नहीं हो पाया कि कौन से लोगों के बिगड़ जाने की संभावना की वजह से सपना पर आरोप लगे. क्योंकि 2016 में चुटकुले बनने लगे थे कि 80 साल का ताऊ भी अब तो साइकिल लेकर 15-20 किलोमीटर दूर तक सपना का डांस देखने चल पड़ता है. लोग रागनियों में जाने से पहले ये पूछने लगे थे कि ‘भई सपना आवैगी तो ही आपां भी आवांगा.’

2016 की शुरुआत में सपना ने 36 बिरादरी नाम की एक रागनी गाई. ये रागनी समाज की 36 जातियों पर आधारित है. इस रागनी में इस्तेमाल किए गए कुछ शब्द अपमानजनक और कानूनी तौर पर गलत हैं. सपना से पहले भी ये रागनी बहुत से लोकल गायक गा चुके थे. लेकिन सपना पर इस रागनी को लेकर एफआईआर दर्ज हुई. दिल्ली के महिपालपुर के जाट परिवार से आने वाली सपना जातिगत भावनाओं को आहत करने के लिए घेर ली गईं.

एफआईआर के बाद सपना को औरत होने की सज़ा मिली. उन्हें चारित्रिक हनन का सामना करना पड़ा. एक प्रोपेगेंडा के तहत सोशल मीडिया पर झूठे वीडियोज़, एमएमएस और गालियां दी गईं. यहां तक कि 36 बिरादरी रागनी से आहत हुए ग्रुप्स ने सपना के नाम से रागनियां गानी शुरू कर दीं जिसमें वो सपना को दो पैसे की डांसर और हर किसी की डार्लिंग बताने लगे. क्योंकि किसी औरत को टार्गेट करने के लिए सबसे बड़ा हथियार उसके चरित्र पर सवाल खड़े कर देना है.

इस पूरे एपिसोड से ऐसा लगा कि जातिगत रागनी से आहत हुए ग्रुप्स की भावनाएं सपना को इस तरह बदनाम करने से ठीक हो गईं. सपना के माफी मांगने के बाद भी यह सब चलता रहा. उनके वीडियो के नीचे गंदे कंमेंट्स आने लगे. सपना की छवि एक परेशानी खड़ा करने वाली औरत के तौर पर गढ़ने की कोशिशें की गईं.

ऐसे ही किसी एक दिन सपना की मां बाहर गई हुईं थीं और सपना घर पर अकेली थीं. उनके पास फोन था और फोन में इंटरनेट. वो अपने बारे में सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहें पढ़ती गईं. आखिर में इतनी परेशान हुईं कि ज़हर खाकर अपनी जान लेने की कोशिश की. इस बार मेनस्ट्रीम मीडिया का ध्यान सपना पर गया. मीडिया ने ‘हरियाणा की एक लोकल सिंगर/डांसर और हाई प्रोफाइल लोगों के जुड़े होने’ की खबर दिखाकर टीआरपी बटोरना चाहा. लोगों को सपना अस्पताल में एक उदास चेहरे के साथ पत्रकारों को बाइट देती दिखीं.

नंवबर, 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की घोषणा कर दी थी. लोग पैसे के लिए कतारों में लगे थे. ठीक उसी समय हरियाणा के एक हिस्से में स्टेज से नीचे खड़े लोग अपनी मेहनत की कमाई से सपना के लिए पैसे उड़ा रहे थे. सपना ने एक गाने पर धमाकेदार परफॉर्मेंस दी. जिस गाने पर डांस किया वो आगे चलकर नेशनल एंथम जैसा बन गया. ये गाना हर पार्टी में बजाया जाने लगा. ये गाना था- तेरी आंख्यां का यो काजल. इसने भोजपुरी गाने ‘जब लगावे तू लिपस्टिक’ को भी पीछे छोड़ दिया.


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सपना ने इस परफार्मेंस में लाल और काले रंग का सूट पहना था. वो एक शेरनी की तरह डांस कर रही थीं. इस वीडियो में अस्पताल के पिंपल वाले चेहरे की जगह आत्मविश्वास से भरा एक चमकता चेहरा था. इस डांस को एक स्टेटमेंट की तरह देखा जाना चाहिए. जिसके एक-एक मूव के साथ सपना कहती जा रही थीं कि अपना टाइम आ गया है. उनके चेहरे पर साफ-साफ लिखा था कि एक मुक्त औरत की ताकत पर कोई अंकुश नहीं लगा सकता.

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सपना चौधरी | सोशल मीडिया

आंख्यां का यो काजल गाने को 36 करोड़ लोगों ने देखा

बातचीत के दौरान सपना बताती हैं कि ‘आंख्यां का यो काजल’ पर वो हज़ारों बार डांस कर चुकी हैं. एक-एक प्रोग्राम में उन्हें कम से कम 5-5 बार इस गाने पर डांस करना पड़ता है. 2017 के अप्रैल में सपना ने गहरे नीले रंग के सूट में ‘आंख्यां का यो काजल’ पर डांस किया था. इस सूट में वो बेहद खूबसूरत लग रही थीं. इस गाने को यूट्यूब पर अब तक 36 करोड़ बार देखा जा चुका है. इसके बाद सपना हर जगह छा गईं. पंजाब से लेकर मध्य प्रदेश, उत्तर भारत के हर जगह वो परफॉर्म कर रही थीं. सपना के हर वीडियो पर लाखों-करोड़ों व्यूज़ आने लगे. लोगों ने सपना के नाम से अपने यू-ट्यूब चैनल्स के सबस्क्राइबर्स बढ़ाए. सपना के नाम से कोई भी वीडियो हिट होने लगा.

सपना के वीडियोज़ की खास बात ये रही कि ये सारे वीडियो लाइव शूट किए गए थे. बहुत कम ऐसे वीडियो थे जो स्टूडियो में शूट हुए हों. सपना के ज़्यादातर वीडियोज़ में हज़ारों लोग फोन ऊपर किए लाइव रिकॉर्ड करते दिखेंगे जो बाद में जाकर घर-परिवार और दोस्तों में ये ढींगे हांक सकेंगे कि उन्होंने सपना को लाइव देखा.

सपना दर्शकों की आंखों में देखती हैं. वो अपने दर्शकों के साथ बिना बोले भी इंटरैक्ट करने का महत्व जानती हैं. भीड़ में खड़े एक-एक दर्शक को ये महसूस होता है कि सपना सिर्फ उसके लिए परफॉर्म कर रही हैं. एक यौन कुंठित समाज में सपना शेक्सपीयर की हीरोइन क्लियोपैट्रा की तरह उभर कर सामने आती हैं. सपना अपने बारे में निश्चिन्त हैं. पत्रकारों ने जब-जब उनसे वज़न और डाइट से जुड़े सवाल पूछे हैं तो अपने अंदाज़ में सपना ने कहा है कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. एक इंटरव्यू में सपना कह रही हैं कि उनकी एनर्जी और सेहत का राज़ उनकी मां के हाथ की बनी खीर, रोटी और अचार हैं. लेकिन आजकल सपना जिम, बॉयल्ड चिकन और गुनगुने पानी पीने की बातें करने लगी हैं. उनका वज़न कम भी हुआ है.

2017 में वेस्ट इंडीज़ के क्रिकेटर क्रिस गेल ने उनके गाने ‘आंख्यां का यो काजल’ पर डांस भी किया था. उसी साल वो बिग बॉस भी गईं. वहां जाकर भी सपना ने बॉलीवुड से जुड़ी हस्तियों को अपने हाव-भाव और डांस से प्रभावित कर दिया. शो से निकले के बाद सपना का रंग-रूप पूरी तरह बदल गया. शहरी और स्टाइलिश. लोगों ने कयास लगाए थे कि बिग बॉस के बाद सपना का करियर खत्म हो जाएगा, क्योंकि लोगों में उनके बारे में जो रहस्य बना हुआ है, वो गायब हो जाएगा.

बिग बॉस से पहले लोगों ने सपना को एक अप्सरा की तरह हज़ारों के बीच डांस करते देखा था. बिग बॉस में उनके बारे में बहुत कुछ पता चल गया. लेकिन बिग बॉस से निकलने के बाद सपना ने बॉलीवुड में कई गाने भी किए. अभी थोड़े दिन पहले उनकी फिल्म ‘दोस्ती के साइड इफेक्ट्स’ भी रिलीज़ हुई, जिसमें उनका किरदार एक आईपीएस अफसर का था.

सपना के सूट रंग बिरंगे, उनके सपने रंग बिरंगे

जब मैंने सपना से उनके फ्यूचर के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्होंने अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस शुरू कर लिया है. अब वो वेब सीरीज़ की दुनिया में कदम रखने जा रही हैं. मां पर बनी एक वेब सीरीज़ में उनकी मां मुख्य किरदारों में से एक होंगी.

मन में हमेशा ये जानने की उत्सुकता रहती थी कि सपना के रंग-बिरंगे सूट किसकी पसंद के होते हैं? उन्होनें दिप्रिंट को बताया कि उनके सारे कपड़े उनकी खुद की पसंद के होते हैं. शादी के लिए लड़का ढूंढ़ने की बात पर सपना हमेशा कहती आई हैं कि जिससे उनकी मां कहेंगी, वो उसी से शादी कर लेंगी. लेकिन सूट पहनने की बात पर सपना हंसते हुए बताती हैं कि वो बहुत बड़ी शॉपहोलिक हैं. उन्हें इंडियन सूट और साड़ी बेहद पसंद हैं. बॉलीवुड में कदम रखने के बाद उन्हें अलग-अलग तरह की ड्रेसेज के साथ एक्सपेरिमेंट करते भी देखा जा सकता है.

दिनभर क्या करती हैं ?

दिप्रिंट से बातचीत में सपना बताती हैं कि उन्हें पढ़ना बहुत पसंद है. उनके पास रागनी से जुड़ी ढेरों किताबें हैं. किसी शो में अगर उन्हें रागनी गानी होती है तो वो पहले से कई किताबें पढ़कर जाती हैं. सपना ने अपने हाथ पर मां और गर्दन के पीछे देसी क्वीन का टैटू भी गुदवाया हुआ है.

इंस्टाग्राम पर सपना की लाइफ बिलकुल ही न्यारी है. वो सोशल मीडिया पर अक्सर अपनी ऑडियंस से इंटरैक्ट करती हैं. अपने शोज़ के बारे में जानकारी देती हैं. अपने शो के कैंसिल हो जाने पर उसकी भी जानकारी देती हैं. अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स के लिए दुआएं मांगती हैं. पीएम मोदी की तरह वो अपने 125 मिलियन फैंस का शुक्रिया करना कभी नहीं भूलतीं.

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सपना चौधरी | सोशल मीडिया

आपके फेवरेट एक्टर कौन हैं?

उन्होने बताया कि कंगना रनौत और संजय दत्त की बहुत बड़ी फैन हैं. यहां तक कि वो संजय दत्त का नाम लेते-लेते ब्लश करने लगती हैं. इसके अलावा वो भगत सिंह की भी तगड़ी फैन हैं. स्टार बनने के पहले ही वो भगत सिंह पर कई रागनियां गाती रही हैं. बॉलीवुड के ज़्यादातर लोगों की तरह सपना भी राष्ट्रवादी हैं और अपने सोशल मीडिया पर इसका उदाहरण भी पेश करती रहती हैं.

वो गौ-शाला भी जाती रहती हैं. पुलवामा अटैक के बाद उन्होंने कहा था कि अपने एक शो से मिला मेहनताना वो शहीदों के परिवारों को देंगी. इससे पहले कि वो ये राशि शहीदों के परिवारों तक पहुंचा पातीं, शो कराने वाले ही उनकी लाखों की फीस लेकर चंपत हो गए.


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जिस दिन मेरी सपना से बातचीत हुई उस दिन वो डॉक्टर के पास जा रही थीं. लगातार डांस करना शरीर के लिए ठीक नहीं होता. किसी लड़के द्वारा स्टेज के नीचे हुड़दंग करने पर सपना ने कहा था कि 3-4 घंटे डांस करने के बाद आदमी चार दिन चारपाई से नहीं उठता. तुम्हें लगता है कि डांस करना आसान है? डांस के लिए सपना का प्यार ही है जो उन्हें इतने सालों से स्टेज तक खींच कर ला रहा है.

क्या एक महिला और पुरुष का संघर्ष एक जैसा होता है?

दिप्रिंट के इस सवाल पर सपना कहती हैं कि कभी नहीं. एक पुरुष को जिस जगह तक पहुंचने में कुछ साल लगता है, उस मुकाम को छूने में औरतों को सदियां लग जाती हैं. एक पुरुष और स्त्री का संघर्ष कभी एक समान और एक जैसा नहीं हो सकता है. इस बात की तस्दीक इससे होती है कि हरियाणा में महिला गायकों और डांसर्स की हत्याएं होती रहती हैं. 2017 के नवंबर में हर्षिता दहिया की हत्या हुई थी.

सपना हरियाणा में कलाकारों की स्थिति को लेकर चिंतित रहती हैं. कई इंटरव्यूज़ में बता चुकी हैं कि अगर मौका मिला तो वो हरियाणा में फिल्म सिटी खोलने की सिफारिश ज़रूर करेंगी. वो हरियाणा की संघर्ष करती महिला कलाकारों के बारे में भी अक्सर बातें करती हैं.

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