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Saturday, 21 December, 2024
होमफीचर'ज्यादा फ्रीडम, बिग-बजट फिल्में', धर्मा प्रोडक्शन में पूनावाला के इन्वेस्टमेंट के क्या हैं मायने

‘ज्यादा फ्रीडम, बिग-बजट फिल्में’, धर्मा प्रोडक्शन में पूनावाला के इन्वेस्टमेंट के क्या हैं मायने

करण जौहर ने हाल ही में सितारों की बढ़ती फीस और बढ़ती लागत के बारे में बात की, जो इंडस्ट्री और फिल्म प्रोडक्शन को प्रभावित कर रही है.

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नई दिल्ली: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला द्वारा करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शंस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी को 1,000 करोड़ रुपये में अधिगृहीत किए जाने के बाद एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में नए सिरे से फंड के फ्लो को बढ़ाएगा.

इंडस्ट्री के अंदरूनी सूत्रों और बिजनेस एनालिस्ट दोनों द्वारा इस अधिग्रहण को अच्छा माना जा रहा है, खासकर अलग-अलग तरह की फिल्में बनाने के अवसरों के लिए. आउटसाइडर्स फिल्म्स के प्रमुख और प्रोड्यूसर प्रांजल खंडड़िया ने कहा, “धर्मा प्रोडक्शन्स अपने सफल कंटेंट के साथ कंटेंट के क्षेत्र में सबसे आगे रहे हैं और हाल ही में उन्होंने अपने प्रोडक्शन बिज़नेस को विज्ञापन फिल्मों, डिजिटल सीरीज, रियलिटी शो और रीजनल सिनेमा से जोड़कर डायवर्सिफाई किया है. उन्हें जो इन्वेस्टमेंट मिला है, उसका उपयोग इन प्रोडक्शन के कामों को आगे बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए.”

जौहर के धर्मा प्रोडक्शन और धर्माटिक एंटरटेनमेंट में पूनावाला की हिस्सेदारी ने महीनों से चल रही अटकलों को खत्म कर दिया है. रिलायंस इंडिया लिमिटेड और सारेगामा इंडिया को पहले संभावित निवेशक के रूप में देखा जा रहा था.

गुरुग्राम स्थित निवेश और सलाहकार फर्म एलारा कैपिटल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष करण तौरानी ने कहा, “यह आश्चर्यजनक है क्योंकि रिलायंस और सारेगामा दोनों ही मीडिया इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और उनका साइज़ और एक्सपोज़र उचित है और वे विशेष रूप से रिलायंस के साथ अधिक तालमेल साझा कर सकते थे.”

यह निवेश पूनावाला के सेरेन प्रोडक्शन्स के माध्यम से किया गया था. करण जौहर एक्ज़ीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में बने रहेंगे, जबकि अपूर्व मेहता प्रोडक्शन हाउस के सीईओ बने रहेंगे.

तौरानी ने कहा, “इस मामले में, ईथोज़, कल्चर और वैल्यू काफी हद तक धर्मा के नेतृत्व में होने जा रहे हैं. इसलिए कोई रणनीतिक बदलाव नहीं है. धर्मा को अपने काम करने की अधिक स्वतंत्रता मिलेगी, और यह निवेश बिजनेस को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएगा.”

फार्मा सेक्टर के बाहर पूनावाला का यह दूसरा बड़ा निवेश है. 2021 में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वाकाऊ इंटरएक्टिव में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी.

धर्म की जीत

इस साल बॉलीवुड को कहानी, विज़न, रचनात्मकता और कंटेंट के नएपन के मामले में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते हुए देखा गया है. बाजार में रीजनल और इंटरनेशनल दोनों तरह के ओटीटी प्लेटफॉर्म की संख्या में वृद्धि ने भी फिल्म निर्माण को प्रभावित किया है.

करण जौहर ने हाल ही में सितारों की अत्यधिक फीस और बढ़ती हुई लागत के बारे में बात की, जो उद्योग और फिल्म निर्माण को प्रभावित कर रही है. फिल्म निर्माता द्वारा संभावित निवेशकों की तलाश के बारे में कई समाचार रिपोर्ट भी सामने आईं.

पूनावाला के साथ डील के बारे में एक प्रेस नोट में करण जौहर ने कहा, “यह साझेदारी हमारी भावनात्मक कहानी कहने की क्षमता और दूरदर्शी व्यावसायिक रणनीतियों का एक आदर्श मिश्रण है.”

यह घटनाक्रम मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और वॉल्ट डिज्नी कंपनी द्वारा भारत में अपनी डिजिटल स्ट्रीमिंग और टेलीविजन परिसंपत्तियों के विलय की घोषणा के बाद हुआ है. इस विलय से मनोरंजन और खेल जगत के 120 चैनल और दो डिजिटल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म डिज्नी हॉटस्टार और जियो सिनेमा एक साथ आ गए हैं. इसके पास भारत में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) और डिज्नी फिल्म निर्माण के विशेष अधिकार भी हैं. इससे प्रभावी रूप से भारत का सबसे बड़ा मीडिया साम्राज्य भी बनेगा जिसकी कीमत 70,000 करोड़ रुपये से अधिक होगी.

हालांकि, अगस्त में ज़ी और सोनी के बीच विलय विफल हो गया. ज़ी और सोनी पिक्चर्स ने 27 अगस्त को घोषणा की कि उन्होंने विफल विलय से संबंधित अपने छह महीने पुराने विवाद को सुलझा लिया है और एक-दूसरे के खिलाफ सभी दावों को वापस लेने पर सहमत हुए हैं.

तौरानी ने कहा, “धर्मा को बिजनेस करने, विस्तार करने और बड़े बजट की फ़िल्में बनाने के लिए पूंजी मिलती है. उनकी डिज्नी और ज़ी के साथ साझेदारी है. लेकिन इस बार इक्विटी कम हो गई है, इसलिए संबंध और मज़बूत होने जा रहे हैं.”

वित्त वर्ष 23 में, धर्मा प्रोडक्शंस का रेवेन्यू 1,040 करोड़ रुपये का रहा, जो वित्त वर्ष 2022 में 276 करोड़ रुपये से चार गुना बढ़ गया था. इसका नेट प्रॉफिट 59 प्रतिशत गिरकर सिर्फ 11 करोड़ रुपये रह गया क्योंकि कुल खर्च 1,028 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 23 में, इसने डिस्ट्रीब्यूशन राइट्स से 656 करोड़ रुपये, डिजिटल से 140 करोड़ रुपये, सैटेलाइट राइट्स से 83 करोड़ रुपये और म्यूज़िक से 75 करोड़ रुपये कमाए.

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि पूनावाला जैसे समूह के फिल्म मेकिंग बिजनेस में आने से फिल्मों की संभावित संख्या, फिल्मों का आकार और बदले में बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में भी वृद्धि होगी.

खंडड़िया नेस कहा, “कुल मिलाकर यह धर्मा की जीत है, लेकिन देखा जाए तो यह पूरे हिंदी फिल्म प्रोड्यूसर्स/प्रोडक्शन हाउस की जीत है.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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