इस हफ्ते की संपादकीय में, पत्रिका ने कहा कि भले ही हमलों के बाद से उसने मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित करने से इनकार किया था लेकिन मुकदमा शुरू होने के कारण ऐसा करना जरूरी था.
यूएसआईएसपीएफ के प्रमुख मुकेश अघी ने बताया, 'हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएसआईएसपीएफ के वार्षिक कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए समय निकाला. यह मौजूदा चुनौतीपूर्ण माहौल में अमेरिका-भारत संबंधों के महत्व को दर्शाता है.'
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ ऑनलाइन कांफ्रेंस में इसी मुद्दे पर मंथन करेंगे. वे भुखमरी के उन्मूलन और एशिया-प्रंशात क्षेत्र में स्थिति को बिगड़ने से रोकने के तरीकों पर चर्चा करेंगे. यह चुनौती महामारी और लाखों नौकरियां खत्म होने से दोगुनी हो गई है.
चीन के विदेश मंत्री इस समय यूरोप की यात्रा पर हैं और उन्होंने यह टिप्पणी सोमवार को पेरिस स्थित ‘फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन्स’ में एक संवाद के दौरान की.
अमेरिका के उप विदेश मंत्री स्टीफन बेगुन ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में आपस में काफी अच्छा रिश्ता है. दोनों एक व्यापार करार को लेकर प्रतिबद्ध हैं। ऐसे में एक छोटे करार की संभावना बनती है.'
राष्ट्रपति की ओर से जर्मनी के लिए लेबनान के राजदूत, मुस्तफा आबिद को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किए जाने और नयी सरकार बनाने के लिए कहे जाने की उम्मीद है.
आबे ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वह खराब सेहत की वजह से पद छोड़ने का मन बना रहे हैं. वह लंबे वक्त से अल्सरेटिव कोलाइटिस (आंत में सूजन से जुड़ी बीमारी) से जूझ रहे हैं.
पुलिस ने शनिवार बताया कि दंगाइयों ने शुक्रवार को आगजनी की और पुलिस तथा राहत सेवा दल को निशाना बनाया जिसमें कई पुलिस अधिकारी मामूली रूप से घायल हो गए। दंगे के आरोप में करीब 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
इस घटना से पहले दिन भर चले प्रदर्शन में हजारों लोगों ने मास्क पहनने तथा कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा लगाए गए अन्य प्रतिबंधों का विरोध किया.
इसके कारण एक ऐसी व्यवस्था आकार लेती है जिसमें आम नागरिक हाशिये पर धकेल दिया जाता है, जबकि कॉर्पोरेट घराने अपनी मनमर्ज़ी चलाते हैं और समतामूलक संवाद या सच्ची सार्वजनिक जवाबदेही के लिए कम गुंजाइश ही बच पाती है.