अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हवाई हमले की पुष्टि करने से कुछ समय पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने कहा था, ‘इस आसाधारण अभियान में यह आखिरी के कुछ दिन बेहद खतरनाक होने वाले हैं.'
अमेरिकी सेंट्रल कमान के प्रवक्ता कैप्टन बिल अर्बन ने कहा, ‘हमें आज काबुल में एक वाहन पर हुए हवाई हमले में असैन्य नागरिकों के मारे जाने की जानकारी है. हम इस हवाई हमलों में हुए नुकसान का अब भी आकलन कर रहे हैं.’
मंत्रीस्तरीय ऑनलाइन बैठक के लिये अमेरिका ने जिन्हें आमंत्रित किया है उनमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, तुर्की और कतर के साथ-साथ यूरोपीय संघ तथा नाटो भी शामिल हैं.
अफगानिस्तान में राजनीति विज्ञान में अध्ययन के बाद स्तानिकजई 1980 के दशक में आईएमए में भगत बटालियन की केरेन कंपनी में शामिल हुए थे. वह अब दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख हैं.
युद्धग्रस्त देश में अभियान खत्म होने की कगार पर पहुंचने के बीच बाइडन ने कहा कि अमेरिकी सैनिक ‘काबुल में अस्थिर स्थिति के बावजूद’ नागरिकों को बाहर निकालना जारी रखेंगे.
काबुल एयरपोर्ट पर हमले के एक दिन बाद फेसबुक पर जारी वीडियो में नौसेना के लेफ्टिनेंट कर्नल स्टुअर्ट शेलर ने कहा था कि अमेरिकी सेना की जवाबदेही होनी चाहिए और उन्होंने अफगानिस्तान से हटने की योजना पर सवाल भी उठाए थे.
जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद की वापसी चिंता की बात है, भारत को अमेरिका और इज़रायल जैसे देशों की एक-तरफा कार्रवाइयों से संकेत लेते हुए अपने कदमों के बारे में फैसला करना चाहिए.