मुनीर ने शुक्रवार को 'कश्मीर मुद्दे' के शांतिपूर्ण समाधान की स्पष्ट आवश्यकता के बारे में बात की और भारत की निंदा करते हुए कहा कि यह 'जल-आतंकवाद' है, उन्होंने यह बात नई दिल्ली द्वारा सिंधु संधि को स्थगित करने के संदर्भ में कही.
जब ऊपरी आदेश से बाध्य शिक्षक ही छात्रों को इस या उस नारे पर प्रोजेक्ट और शोध लिखवाते हैं—तो बेचारे छात्रों को कैसे गुमान हो कि उन्हें महज पार्टी प्रोपेगेंडा का शिकार बनाया जा रहा है?