भारत आज दुनिया में जिस बेहतर हैसियत में है वैसी स्थिति में वह शीतयुद्ध के बाद के दौर में कभी नहीं रहा. हमें तय करना पड़ेगा कि विश्व जनमत को हम महत्वपूर्ण मानते हैं या नहीं. अगर मानते हैं तो हमें उनकी मीडिया, थिंक टैंक, सिविल सोसाइटी के साथ संवाद बनाना चाहिए.
(तस्वीरों के साथ जारी) नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की रविवार को यहां हुई बैठक में...