बिराज अधिकारी ने 1956 में चोग्याल के नई दिल्ली दौरे को ‘राजकीय दौरा’ बताने और उनके स्वागत में सिक्किम का राष्ट्रगान बजाने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय को दोषी ठहराया है. उनकी किताब उनकी पीढ़ी की कई दुविधाओं का जिक्र करती है: क्या सिक्किमी लोग सचमुच पूर्ण भारतीय नागरिक हैं, खासकर अनुच्छेद 371-एफ के मद्देनजर?