राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साक्षात्कार को 'पहले से तैयार' और एक 'लचीली पत्रकार' द्वारा लिया गया साक्षात्कार बताया, जेटली का तीखा जवाब.
राज्य में हर माह की एक तारीख को सरकारी दफ्तरों में सामूहिक वंदे मातरम होता रहा है, मगर कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद पहली तारीख को वंदे मातरम नहीं हुआ.
यूपीए शासन में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की ही तरह आरएसएस भी शक्ति अपने पास रखना चाहता है, लेकिन किसी भी गड़बड़ी या उलटफेर की ज़िम्मेदारी नहीं लेना चाहता.
बिहार की आबादी का 36 प्रतिशत हिस्सा बेहद पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) है, जिन्होंने 2020 में RJD से दूरी बना ली थी. नए ईबीसी प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल भी शायद इस दूरी को पाटने के लिए काफी न हों.