हालांकि खबरें जुटाने के लिए क्षेत्र में जाने वाले सभी लोगों ने स्वीकार किया कि यह अनुभव अत्यंत दु:खदायी था; मगर, उन सबका मानना है कि इसके बाद वे बेहतर पत्रकार, और शायद इससे भी बेहतर इंसान बन गए हैं.
22 नवंबर को लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के पीओके वाले बयान को भारतीय मीडिया ने इस तरह से तोड़-मरोड़ कर पेश किया कि सेना उसे वापस लेने को तैयार है.
दुनिया भर में एआई की चुनौतियों पर विचार किए बगैर, इसके फायदों को समान रूप से ले पाना मुमकिन नहीं होगा, एक अधिक गैर- बराबर और विभाजित भविष्य की तरफ ले जा सकता है.
ईरान का सत्ता प्रतिष्ठान इसे रोकने के लिए अपनी तरफ से पूरी जान लगा देगा. हालांकि, पश्चिम के साथ टकराव में उलझे इसके नेता जानते हैं कि वह अपना अस्तित्व बचाए रखने के खतरे की कगार पर खड़े हैं.
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए आप को गुजरात विधानसभा में सिर्फ दो सीटें चाहिए लेकिन केजरीवाल मोदी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में तभी उभर सकते हैं जब आप को कांग्रेस का सहारा मिलेगा.
भारत-जोड़ो यात्रा निरी पदयात्रा नहीं है. इस यात्रा के साथ हजार बातों का भी सफर जारी है. यात्रा की कामयाबी ही है कि किसी को कोई मुश्किल पेश आ रही है या किसी के दिल में कोई शिकायत घर कर गई है तो ऐसे लोग यात्रा से जुड़ रहे हैं, यात्रा उन्हें अपनी तरफ खींच रही है.
पेरियार की विचार यात्रा को जिन बड़े अध्यायों में बांटा जा सकता है, वे हैं – संविधान के दायरे में राज्यों की स्वायत्तता, केंद्र की सत्ता में उस समय मौजूद कांग्रेस का विरोध, हिंदी भाषा को जबरन थोपे जाने का विरोध, जाति मुक्ति के सवाल और ब्राह्मणवाद का विरोध, सामाजिक न्याय और आरक्षण तथा महिला अधिकार.
पुराने नीति-निर्माताओं का कथित पाखंड भारत में राष्ट्रवादी भावनाओं को उभारने वाला साबित होता है, लेकिन उसे यह तय करना होगा कि क्या वह एक सॉफ्ट पावर के तौर पर प्रशंसा हासिल करना चाहता है या एक मनमाने रवैये वाले राष्ट्र के तौर पर पहचान बनाना चाहता है.
‘एक देश, एक चुनाव’ से लेकर परिसीमन और केजरीवाल के राजनीतिक खात्मे की योजना तक, मोदी-शाह के पास 2029 के चुनाव के लिए कईं एजेंडा है, लेकिन बहुत कुछ 2024 के चुनावों में भाजपा की संख्या पर निर्भर करेगा.