ट्रूडो ने अपने जोश में मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, सिर्फ इसलिए पंजाब में अपने ही लोगों के खिलाफ मुहिम छेड़ने की कोई वजह नहीं समझ में आती है.
जयललिता-करुणानिधि युग के बाद, पीएम मोदी एक अधिक लोकप्रिय नेता दिखते हैं, जो भारी भीड़ को आकर्षित करने और द्रविड़ वोट बैंक में सेंध लगाने में सक्षम हैं.
जनरल मार्क माइली दृढ़तापूर्व सलाह देने और रीढ़ की हड्डी सीधी रखते हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मनमौजी आचरण पर काबू पाने में सक्षम रहे.
चूंकि ब्रिटेन में सिख समुदाय के कुछ व्यक्तियों ने सक्रिय रूप से खालिस्तानी मुद्दे का समर्थन और प्रचार किया, इसलिए विस्तृत भारतीय समुदाय ने सक्रिय रूप से उनका विरोध नहीं किया.
सार्वजनिक रूप से की गई नवीनतम बदनामी भरी टिप्पणी इस गहरी भावना को व्यक्त कर रही है कि विनिर्माण के अगले प्रमुख केंद्र के रूप में भारत को अधिक मुद्रा मिलने के वादे के कारण चीन की आर्थिक संभावनाएं नीचे की ओर जा रही हैं.
जहां तक सदन में हंसने वाले हर्षवर्धन और रविशंकर प्रसाद का सवाल है, तो बीजेपी सोचती है कि जब उन्हें कैबिनेट से बाहर निकाल दिया गया तो वे पहले ही काफी अपमानित हो चुके हैं. उन्हें और सजा देने की जरूरत नहीं है.
बोलीविया में मोरालेस से लेकर वेनेज़ुएला में मादुरो और मिस्र में मोर्सी तक, नेताओं ने सकारात्मक कार्रवाई को हमेशा चुनौती देने की कोशिश की है और तबाही देखी है. RSS इससे एक या दो सबक ले सकता है.
चीन या रूस द्वारा साइबर-जासूसी की सभी चर्चाओं के बावजूद, फ़ाइव आइज़ दुनिया का सबसे बड़ा ख़ुफ़िया जानकारी एकत्र करने वाला संगठन है, जिसमें सभी ग्लोबल कम्युनिकेशन को इकट्ठा करने की क्षमता है.
भारत और विदेशों में पायलट एसोसिएशनों ने यह सही तौर पर उठाया है कि रिपोर्ट को जिस तरह से तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, वह गलत है. लेकिन बहुत कम लोगों ने यह सवाल उठाया है: क्या रिपोर्ट लीक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?