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Saturday, 19 July, 2025
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हमास ने फ़िलिस्तीन के मकसद को कमजोर कर दिया है, इसमें अब तक तटस्थ भारत के लिए चलना कठिन होगा

इज़रायल को भारत के समर्थन से ईरान के साथ बड़े मतभेद हो सकते हैं, जहां भारत की आर्थिक भागीदारी चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करती है.

लोग आशावान हैं, अर्थव्यवस्था अपनी चाल से आगे बढ़ रही है, अभी उसमें तेज़ी आने की उम्मीद नहीं है

‘वर्तमान आम आर्थिक स्थिति’ के आकलन पिछले दो साल से सुधार दर्शा रहे हैं, लेकिन सूचकांक 2019 के, जब आर्थिक सुस्ती आ गई थी, आंकड़े से ऊपर नहीं गया है.

‘आंख के बदले दो आंख, दांत के बदले जबड़ा तोड़ने’ की फिलॉसफी हल नहीं है, इजरायल मसले को राजनीति से सुलझाना होगा

बेंजामिन नेतन्याहू मच्छर को मारने के लिए तलवार का इस्तेमाल करने की जो नीति लागू करना चाहते हैं वह विवेकसम्मत नहीं है. मृत बच्चों की तस्वीरें देने वाली जंग में यह सवाल बेमानी है कि असली पीड़ित कौन है.

भारत FY24 में सबसे तेज वृद्धि वाली इकॉनमी बना हुआ है, पर इज़रायल-हमास युद्ध इसे नुकसान पहुंचा सकता है

मध्य पूर्व में संघर्ष धारणाओं और पूर्वानुमानों को उलट सकता है और अगर यह बढ़ता है, तो तेल बाज़ार बाधित हो सकता है. भारत के लिए, यह मुद्रास्फीति पर चिंता बढ़ा सकता है, रुपये पर दबाव डाल सकता है.

एक पसमांदा मुस्लिम के रूप में मैं फ़िलिस्तीन के बारे में सुनकर बड़ी नहीं हुई, हमारे सामने और भी मुद्दे थे

भारतीय मुसलमानों को खुद से पूछना चाहिए कि वे अपने हिंदू भाइयों के बजाय सुदूर फिलिस्तीन के मुसलमानों के लिए चिंता व्यक्त करने को प्राथमिकता क्यों देते हैं, जो भारत में रहते हैं और एक समान संस्कृति साझा करते हैं.

हां, इज़रायल ने फिलिस्तीनियों के साथ अन्याय किया है, लेकिन यह मुद्दा नहीं है, आतंकवाद है

भारत में बहुत अधिक कट्टरता और चिंताजनक स्तर तक इस्लामोफोबिया है. लेकिन हमास के आतंकवाद पर हमारी प्रतिक्रियाएं उससे कहीं आगे हैं.

जाति सर्वे के लिए मोदी सरकार की अनिच्छा ज़मीनी हकीकत को छिपाने का एक राजनीतिक कदम है

बिहार मोदी सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी निभा रहा है. भारत को जाति जनगणना की ज़रूरत है.

जब तक मोदी का ‘विज़न’ यू-टर्न नहीं लेता, मणिपुर हिंसा दूर नहीं होगी

मई में हिंसा भड़कने के बाद से गेंद मोदी के पाले में है. लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें उम्मीद है कि मणिपुरियों की पीड़ा चुनावों के शोरगुल में दब जायेगी.

‘पश्चिम की कथनी-करनी में अंतर है’ अब भारत की विदेश नीति है, पर दिल्ली भी इससे अछूता नहीं है

सीधी-सच्ची बात यह है कि उभरते देशों के लिए भारत द्वारा समर्थन किए जाने के मूल में, बीजिंग से आगे निकलने की इच्छा है. इसे नैतिक दावों की आड़ में छिपाना भी कम पाखंड नहीं है.

नया भारत, नई संसद, नई भाजपा, पीएम मोदी वाजपेयी युग के जन नेताओं से आगे बढ़ रहे हैं

आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा में अंततः वाजपेयी युग के बचे हुए लोग नेताओं की एक नई पीढ़ी के लिए रास्ता बनाते दिखेंगे - वे लोग जिनके लिए सब कुछ पीएम मोदी और शाह ही होंगे.

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ट्रंप्लोमैसी के मज़े: भारत और दुनिया US राष्ट्रपति के 99 मूड्स और 1 मकसद के इर्द-गिर्द घूम रही है

खुली, तीखी, खरी, अनीतिपूर्ण और कभी-कभी अपमानजनक विशेषणों से लैस तारीफों से भरी कूटनीति. इसे हम ‘ट्रंप्लोमैसी’ कहते हैं. लेकिन इस सबके पीछे बड़ा मकसद होता है: अमेरिकी वर्चस्व बनाए रखना.

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राजस्थान : अमेरिकी कोयले में मिलावट कर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, एक गिरफ्तार

जयपुर, 19 जुलाई (भाषा) राजस्थान पुलिस ने अमेरिका से आयातित कोयले में मिलावट कर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर एक व्यक्ति...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.