यह कहानी है कि कैसे नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी, जसवंत सिंह और अविश्वसनीय रूप से मुलायम सिंह की बुद्धिमत्ता के बिना भारतीय वायु सेना का सुखोई-30 हासिल करने का सपना उड़ान भरने से पहले ही ध्वस्त हो गया होता।
'पठान' अगर रूढ़िवादियों और उदारवादियों, दोनों को मुंह छिपाने की जगह मुहैया कराती है, तो ‘धुरंधर’ ऐसी कोई कृपा नहीं करती. आदित्य धर ने आडंबर के चंदोवे को फाड़ डाला है और चाकू को घुमा भी दिया है.