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रविवार, 27 अप्रैल, 2025
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मत-विमत

क्या संघ परिवार मुसलमानों को यूपीएससी परीक्षा देने से रोकता है?

भारी जनादेश वाली सरकार चलाते हुए भी कांग्रेस मुसलमानों को नहीं के बराबर टिकट देती थी. इसलिए भाजपा से इसकी उम्मीद करना मूर्खता होगी.

अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार को ढांचागत बदलाव करने पड़ेंगे

विविध श्रम क़ानूनों को चार संहिताओं में सीमित करना ही काफी नहीं है. संहिताओं के अंदर बदलाव किए बिना केवल संख्या तय करने या घटाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

काश, प्रधानमंत्री उन्हें रोकते, जो जम्मू कश्मीर की लड़कियों पर ‘हक’ जता रहे हैं

प्रधानमंत्री ने यह भी नहीं बताया कि ‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’ या कि ‘हीलिंग टच’ को धता बताकर अटलबिहारी वाजपेयी का सपना कैसे पूरा किया जा सकता है?

मोदी के कश्मीर यॉर्कर ने इमरान खान को किया क्लीन बोल्ड

कश्मीर पर अब तक तो पाकिस्तान ही आगे-आगे चाल चलता रहा है मगर अब मोदी ने अनुच्छेद 370 को रद्द करके खेल उलट दिया है और पाकिस्तान को जवाबी चाल नहीं सूझ रहा

जम्मू कश्मीर : ‘खलनायक’ धारा-370 नहीं कुशासन था

कश्मीर केंद्रीत राजनीति ने जम्मू और लद्दाख में लगातार निराशा पैदा की जिसके लिए नेशनल कांफ्रेस और पीडीपी समान रूप से जिम्मेवार रहे. कांग्रेस भी जम्मू व लद्दाख की भेदभाव से जुड़ी शिकायतों को दूर नही कर सकी.

मनोहरलाल खट्टर ने नहीं कहा कि ‘कश्मीर से लड़कियां लाएंगे’, उन्हें ये ‘मजाक की बात’ जरूर लगी

कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद हरियाणा समेत कई राज्यों के लोगों ने ये कहना शुरू कर दिया है कि कश्मीर से लड़कियां लाएंगे.

सरदार पटेल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारत विभाजन : अनकही दास्तान

आरएसएस ने हाल के दिनों में सरदार पटेल को अपनी विचार परंपरा में शामिल करने की कोशिश की है. लेकिन पुस्तकों में दर्ज सरदार पटेल के तत्कालीन बयानों से समझ में आता है कि संघ को लेकर उनके क्या विचार थे. 

मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को क्यों बचाया जाना चाहिए?

आजम खान से राजनीतिक लड़ाई राजनीतिक तरीके से लड़ी जानी चाहिए. लेकिन किसी विश्वविद्यालय को सिर्फ इसलिए निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए कि उसे आजम खान ने स्थापित किया है.

बीमारू राज्यों में तो नहीं था अनुच्छेद 370, फिर क्यों नहीं कर सके विकास?

तमाम उथल-पुथल के बावजूद जम्मू-कश्मीर ने विकास और मानव विकास दोनों मानकों पर औसत या औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है.

‘कश्मीर बनेगा पाकिस्तान’ के सपने का अंत

तीन दशक बाद भी आम पाकिस्तानियों को देश की कश्मीर नीति का कोई लाभ नहीं मिला है, सिवाय इसके कि जिहाद के आधार पर समाज ध्रुवीकृत हुआ है और लोगों में भारत के खिलाफ घृणा भरी गई.

मत-विमत

आतंकवाद को बढ़ावा देकर पाकिस्तान मुस्लिम जगत में खुद को ही अलग-थलग कर रहा है    

खाड़ी के कुछ देशों की विदेश नीति आज रणनीति, सुरक्षा, और वैश्विक प्राथमिकताओं के आधार पर तय हो रही है, न कि मजहबी और सैद्धांतिक रुझानों के आधार पर.

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मुजफ्फरनगर (उप्र), 27 अप्रैल (भाषा) शामली जिले के आदर्श मंडी क्षेत्र में एक व्यक्ति की गला रेतकर हत्या कर दी गई। एक वरिष्ठ अधिकारी...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.