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Monday, 20 January, 2025
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नेशनल इंट्रेस्ट

इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चल रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने का समय आ गया है, सुप्रीम कोर्ट के पास मौका है

किसी ने यह नहीं सोचा होगा कि भाजपा सरकार चुनाव सुधार करने के अपने वादे पूरे करेगी लेकिन असली निराशा सुप्रीम कोर्ट से हुई है जिसने मामले को बहुत गरम मान कर इसे अगली-ज्यादा-बुद्धिमान-पीढ़ी के सुपुर्द करने जैसा फैसला किया

कर्तव्य पथ पर मोदी से मत पूछिए वे आपके लिए क्या करेंगे, खुद से पूछिए कि आप उनके भारत के लिए क्या करेंगे

नागरिकों के कर्तव्य पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ज़ोर देने का राजनीतिक अर्थ यह है कि गेंद जनता के पाले में डाल दिया जाए. और यही वे सत्ता में आने के बाद से करते रहे हैं.

INS विक्रांत का जश्न मनाइए लेकिन इसकी ज़रूरत को लेकर भारत के नेतृत्व से 3 सवाल

आईएनएस-विक्रांत का भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होना जश्न का मौका है लेकिन क्या भारत को विमानवाही युद्धपोतों की जरूरत है? और किस तरह के व कितने विमानवाही युद्धपोतों की?

क्यों सोनिया-राहुल की कांग्रेस ने पतन की जो दौड़ 2004 में शुरू की थी उसे अब जीतने वाली है

2004 में सत्ता में वापसी के रूप में काँग्रेस की जो लॉटरी लगी थी उसके कारणों पर यथार्थपरक आत्ममंथन करने की जगह उसने उससे तमाम तरह के गलत राजनीतिक निष्कर्ष निकाल लिये.

सुधारों में सुस्ती पर खीज आए तो ‘बे-कसूर’ सजायाफ्ता IAS अधिकारी एचसी गुप्ता को याद करें

2010-13 के उस घोटाला मौसम का साया आज भी भारतीय राजनीति पर मंडरा रहा है और इसके शिकार वे हुए जो निर्णय प्रक्रिया की कड़ी के सबसे निचले छोर पर थे.

राष्ट्रवाद पर मोदी से टक्कर लेने को तैयार केजरीवाल, उन्हें तिरंगा-दर-तिरंगा लोहा लेना पड़ेगा

नरेंद्र मोदी को लेकर अरविंद केजरीवाल ने अपना ‘मौन व्रत’ तोड़ दिया है. राजनीति में आया यह मोड़ बिहार में आए नाटकीय मोड़ जितना ही महत्वपूर्ण है.

कैसे रहे कश्मीर के बीते तीन साल, 3 अच्छे बदलाव और 3 बातें जो और भी बुरी हुईं

पिछले तीन साल कश्मीर एक समस्या के रूप में सुर्खियों में और चिंता के रूप में हम सबके मन पर छाया नहीं रहा, इसे सबसे महत्वपूर्ण और बेहतर बदलाव माना जा सकता है.

मोदी को वही चुनौती दे सकता है जो हिंदुओं और मुसलमानों को एक साथ ला सके

मोदी को भविष्य में चुनौती वही दे सकता है जो हिंदू-मुसलमान को फिर से साथ ला सके; हिंदुओं को हिंदू के रूप में, जातियों में बंटे समूहों में नहीं.

यह सिंपल, गॉड लविंग भारतीय मुस्लिम अपने पीछे कितनी समृद्ध विरासत छोड़ गया है

कुछ और ऐसी चीजें भी हैं जो कलाम कतई नहीं थे, वह क्षुद्र मानसिकता वाले, निंदक, स्वार्थी, प्रतिशोधी, सिद्धांतहीन, अहंकारी नहीं थे. यही वजह है कि एक अरब से अधिक लोग दशकों से उन्हें अपने सबसे प्रिय नेता के तौर पर याद करते हैं.

क्यों लुटा हिंदू कारवां, और क्या है भारतीय सेक्युलरवाद का भविष्य

भारत में धर्मनिरपेक्षता का ठेका लंबे समय से 14 फीसदी मुसलमानों के जिम्मे रहा है लेकिन अब समय आ गया है कि इसकी ज़िम्मेदारी हिंदुओं को संभाल लेनी चाहिए.

मत-विमत

एक नया ‘इज़्म’ आ गया है, जो राइट, लेफ़्ट और सेंटर को मात दे रहा है

इस नई दुनिया में ‘पॉपुलिज़्म’ वाम, दक्षिण, मध्य, सभी मार्गों को ध्वस्त कर रहा है. बेशक हर एक देश, मतदाता समूह, और समाज के लिए यह अलग-अलग रूप में उभर रहा है, इसका आकर्षण और इसकी सफलता इसके प्रयोग में निहित है. यह आपके दिल या दिमाग पर ज्यादा बोझ नहीं डालता.

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राजनीति

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जम्मू-कश्मीर : रहस्यमयी मौतों से प्रभावित राजौरी के सुदूर गांव में बावड़ी के पास आवाजाही बंद

राजौरी/जम्मू, 19 जनवरी (भाषा) जम्मू-कश्मीर के एक सुदूर गांव में तीन परिवारों के 17 सदस्यों की रहस्यमयी ढंग से मौत की जांच के...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.