आदित्य एल1 की परियोजना वैज्ञानिक और वीईएलसी की संचालन प्रबंधक डॉ. मुथु प्रियाल ने कहा, ‘‘तस्वीर चैनल से प्रति मिनट एक तस्वीर आएगी यानी 24 घंटे में लगभग 1,440 तस्वीर हमें जमीनी स्टेशन पर प्राप्त होंगी.’’
इसरो अध्यक्ष सोमनाथ ने कहा, चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाने के साथ चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 बनाने वाली पूरी टीम के योगदान को याद किया जाना चाहिए और मैं उन सभी को इस मौके पर धन्यवाद देता हूं.
चंद्रमा पर भेजे गए सभी मिशन पहले प्रयास में सफल नहीं रहे. पूर्ववर्ती सोवियत संघ अपनी छठी अंतरिक्ष उड़ान में सफलता प्राप्त कर पाया था. अमेरिका चांद पर ‘क्रैश लैंडिंग’ के 13 असफल प्रयासों के बाद 31 जुलाई 1964 को चंद्र मिशन में सफलता का स्वाद चख पाया था.
'भारत के मून मैन' कहलाने वाले मयिलसामी अन्नादुरई ने 2008 में पहले चंद्रयान मिशन और एम वनिता ने 2019 में चंद्रयान-2 मिशन का नेतृत्व किया था, जबकि एम वीरमुथुवेल मौजूदा चंद्रयान-3 मिशन की कमान संभाल रहे हैं.
लैंडिंग का पहला चरण रफ ब्रेकिंग होगा जो लगभग 700 सेकेंड का होगा. इस दौरान लैंडर लगभग 1.68 किमी प्रति सेकेंड की तेजी के साथ यात्रा कर रहा होगा जिसे घटाकर 358 मीटर प्रति सेकेंड पर लाया जाएगा.
चेन्नई, 19 नवंबर (भाषा)मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को संगीत अकादमी को प्रसिद्ध गायिका एमएस सुब्बुलक्ष्मी के नाम पर स्थापित पुरस्कार सुप्रसिद्ध कर्नाटक संगीत...