यहूदी पूजाघरों में बढ़ी सुरक्षा, सरकार से मिली सहायता और छाबड़ हाऊस के दोबारा खुलने से मुंबई में रहने वाले यहूदी एक बार फिर सुरक्षित महसूस करने लगे हैं।
अगर महिलाओं को समान इज़्ज़त देने की मांग को ‘किसी समुदाय को निशाना बनाना’ कहा जाए, तो शायद हर समुदाय को तब तक ‘निशाना’ बनाया जाना चाहिए जब तक बराबरी सबके लिए न हो जाए.