कुएं के पानी में बैक्टीरिया है, वहां चेतावनी लगवा दी थी. लोगों को रोकने की भी कोशिश की गई है. लेकिन अपने अंध विश्वास के चक्कर में और बीमारियों से ग्रस्त होने पर अमादा हैं.
बिहार में जागरूकता फैलाने के लिए आशा वर्कर, एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को घर घर भेजा जा रहा है कि बच्चे खाली पेट न सोएं और खाली पेट न रहें और अगर बच्चे में जरा सी भी बुखार और बीमारी के लक्षण दिखाई दें उन्हें तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
भारत और विदेशों में पायलट एसोसिएशनों ने यह सही तौर पर उठाया है कि रिपोर्ट को जिस तरह से तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, वह गलत है. लेकिन बहुत कम लोगों ने यह सवाल उठाया है: क्या रिपोर्ट लीक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?
नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों की शनिवार शाम ऑनलाइन बैठक होगी जिसमें संसद...