मामले में न्यायमूर्ति एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ तय करेगी कि गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण के संविधान संशोधन को लागू करने को अंतरिम आदेश पारित किया जाना चाहिए या नहीं.
मानकों के पालन को सरल बनाएं. नियमन संबंधी अड़चनों को दुरुस्त करें. उधार देने में समानता बरती जाए और उस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए. ऐसी संस्कृति बनाई जाए जो उद्यम का सम्मान करती हो.