चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जस्टिस एसए बोबडे, चंद्रचूड़, अशोक भूषण और अब्दुल नजीर की पांच जजों वाली खंडपीठ ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई की.
कालाखोरा गांव की महिलाएं बताती हैं, 'आरोपियों में से एक हंसराज तो पहले से ही इस तरह की घटनाओंं में संलिप्त रहा है. उसे एक मंत्री का संरक्षण प्राप्त है.'
जिस महिला ने सीजेआई रंजन गोगोई पर उनके घर के कार्यालय में काम करने के दौरान उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था, वह अब 'मानवाधिकार उल्लंघन' के लिए हर्जाना मांग रही है.
एक दलित युवती का आरोप है कि उसके साथ पांच गुर्जर समुदाय के लड़कों ने तीन घंटे तक बंधक बनाकर बलात्कार किया. इस दौरान उसके पति को भी लड़कों ने वहीं नंगा बैठा रखा था.
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी जिसने चीफ जस्टिस गोगोई पर शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था, उसने कहा मैं अचंभित हूं कि मेरी शिकायत में पैनल को कोई तथ्य नहीं मिला.
हां, हमारे चारों ओर अपराध है, लेकिन जब यह हमारे घरों के अंदर टीवी स्क्रीन पर चौबीसों घंटे सामने आ रहा हो, तो कुछ न कुछ तो करना ही होगा. मैं हमेशा इस डर में रहती हूं कि आखिर क्या होगा.