1997 में डॉ. धनीराम बरुआ के एक मरीज ने सुअर के हृदय और फेफड़े के प्रत्यारोपण के बाद दम तोड़ दिया था. वह अब अपने घर ‘सिटी ऑफ जीनोम’ में ‘बॉयोलॉजिकल मॉलिक्यूल’ तैयार करने में जुटे हैं.
अपने ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट का पाकिस्तान के गोल्ड मेडलिस्ट से होड़ लेने पर शांत रहने और पाकिस्तान के साथ एक सामान्य क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने पर तूफान खड़ा करने का पाखंड तीन बातें उजागर करता है.