मेरठ का एक जल्लाद 16 दिसंबर के दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी को अंजाम देगा, जहां पर मंच को पुनर्निर्मित किया और अच्छी तरह से गहरा और चौड़ा किया गया है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने फीस वृद्धि के विरोध के दौरान पिछले साल नवंबर में पीएमओ को लिखा था कि वीसी-छात्र समुदाय के बीच एक-दूसरे के प्रति प्रेम दिखाया जाता है, पर है नहीं.
कोलकाता से लेकर महाराष्ट्र तक, तमिलनाडु से लेकर केरल तक बंद को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विभिन्न श्रमिक संगठनों की ओर से बुलाए गए भारत बंद का समर्थन किया है.
इस बंद का असर बैंक, परिवहन सेवाओं के साथ ही अन्य सेवायें प्रभावित हो सकतीं हैं. इस हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोगों के भाग लेने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
एंटी सीएए प्रोटेस्ट में हिंसा भड़काने के आरोप में जेल गईं सदफ जफर व पूर्व आईपीएस एस दारापुरी मंगलवार को रिहा होकर आईं तो अपनी आपबीती मीडिया के सामने रखी.
प्रधान न्यायाधीश के अलावा पीठ में शामिल अन्य न्यायाधीश हैं- आर. भानुमति, अशोक भूषण, एल एन राव, एम एम शांतागौडर, एस ए नजीर, आर एसरेड्डी, बी आर गवई और सूर्यकांत .
कैंपस में सिक्योरिटी गार्ड्स की संख्या भी कम हो गई है. पिछले साल अक्टूबर में जहां कैंपस में 500 गार्ड्स हुआ करते थे उसकी तुलना में अभी यहां 270 गार्ड्स हैं.
तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने यूपी की जेलों को लिखा है कि उन्हें जल्लाद की जरूरत है. अधिकारियों ने चारों आरोपियों की फांसी की सजा का समय और तारीख भी उन्हें बताई है.
जगजीत सिंह डल्लेवाल के नेतृत्व में किसानों के लिए ‘एमएसपी’ की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन 2020-21 में नए कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन की छाया मात्र है क्योंकि एमएसपी आज पहले की तरह प्रमुख मुद्दा नहीं रह गया है.