यहूदी पूजाघरों में बढ़ी सुरक्षा, सरकार से मिली सहायता और छाबड़ हाऊस के दोबारा खुलने से मुंबई में रहने वाले यहूदी एक बार फिर सुरक्षित महसूस करने लगे हैं।
सुरक्षा परिषद की विफलताओं का मूल कारण इसके पांच स्थायी सदस्यों की बेहिसाब ताकत और उनका ‘वीटो पावर’ है. दुनिया जबकि लोकतंत्र की दुहाई दे रही है, यह परिषद सबसे आलोकतांत्रिक संस्था नज़र आती है.
वाराणसी (उप्र), अक्टूबर (भाषा) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में विभिन्न छात्र संगठनों के 13 छात्रों को आईआईटी की छात्रा से सामूहिक बलात्कार की घटना...