यहूदी पूजाघरों में बढ़ी सुरक्षा, सरकार से मिली सहायता और छाबड़ हाऊस के दोबारा खुलने से मुंबई में रहने वाले यहूदी एक बार फिर सुरक्षित महसूस करने लगे हैं।
सुरक्षा परिषद की विफलताओं का मूल कारण इसके पांच स्थायी सदस्यों की बेहिसाब ताकत और उनका ‘वीटो पावर’ है. दुनिया जबकि लोकतंत्र की दुहाई दे रही है, यह परिषद सबसे आलोकतांत्रिक संस्था नज़र आती है.
मैसूरु, एक अक्टूबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ एमयूडीए भूमि आवंटन ‘घोटाले’ के शिकायतकर्ता एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ...