केंद्र सरकार राज्यों और अन्य हितधारकों की टिप्पणियों का इंतजार करना चाहती थी लेकिन अब यह मामला 2 मार्च के लिए सूचीबद्ध किया गया है. इस बीच सभी पक्षों के वकीलों को अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा गया है.
भारत को अपने दोनों प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ साफ प्रतिरोध क्षमता हासिल करनी होगी. चीन के मामले में ऐसा उसे हमला करने की बड़ी कीमत चुकाने का डर पैदा करके किया जा सकता है, तो पाकिस्तान को दंड का डर पैदा करके किया जा सकता है.