वर्तमान में कार्यरत अधिकांश भारतीय रक्षा उपकरण सोवियत संघ या रूस में निर्मित हैं, और वैज्ञानिक क्षेत्रों में सहयोग के दायरे में स्पेसफिजिक्स और एयरोस्पेस भी शामिल हैं.
मेरा आकलन यह है कि भारतीय सेना उभरती टेक्नोलॉजी को पूर्ण परिवर्तन की खातिर नहीं बल्कि चरणबद्ध बदलाव के लिए अपना रही है, जबकि पूर्ण परिवर्तन वक़्त की मांग है