यहूदी पूजाघरों में बढ़ी सुरक्षा, सरकार से मिली सहायता और छाबड़ हाऊस के दोबारा खुलने से मुंबई में रहने वाले यहूदी एक बार फिर सुरक्षित महसूस करने लगे हैं।
भारत अपने पूरब में स्थित आर्थिक शक्तियों से जुड़ना चाहता है तो उसे एक ऐसी ही दुनिया बनने की कल्पना करनी चाहिए जैसी दुनिया 19वीं सदी के कोलकाता की थी. वैश्विक भारत केवल नौकरशाही वाली व्यवस्थाओं से नहीं बनेगा, उसके लिए कल्पना की परियोजना की ज़रूरत होगी.