शेखर गौडा ने कहा कि उनके बेटे का पार्थिव शरीर वीन्नित्स्या में है. एक मार्च को उनके बेटे नवीन की मौत हो गई थी. भारत सरकार शव की स्वदेश वापसी से पहले उसे पोलैंड ले जाएगी.
सुरक्षा परिषद की विफलताओं का मूल कारण इसके पांच स्थायी सदस्यों की बेहिसाब ताकत और उनका ‘वीटो पावर’ है. दुनिया जबकि लोकतंत्र की दुहाई दे रही है, यह परिषद सबसे आलोकतांत्रिक संस्था नज़र आती है.