आदिवासियों पर अत्याचार के खिलाफ बतौर विपक्षी दल लगातार आवाज उठाकर सत्ता में आने वाली हेमंत सोरेन सरकार भी इस पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है. ये सब तब हो रहा है जब राज्य में एक आदिवासी मुख्यमंत्री है.
इस मामले पर सुनवाई पूरी हो चुकी है. मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, और जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जेएम खाजी की तीन-न्यायाधीशों की पीठ 5 फरवरी को प्रतिबंध का समर्थन करने वाले कर्नाटक सरकार के आदेश की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को सोमवार को टेलीकॉम डिस्प्यूट ट्रिब्यूनल का अध्यक्ष बनाया गया है. उन्हें रिटायर्ड होने से आठ दिन पहले ही नई नियुक्ति मिल गई थी. वह शुक्रवार को रिटायर हुए.
इंडोनेशिया, मलेशिया, तुर्की, श्रीलंका इस्लाम या बौद्ध धर्म की प्रमुखता के बावजूद संवैधानिक, लोकतांत्रिक और स्थिर व्यवस्था में कैसे बने रहे लेकिन पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार ऐसा क्यों नहीं कर पाए?