समिति के सदस्यों में से एक अनिल घनवट ने सोमवार को यह रिपोर्ट सार्वजनिक की. उन्होंने कहा कि समिति के सामने अपना पक्ष रखने वाले 73 कृषि निकायों में से 61 ने कृषि कानूनों का समर्थन किया था.
इंडोनेशिया, मलेशिया, तुर्की, श्रीलंका इस्लाम या बौद्ध धर्म की प्रमुखता के बावजूद संवैधानिक, लोकतांत्रिक और स्थिर व्यवस्था में कैसे बने रहे लेकिन पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार ऐसा क्यों नहीं कर पाए?