पीएम मोदी सालाना 1 करोड़ नौकरियां सृजन करने में विफ़ल हो गए है. अगले साल आम चुनावों में 13 करोड़ नए मतदाताओं के लिए जो पहली बार वोट करेंगे उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा.
मोदी सरकार जो हर साल एक करोड़ नौकरियां बनाने के वादे के आधार पर सत्ता में आई थी, की गंभीर आलोचना की गई जिसके बाद सरकार ने वार्षिक रोजगार सर्वेक्षण नहीं किया
अमित शाह को लद्दाख में जनता की भावना के बारे में बेहतर जानकारी होनी चाहिए थी, यह देखते हुए कि पार्टी 2014 और 2019 में जीतने के बाद 2024 का लोकसभा चुनाव एक निर्दलीय उम्मीदवार से हार गई.