उम्मीद है भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले साल के मुकाबले इस साल बेहतर हाल में रहेगी लेकिन कोविड की दूसरी लहर से पहले वृद्धि दर 13% से ज्यादा रहने का जो अनुमान लगाया जा रहा था उसकी जगह यह दर 11% या उससे नीचे ही रह सकती है.
विश्व बैंक द्वारा बुधवार को जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान चीन ने 59.5 अरब डॉलर का धनप्रेषण हासिल किया, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 68.3 अरब डॉलर था.
2021-22 के बजट संबंधी दस्तावेज दर्शाते हैं कि सरकार ने केंद्र की तरफ से वैक्सीन फंडिंग के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं की. हालांकि, इस वित्त वर्ष में टीकाकरण पर अब तक 2,520 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
देशभर में हर दिन सामने आ रहे नए केस पिछले साल की तुलना में 300 फीसदी अधिक है, जिसका सीधा-सा मतलब है कि ये बुनियादी ग्रामीण स्वास्थ्य ढांचे पर दबाव बढ़ाएंगे.
रिजर्व बैंक ने छोटे ऋण लेने वालों और असंगठित क्षेत्र की इकाइयों को केंद्र में रखकर कदम उठाए हैं, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की जरूरतों को भी पूरा करने की कोशिश की है लेकिन असली बात तो यह है कि उपायों को कितनी गंभीरता से लागू किया जाता है
कोविड-19 से संक्रमित लोगों के इलाज में काम आने वाली वस्तुओं और बुनियादी सुविधाओं की आपूर्ति बढ़ाने के लिए इनके कारोबार में लगी इकाइयों को बैंकों द्वारा 50,000 करोड़ रुपये के कर्ज की एक नयी सुविधा भी शामिल है.
50 लाख रुपये से अधिक की आय वालों की तरफ से दाखिल किए जाने वाले टैक्स रिटर्न में लगभग 21% की कमी आई है. वहीं, 20 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक की कमाई करने वालों में 8% की गिरावट दिखी है.
सेंसेक्स में सबसे अधिक दो प्रतिशत की तेजी रिलायंस इंडस्ट्रीज में रही. इसके अलावा पावरग्रिड, बजाज फाइनेंस, टीसीएस, भारती एयरटेल, डॉ रेड्डीज और एचडीएफसी बैंक भी मुनाफे में रहे.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी ने फिर से अपनी ताकत दिखा दी है, लेकिन एक बात का अफसोस उन्हें जरूर होगा – उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं को हमारी सेना का अपमान करने दिया. क्या राजनीति इतनी ज़रूरी थी?