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Thursday, 21 November, 2024
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अर्थजगत

रुपया मज़बूत करना है तो श्रम आधारित गतिविधियां बढ़ानी होंगी

जब भारतीय अर्थव्यवस्था चीन समेत तमाम अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में तेज वृद्धि हासिल कर रही थी तो भी रुपया कमजोर क्यों हुआ?

किसान आंदोलनकारी नाराज़, नहीं देंगे मोदी को वोट

किसानों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल पुलिस के बड़े अधिकारियों के साथ लगातार बातचीत कर रहा था और अधिकारी बड़े नेताओ के संपर्क में है.

युवा और सुशिक्षित भारतीयों में बेरोज़गारी 20 वर्षों में सबसे अधिक : एक अध्ययन

अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक भारत उच्च आर्थिक विकास के बावजूद नौकरियों का सृजन करने में नाकाम रहा है. नई...

लोन चुकता न होने की समस्या से कैसे निपटें- सीखें चेन्नई के इस बैंक से

इंडियन बैंक कम एनपीए और रिकॉर्ड मुनाफ़े वाला इकलौता सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है. नई दिल्ली: वर्षों से, मध्य आकार और छोटे सार्वजनिक क्षेत्र के...

युवाओं का मोदी से सीधा सवाल क्या हुआ नौकरियों के वादे का

पीएम मोदी सालाना 1 करोड़ नौकरियां सृजन करने में विफ़ल हो गए है. अगले साल आम चुनावों में 13 करोड़ नए मतदाताओं के लिए जो पहली बार वोट करेंगे उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा.

फैब इंडिया और केवीआईसी को टक्कर देने, अब खादी बाज़ार में आएगा पतंजलि

100 विशेष खुदरा दुकानों को खोलने के अलावा यह 15,000 केवीआईसी स्टोरों के माध्यम से भी अपने उत्पाद बेचने की बना रहा है योजना

कहां हैं नौकरियां? मोदी सरकार का ‘रोज़गार बैंक’ जल्द ही दे सकता है इसका जवाब

मोदी सरकार जो हर साल एक करोड़ नौकरियां बनाने के वादे के आधार पर सत्ता में आई थी, की गंभीर आलोचना की गई जिसके बाद सरकार ने वार्षिक रोजगार सर्वेक्षण नहीं किया

जीएसटी ने पूरा किया एक साल, अच्छी ख़बरों के साथ बुरी ख़बरें अब भी हैं बरक़रार

जीएसटी की सालगिरह के बाद नीति निर्माताओं का कहना है कि पिछले साल कर संग्रह बढ़ा है और प्रारंभिक समस्याओ को सुलझा लिया गया है।

बिहार शराब बैन: राज्य कंगाल, पड़ोसी राज्य मालामाल

दिसम्बर 2015 में जब से नितीश कुमार ने शराब पर प्रतिबन्ध लगाया है तब से बिहार के पड़ोसी राज्यों, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल, ने अपने-अपने उत्पाद राजस्व में नियमित वृद्धि देखी है।

गूगल हैंगआउट्स से लेकर स्वदेशी व्हाट्सएप्प तक, पतंजलि किम्भो के पीछे इस टेकी का है हाथ

अदिति कमल, जो गूगल हैंगआउट्स की टीम लीडर थीं का कहना है कि वे हमेशा से एक देसी चैटिंग प्लेटफार्म डेवेलप करना चाहती थीं; पतंजलि अब इस एप्प को 21 जून को लॉन्च करेगी

मत-विमत

खालिद एकमात्र ऐसे पाकिस्तानी थे जिनके तर्क कश्मीर के सवाल पर नहीं अटकते थे

खालिद अहमद संपादक, लेखक, भाषाविद, अखबार के दफ्तर के रहनुमा, एक सच्चे और दुर्लभ सेकुलर अनीश्वरवादी और शायद नास्तिक शख्स थे और मेरे कई मुस्लिम मित्रों में निश्चित रूप से अकेले ऐसे शख्स थे और वह कोई वामपंथी भी नहीं थे, दूर-दूर तक नहीं.

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राजनीति

देश

सोलर पैनल से सशक्त हो रहे उत्तर प्रदेश के किसान, राज्य बना ऊर्जा का मजबूत केंद्र: मुख्यमंत्री

लखनऊ, 21 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में आयोजित ‘पार्टनरशिप कॉन्क्लेव’ में प्रदेश के सतत विकास और कृषि क्षेत्र...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.